रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
शिवपुरी/खनियाधाना | आधुनिक शिक्षा प्रणाली और भारतीय परंपराओं के समन्वय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से खनियाधाना के समस्त विद्यालयों में प्रवेश उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दौरान नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं का स्वागत विद्यारंभ संस्कार के माध्यम से किया जाएगा। यह कार्यक्रम 1 अप्रैल से 4 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें आचार्य, शास्त्री, सेवानिवृत्त शिक्षक एवं गायत्री परिवार के विद्वान बच्चों को शिक्षा का प्रथम संस्कार प्रदान करेंगे।
संस्कृति और शिक्षा का अनूठा संगम
खनियाधाना में प्रवेश उत्सव को विशेष बनाने के लिए इस बार विद्यारंभ संस्कार को केंद्र में रखा गया है। इस पहल का उद्देश्य न केवल बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करना है, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति और संस्कारों से भी जोड़ना है। इस कार्यक्रम में जिला परियोजना समन्वयक दफेदार सिंह सिकरवार के मार्गदर्शन में बच्चों के लिए विशेष आयोजन किए गए हैं । बीआरसी संजय भदौरिया ने बताया कि विद्यारंभ संस्कार भारतीय परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, जो शिक्षा के प्रति श्रद्धा और समर्पण की भावना को जागृत करता है।
विद्यालयों में विशेष तैयारियां पूर्ण

प्रवेश उत्सव को सफल बनाने के लिए खनियाधाना के सभी विद्यालयों में सभी तैयारियां पूर्ण कर लीं गईं हैं। शिक्षकों और शाला प्रभारियों ने अपने-अपने विद्यालयों को सुसज्जित करने के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर ली है। कई विद्यालयों में सुंदरकांड, बालसभा, पालक-शिक्षक सम्मेलन और शिक्षा चौपाल कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों और अभिभावकों को शिक्षा के महत्व से अवगत कराया जा रहाहै ।
अभिभावकों और समुदाय की भागीदारी
इस आयोजन में न केवल छात्र-छात्राएं बल्कि उनके अभिभावक और समुदाय के अन्य सदस्य भी सक्रिय रूप से भाग लेंगे। माता-पिता अपने बच्चों के पहले शिक्षा संस्कार का साक्षी बनेंगे, जिससे उनमें शिक्षा के प्रति जागरूकता और बढ़ेगी। शिक्षा चौपाल के माध्यम से गांवों और कस्बों में भी शिक्षा का संदेश पहुंचाया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक बच्चों को विद्यालय से जोड़ा जा सके।
बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम
प्रवेश उत्सव केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक सुनियोजित पहल है, जिसका उद्देश्य शिक्षा को हर घर तक पहुंचाना है। खनियाधाना के ऊर्जावान शिक्षक इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। विद्यारंभ संस्कार के माध्यम से बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ेगी और वे अपनी पढ़ाई को लेकर अधिक गंभीर होंगे।
इस अनूठी पहल से खनियाधाना के विद्यालयों में शिक्षा का एक नया अध्याय शुरू होगा, जहां आधुनिकता और परंपरा का अद्भुत समन्वय देखने को मिलेगा। प्रवेश उत्सव के इस आयोजन से न केवल विद्यालयों में बच्चों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि शिक्षा के प्रति समुदाय में एक नई जागरूकता भी आएगी।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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