रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | बामौरकलां थाना क्षेत्र के ग्राम खिरिया में शुक्रवार की देर रात घटित जघन्य हत्याकांड की जड़ें वर्षों पुराने जमीन विवाद में हैं। विवाद की शुरुआत वर्ष 2013 में हुई थी, लेकिन इसका खून-खराबे में तब्दील होना 27 जून 2025 की दुखद रात को हुआ। इस झगड़े में एक वृद्ध की जान चली गई, जबकि दोनों पक्षों से करीब दर्जन भर लोग घायल हो गए हैं।
● मूल विवाद: पौने छह बीघा जमीन का मालिकाना हक
ग्राम खिरिया नयागांव की करीब पौने छह बीघा भूदान की जमीन मूल रूप से दीपा सेन के नाम पर दर्ज थी, जिसे वर्ष 1992 में बृघभान यादव ने खरीद लिया था। उस वक्त रजिस्ट्री और नामांतरण की प्रक्रिया पूरी भी हो गई थी। लेकिन वर्ष 2010 में जब राजस्व रिकॉर्ड कम्प्यूटरीकृत हुआ, तब यह भूमि बृघभान के नाम चढ़ नहीं सकी।
इसी त्रुटि के चलते वर्ष 2013 में जमीन पर विवाद शुरू हुआ और मामला तहसील न्यायालय पहुंचा। तहसील न्यायालय ने महेश सेन के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसे एसडीएम न्यायालय और फिर कमिश्नर कोर्ट ने बरकरार रखा। अंततः मामला कलेक्टर न्यायालय शिवपुरी में भेजा गया।
कलेक्टर कोर्ट ने मामले का अंतिम निर्णय होने तक “यथास्थिति बनाए रखने” का आदेश जारी किया था—यानि दोनों पक्षों को खेत पर कोई भी गतिविधि न करने को कहा गया था।
● कोर्ट आदेश के बावजूद की बोवनी, भड़का विवाद
इसके बावजूद सेन पक्ष ने 26 जून की रात खेत में बोवनी करने की कोशिश की। यह जानकारी मिलते ही यादव पक्ष मौके पर पहुंच गया, और विवाद की चिंगारी सुलग उठी। 27 जून को दोनों पक्ष थाने पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी-अपनी बात रखी। लेकिन जैसे ही दोनों पक्ष लौट रहे थे, रास्ते में फिर से टकराव हुआ और खूनी संघर्ष में बदल गया।
इस संघर्ष में 58 वर्षीय बृघभान यादव गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।
● घायलों की सूची और कार्रवाई
इस झगड़े में यादव पक्ष से रामराजा यादव और सालिकराम यादव गंभीर रूप से घायल हैं। वहीं सेन समाज के महेश सेन, अनिल सेन, उषा सेन, जमावती, पूनम सेन और राजीव सेन घायल हुए हैं। सभी घायलों का इलाज जिला अस्पताल शिवपुरी में पुलिस निगरानी में चल रहा है।
● पुलिस कार्रवाई
एसडीओपी प्रशांत शर्मा ने बताया कि,
“दोनों पक्ष जब थाने से लौटकर गांव जा रहे थे, उसी दौरान रास्ते में झगड़ा हुआ। इस हिंसा में एक वृद्ध की मौत हो गई जबकि दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन लोग घायल हैं। पुलिस ने एक पक्ष के खिलाफ हत्या तथा दूसरे पक्ष के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है।”
● प्रशासन के लिए चेतावनी
यह मामला स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ा सवाल है कि जब कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था, तब जमीन पर बोवनी की अनुमति कैसे दी गई? क्या प्रशासनिक विफलता और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी की कमी ने इस हिंसक टकराव को जन्म दिया?
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Author: TEJAS REPORTER (ED)
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