छात्रावासों में शिक्षा और प्रेरणा की अलख जगाएंगे कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा, पत्रकारों से छात्रावासों का दौरा करने की अपील, प्रथम पत्रकार वार्ता में कई मुद्दों पर चर्चा

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रिपोर्ट-राकेश कुमार जैन
आज नवागत कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने अपनी पहली पत्रकार वार्ता में जिले की समस्याओं पर चर्चा की, लेकिन उनकी सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने ज्ञान के महत्व को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा,
धन खो सकता है, लेकिन ज्ञान का धन कभी नष्ट नहीं होता।

श्री विश्वकर्मा ने अपनी पहली पत्रकार वार्ता में जिले की छात्रावास व्यवस्था पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि छात्रावास केवल रहने की जगह नहीं, बल्कि शिक्षा और संस्कार का केंद्र होना चाहिए। कलेक्टर ने पत्रकारों से अपील की कि वे छात्रावासों का दौरा करें, वहां के छात्रों से मिलें और उन्हें सकारात्मक विचारों से प्रेरित करें।

“मैं भी छात्रावास में पढ़ा हूं” – कलेक्टर का भावनात्मक जुड़ाव

कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने अपने छात्रावास जीवन को याद करते हुए कहा,
“मैं खुद भी छात्रावास में पढ़ा हूं और जानता हूं कि वहां दूर-दराज के, गरीब और शोषित परिवारों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। हमें उनके बीच जाकर उन्हें यह प्रेरित करना चाहिए कि वे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें, क्योंकि जब एक व्यक्ति शिक्षित होता है, तो उसकी तीन पीढ़ियां उससे प्रेरणा लेकर शिक्षित होती हैं।”

छात्रावासों में सकारात्मक संवाद की पहल

कलेक्टर ने जोर देकर कहा कि व्यवस्थाएं सिर्फ निरीक्षण से नहीं, बल्कि जागरूकता और प्रेरणा से सुधरती हैं।
उन्होंने पत्रकारों से अपील की कि वे जिले के छात्रावासों का दौरा करें, वहां रहने वाले छात्रों से सकारात्मक संवाद स्थापित करें और उन्हें मोटिवेट करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल कलेक्टर के दौरे से व्यवस्थाएं नहीं सुधरेंगी, बल्कि बदलाव धीरे-धीरे और सामूहिक प्रयासों से आएगा।

छात्रावास सुधार के लिए सामूहिक प्रयास

कलेक्टर ने यह भी कहा कि प्रशासनिक सुधारों के साथ-साथ समाज और मीडिया की भागीदारी से ही छात्रावासों का माहौल शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक बनाया जा सकता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि छात्रावासों की समस्याओं को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि वहां रहने वाले बच्चों को सकारात्मक माहौल और मार्गदर्शन मिले।

छात्रावास का अपना अनुभव साझा किया

कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने एक भावनात्मक जुड़ाव व्यक्त करते हुए बताया,
“मैं खुद भी छात्रावास में पढ़ा हूं। मैं जानता हूं कि वहां दूर-दराज, गरीब और शोषित परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं। हमें उनके बीच जाकर उन्हें प्रेरित करना चाहिए कि वे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें, क्योंकि जब एक व्यक्ति शिक्षित होता है, तो उसकी तीन पीढ़ियां उससे प्रेरणा लेकर शिक्षित होती हैं।”

पत्रकारों से संवाद की नई पहल

कलेक्टर ने घोषणा की कि अब हर मंगलवार की जनसुनवाई के बाद वे पत्रकारों से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा,
“जब हम सब मिलकर काम करेंगे, तभी हमारा शहर, जिला और राष्ट्र आगे बढ़ेगा।”

इस नई पहल से प्रशासन और मीडिया के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा, जिससे जनहित के मुद्दों को अधिक प्रभावी ढंग से हल किया जा सकेगा।

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