रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | जिले के कांकर गांव में हुई एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। यहां एक भाई ने अपने ही सगे भाई की गोली मारकर हत्या कर दी और पुलिस को गुमराह करने के लिए खुद को भी गोली मार ली, ताकि यह लगे कि वह भी हमले का शिकार हुआ है। लेकिन पुलिस की सूझबूझ और जांच ने सच्चाई उजागर कर दी—रिश्तों की हत्या का असली गुनहगार खुद भाई ही निकला।
खुद को पीड़ित दिखाने की रची थी कहानी
29 सितंबर की सुबह वीरेंद्र कोली, खून से सने कपड़ों में थाने पहुंचा। उसके पैर में गोली लगी थी और वह चिल्ला रहा था कि पांच लोगों ने उसके भाई राजकिशोर कोली की हत्या कर दी और उसे भी गोली मारी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
पहले तो सबको लगा कि यह किसी पुरानी रंजिश का मामला है, लेकिन एसडीओपी आयुष जाखड़ के निर्देशन में जब पुलिस टीम ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया तो कहानी में कई पेंच मिले। गोली करीब से मारी गई थी, और घटनास्थल पर केवल तीन लोगों के पैरों के निशान थे। रिपोर्ट में जिन पांच लोगों के नाम दर्ज थे, वे सभी उस समय गांव से दूर थे।
सच्चाई उजागर हुई – बारूद के निशान ने खोला राज़

जब पुलिस ने वीरेंद्र के कपड़ों की जांच की तो उन पर बारूद के निशान मिले। शक गहराया और जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो वीरेंद्र टूट गया। उसने कबूल किया कि उसने ही अपने भाई को मौत के घाट उतारा।
उसने बताया कि उसका भाई राजकिशोर शराब और जुए का आदी था और घर की जमीन तक बेच चुका था। रोज-रोज के झगड़ों से परेशान होकर वीरेंद्र ने अपने दो दोस्तों त्रिलोक रावत और राहुल रावत के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।
28 सितंबर की रात तीनों ने खेतों में बैठकर शराब पी। उसी दौरान वीरेंद्र ने अपने भाई को गोली मार दी। पुलिस को भ्रमित करने के लिए उसने अपने साथी त्रिलोक से कहा कि उसके पैर में भी गोली मार दो ताकि लगे कि दोनों पर हमला हुआ है। अगले दिन वह थाने पहुंचा और खुद को पीड़ित बनाकर झूठी कहानी सुनाई।
पुलिस की सूझबूझ से सुलझा मामला
जांच में जुटी पुलिस ने जब सभी तथ्यों को परखा तो पूरा सच सामने आ गया। पुलिस ने वीरेंद्र कोली और त्रिलोक रावत को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरा आरोपी राहुल रावत फरार है। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल किया गया 315 बोर का कट्टा, दो मोटरसाइकिलें और एक मोबाइल फोन जब्त किया है।
गांव में पसरा सन्नाटा, रिश्तों की हत्या से लोग स्तब्ध

कांकर गांव में यह खबर आग की तरह फैल गई। लोग दहशत में हैं कि कैसे एक भाई अपने ही भाई का हत्यारा बन गया। गांव के बुजुर्गों का कहना है — “यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि रिश्तों के टूटने की कहानी है।”
समाज के लिए सबक
कांकर की यह घटना बताती है कि नशा, लालच और गुस्सा इंसान को ऐसा अंधा बना देता है कि वह अपने ही खून का दुश्मन बन जाता है। यह मामला सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी है — अगर घरों में नफरत पनपने लगे, तो सबसे पहले इंसानियत मरती है।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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