रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | मध्यप्रदेश के खनियाधाना तहसील अंतर्गत दुर्गापुर पहाड़ी पर स्थापित लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा को असामाजिक तत्वों द्वारा खंडित कर दिया गया। यह घटना न केवल पाल समाज बल्कि समूचे क्षेत्र की धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को झकझोर देने वाली है। प्रतिमा का चेहरा और हाथ में रखी भगवान शंकर की पिंडी को तोड़ने की यह शर्मनाक हरकत 29 और 30 मई की दरम्यानी रात को अंजाम दी गई। शुक्रवार सुबह जैसे ही इस घटना की जानकारी फैली, समाज के सैकड़ों लोग आक्रोशित होकर घटनास्थल पर एकत्रित हो गए।
समाज में गुस्सा, भावनाएं आहत
घटना की जानकारी लगते ही पाल समाज के लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया। प्रतिमा खंडित होने की सूचना मिलते ही समाज के सैकड़ों लोग दुर्गापुर पहाड़ी पहुंचे और घटना पर तीव्र नाराजगी जताई। समाज के लोगों ने स्पष्ट कहा कि यह कृत्य पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।
गौरतलब है कि पूरे देश में 21 से 31 मई तक लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती समारोहपूर्वक मनाई जा रही है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मई को मध्यप्रदेश में अहिल्याबाई होलकर के सम्मान में स्मृति सिक्का जारी करने वाले हैं। ऐसे महत्वपूर्ण और गौरवपूर्ण अवसर से ठीक एक दिन पहले प्रतिमा को खंडित करना, किसी गहरी साजिश की ओर इशारा करता है।
समाज ने प्रशासन पर उठाए सवाल
पाल समाज के लोगों ने प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। समाज के प्रमुखों ने कहा कि जब पूरे क्षेत्र में जयंती समारोह को लेकर तैयारियां चल रही थीं, तब सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन क्यों लापरवाह रहा? समाज के लोगों ने यह भी आशंका जताई कि यह कार्य किसी संगठित गिरोह द्वारा समाज की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है।
प्राथमिकी दर्ज, जांच शुरू
इस मामले में मलावनी गांव निवासी जगत सिंह पुत्र कैलाश बघेल (36) ने थाने में मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बताया कि वे अपने साथियों के साथ सुबह 11:30 बजे प्रतिमा स्थल पहुंचे, तो देखा कि मां अहिल्याबाई की आंख, नाक और हाथ में रखी भगवान शंकर की पिंडी तोड़ी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना रात के समय की प्रतीत होती है, संभवतः 29-30 मई की दरम्यानी रात को अंजाम दी गई।
खनियाधाना पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीम गठित कर दी गई है जो शीघ्र ही आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करेगी। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
समाज ने दी शांति बनाए रखने की मिसाल
पुलिस और प्रशासन द्वारा शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद पाल समाज के लोगों ने शांति बनाए रखते हुए अपना विरोध समाप्त किया। प्रशासन ने यह भी वादा किया है कि जल्द से जल्द प्रतिमा की पुनः स्थापना की जाएगी ताकि समाज की भावनाओं को तृप्त किया जा सके।
यहां यह उल्लेखनीय है कि देवी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा 16 अक्टूबर 2024 को पाल समाज द्वारा स्थापित की गई थी। समाज के लोगों के अनुसार यह प्रतिमा उनके गौरव और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जिसे तोड़ना केवल मूर्ति खंडन नहीं, बल्कि पूरे समाज का अपमान है।
प्रशासन और पुलिस के लिए चुनौती
इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर प्रदेश में बड़े स्तर पर देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती मनाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर इतनी संवेदनशील प्रतिमा स्थल की सुरक्षा में चूक सामने आई है। ऐसे घटनाएं सामाजिक सौहार्द को प्रभावित करने वाली होती हैं, जो समाज को तोड़ने की साजिश का हिस्सा हो सकती हैं।
प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वह इस पूरे मामले में तेजी से कार्रवाई करे, दोषियों की पहचान कर उन्हें कठोरतम सजा दिलाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु सख्त कदम उठाए।
देवी अहिल्याबाई होलकर न केवल मालवा की महान शासिका थीं, बल्कि वे न्याय, धर्म और समाज सेवा की प्रतीक रही हैं। उनकी प्रतिमा को खंडित किया जाना सम्पूर्ण समाज के लिए अपमानजनक और दुखद है। यह घटना न केवल एक अपराध है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक समरसता पर चोट है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन दोषियों को कितनी तेजी से न्याय के कठघरे तक पहुंचाता है।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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