रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी/कोलारस | मध्य प्रदेश कांग्रेस इन दिनों एक बार फिर से सियासी उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। जिले की कोलारस विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने सोमवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी एक पत्र के माध्यम से सोशल मीडिया पर साझा की, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राजनीति से विराम लेने की बात कही है।
हालांकि, रघुवंशी के इस अचानक फैसले ने कांग्रेस पार्टी के भीतर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कारण यह है कि इस्तीफे से ठीक एक दिन पहले ही उन्होंने कोलारस में कांग्रेस संगठन सृजन अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण बैठक की जानकारी सार्वजनिक की थी। यह बैठक 16 जून को होटल फुलराज में प्रस्तावित है, जिसमें शिवपुरी जिले के नए कांग्रेस जिला अध्यक्ष के चयन पर चर्चा होनी है। इस बैठक में केंद्रीय व प्रदेश पर्यवेक्षक समेत वरिष्ठ नेता भी आमंत्रित हैं।
क्या केवल ‘स्वास्थ्य’ है कारण?
वीरेंद्र रघुवंशी द्वारा दिए गए इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख किया गया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक और स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता इसे केवल एक “बहाना” मान रहे हैं। अंदरूनी सूत्रों की मानें तो रघुवंशी बीते कुछ समय से पार्टी में उपेक्षा और गुटबाजी से बेहद आहत थे। उनके सुझावों की लगातार अनदेखी, निर्णय प्रक्रिया से दूरी और नए नेतृत्व के साथ बढ़ते मतभेद ने उन्हें किनारे लगा दिया था।
पार्टी में हाशिए पर चले गए थे रघुवंशी?
सूत्रों के अनुसार, वीरेंद्र रघुवंशी पार्टी में अपनी भूमिका को लेकर नाखुश थे। एक समय कोलारस क्षेत्र में कांग्रेस का मजबूत चेहरा माने जाने वाले रघुवंशी धीरे-धीरे संगठन की बैठकों और रणनीति से दूर होते चले गए। पार्टी के हालिया निर्णयों में उनकी भागीदारी बेहद सीमित हो गई थी, जिससे यह संकेत मिलने लगे थे कि वे अब खुद को संगठन में असहज महसूस कर रहे हैं।
क्या रघुवंशी करेंगे राजनीतिक पाला बदल?
रघुवंशी द्वारा कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं कि वे अब किस ओर रुख करेंगे। हालांकि अभी तक उन्होंने इस विषय में कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके भाजपा के कुछ नेताओं से हालिया संपर्कों को लेकर भी चर्चाएं ज़ोर पकड़ रही हैं। अगर रघुवंशी भाजपा या किसी अन्य दल में शामिल होते हैं तो यह कांग्रेस के लिए कोलारस में एक बड़ी राजनीतिक क्षति होगी।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतज़ार
इस घटनाक्रम के बाद शिवपुरी जिले की कांग्रेस इकाई से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेताओं ने अनौपचारिक रूप से इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और उम्मीद जताई है कि रघुवंशी को मनाने का प्रयास किया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों की नजर
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस तरह के इस्तीफे केवल व्यक्तिगत निर्णय नहीं होते, बल्कि यह पार्टी के अंदरूनी ताने-बाने में चल रही समस्याओं का संकेत होते हैं। कांग्रेस पहले ही प्रदेश में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है और ऐसे समय में कोलारस जैसे क्षेत्र में एक प्रभावशाली नेता का जाना पार्टी की जमीनी पकड़ को कमजोर कर सकता है।
वीरेंद्र रघुवंशी का कांग्रेस से इस्तीफा देना केवल एक राजनीतिक घटना नहीं बल्कि पार्टी संगठन के भीतर चल रहे असंतोष और गुटबाजी का बड़ा संकेत है। अब देखना यह है कि कांग्रेस इस स्थिति से कैसे निपटती है और रघुवंशी आगे किस राजनीतिक दिशा में कदम बढ़ाते हैं।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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