रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | बुधवार दोपहर नगर परिषद खनियाधाना का माहौल उस वक्त गरम हो गया जब नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती छाया सत्येंद्र साहू और मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) आशुतोष त्रिपाठी के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि दोनों पक्ष थाने पहुंच गए और एक-दूसरे के खिलाफ लिखित शिकायतें दर्ज कराईं। यह विवाद अब पूरे नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है, साथ ही प्रशासनिक अनुशासन और जनप्रतिनिधि-अधिकारी संबंधों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
कार्यालय में भिड़ंत का पूरा घटनाक्रम
सूत्रों के अनुसार, बुधवार दोपहर करीब 12:30 बजे सीएमओ आशुतोष त्रिपाठी अपने कार्यालय में नियमित शासकीय कार्य कर रहे थे। तभी नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती छाया सत्येंद्र साहू ने एक चपरासी के माध्यम से सीएमओ को अपने चैम्बर में बुलवाया। जब सीएमओ पहुंचे तो वहाँ अध्यक्ष के पति सत्येंद्र साहू भी पहले से मौजूद थे।
बताया गया कि बैठक के दौरान अध्यक्ष ने सीएमओ से कहा कि आगे से उनके पति के निर्देशों के अनुसार काम करें। इस पर सीएमओ ने जवाब दिया कि वे केवल अध्यक्ष के वैधानिक आदेशों का पालन करेंगे, किसी निजी व्यक्ति के निर्देशों का नहीं। इसी बात पर दोनों के बीच तीखी बहस हो गई और माहौल तनावपूर्ण बन गया।
अध्यक्ष का आरोप — “सीएमओ ने की अमर्यादित भाषा का प्रयोग”
विवाद के बाद अध्यक्ष छाया साहू ने पुलिस थाना खनियाधाना पहुंचकर सीएमओ के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई। अपने आवेदन में उन्होंने आरोप लगाया कि सीएमओ ने उनसे अमर्यादित भाषा में बात की और अध्यक्ष पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि सीएमओ पर प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
सीएमओ की शिकायत — “अवैधानिक दबाव और शासकीय कार्य में बाधा”

अध्यक्ष की शिकायत की खबर मिलते ही सीएमओ आशुतोष त्रिपाठी भी कर्मचारियों के साथ थाने पहुंचे। उन्होंने भी अध्यक्ष के खिलाफ लिखित शिकायत दी।
अपने आवेदन में सीएमओ ने कहा कि वे अपने दफ्तर में शासकीय कार्य कर रहे थे, तभी अध्यक्ष ने उन्हें बुलाकर अवैधानिक दबाव बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष के पति का कार्यालयीन मामलों में हस्तक्षेप पूर्णतः अनुचित है और इससे शासकीय कार्य प्रभावित हो रहा है।
सीएमओ ने पुलिस से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और उचित कार्यवाही की मांग की है।
कर्मचारियों में बंटी नगर परिषद, दिनभर छाया रहा तनाव
घटना के बाद नगर परिषद कार्यालय में दिनभर तनाव का माहौल रहा। कर्मचारी दो गुटों में बंट गए — एक पक्ष अध्यक्ष के समर्थन में तो दूसरा सीएमओ के पक्ष में। बताया जा रहा है कि इस विवाद के चलते कई विभागीय कार्य भी प्रभावित हुए।
स्थानीय लोगों में नाराजगी, जिला प्रशासन से जांच की मांग
नगर में इस घटना को लेकर नागरिकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि सार्वजनिक स्थान पर इस तरह की नोकझोंक से नगर परिषद की छवि धूमिल होती है और विकास कार्यों पर सीधा असर पड़ता है।
नगर के वरिष्ठ नागरिकों ने जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच कराने और दोनों पक्षों को अनुशासन में लाने की मांग की है।
प्रशासनिक और राजनीतिक टकराव का उदाहरण
खनियाधाना नगर परिषद की यह घटना इस बात का उदाहरण बन गई है कि सत्ता और प्रशासन के बीच संवाद की कमी कैसे जनहित के कार्यों को राजनीतिक टकराव में बदल देती है। फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों के आवेदन प्राप्त कर लिए हैं और जांच शुरू करने की बात कही है।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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