रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | शिक्षा विभाग के खनियांधाना विकासखंड में सामने आया करोड़ों के घोटाले जैसा यह मामला अब गंभीर प्रशासनिक और कानूनी मोड़ पर पहुंच चुका है। पिछले दिनों कार्यालय खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) खनियांधाना में हुई आर्थिक अनियमितता में ₹81 लाख 23 हजार 728 रुपए का कपटपूर्ण भुगतान सामने आया था। इस गबन में तत्कालीन बीईओ प्रकाश सूर्यवंशी सहित छह शासकीय सेवकों के विरुद्ध पुलिस प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी,वहीं चार कर्मचारियों को कलेक्टर द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। गहन जांच चल रही थी।
गबन कांड की जड़ में बीईओ की भूमिका
इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब आयुक्त कोष एवं लेखा को खनियांधाना बीईओ कार्यालय से जुड़े कुछ बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन की सूचना मिली। तत्पश्चात, अनुविभागीय अधिकारी पिछोर की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय जांच समिति गठित की गई, जिसने जांच कर जो प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, उसमें बीईओ प्रकाश सूर्यवंशी की सीधी संलिप्तता उजागर हुई।
जांच में यह पाया गया कि सूर्यवंशी ने:
आहरण अधिकारी के अपने दायित्वों का पालन नहीं किया,
अपना लॉगिन पासवर्ड अनाधिकृत कर्मचारियों को सौंप दिया,
बिना सक्षम स्वीकृति के अपने यात्रा बिल, जीपीएफ पार्ट फाइनल एवं अन्य देयकों का भुगतान कराया,
शासन की अनुमति के बिना सरकारी खाता संचालित किया,
चेक द्वारा फर्जी भुगतान किए,
और यहां तक कि विभागीय कर्मचारी ओमकार धुर्वे के खाते में राशि ट्रांसफर की।
आंकड़ों में गबन की भयावहता
जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से बताया गया कि:
कुल 40 खातों में से 18 खातों में ₹68.77 लाख का फर्जी भुगतान हुआ,
8 अन्य खातों में ₹6.19 लाख ट्रांसफर किए गए,
सहायक ग्रेड-3 ओमकार सिंह धुर्वे को ₹6.03 लाख मिले,
और लेखापाल सुखनंदन रसगैया को अक्टूबर 2020 के वेतन में ₹24,200 का अतिरिक्त भुगतान किया गया।
इस प्रकार, कुल गबन की राशि ₹81,23,728 रुपए आँकी गई है।
पहले चार शासकीय सेवकों का तत्काल निलंबन, और अब बीईओ को भी निलंबित कर दिया है गया।
पिछले दिनों जांच रिपोर्ट मिलने के तुरंत बाद कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक गणक, दो लिपिक, और एक माध्यमिक शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। साथ ही, बीईओ प्रकाश सूर्यवंशी के निलंबन का प्रस्ताव संभागायुक्त को भेजा गया था, जिसमें संलिप्तता पाये जाने पर उक्त कार्रवाई की गयी है।
अब तक जिन शासकीय सेवकों के विरुद्ध एफआईआर के बाद निलंबन की कार्यवाही की गई है, वे हैं:
प्रकाश सूर्यवंशी (बीईओ, खनियांधाना)
सतीश शरण गुप्ता (प्राचार्य, शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय पिछोर)
सुखनंदन रसगैया (लेखापाल)
ओमकार सिंह धुर्वे (सहायक ग्रेड-3)
गिरेंद्र कुमार कघारिया (सहायक ग्रेड-2)
और
यशपाल बघेल (माध्यमिक शिक्षक)
इन सभी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, भारतीय न्याय संहिता 2023, आईटी एक्ट 2000, तथा मध्यप्रदेश वित्तीय संहिता नियम-25 के अंतर्गत आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए गए हैं।
शिक्षा व्यवस्था को बनाए रखने प्रशासन का त्वरित निर्णय
इस गबन कांड के बीच, खनियांधाना विकासखंड के शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और अन्य प्रशासनिक कार्यों को सुचारू बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने एक प्रशंसनीय और त्वरित निर्णय लिया है। जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़ ने जानकारी दी कि प्रशासकीय सुविधा और वित्तीय प्रक्रिया की निरंतरता के लिए प्राचार्य कन्या उमावि कोलारस, विवेक महेन्द्रा को खनियांधाना विकासखंड का आहरण एवं संवितरण अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
पारदर्शिता और जवाबदेही पर बड़ा प्रश्न
इस प्रकरण ने न केवल शिक्षा विभाग बल्कि पूरे सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले ने यह उजागर किया है कि कैसे उच्च पदों पर बैठे अधिकारी अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर सकते हैं और लाखों की शासकीय राशि को निजी स्वार्थ में इस्तेमाल कर सकते हैं।
स्थानीय आक्रोश और आगे की कार्रवाई पर नजरें
स्थानीय शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों में इस घोटाले को लेकर गहरा आक्रोश है। वहीं, प्रशासनिक अमले की तेजी से की गई कार्रवाई ने एक सकारात्मक संदेश भी दिया है कि भ्रष्टाचार अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब निगाहें आगामी न्यायिक व विभागीय कार्रवाई पर टिकी हैं।
खनियांधाना गबन कांड मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में ईमानदारी, पारदर्शिता और जिम्मेदारी के मूल्यों पर एक कठोर परीक्षा बनकर सामने आया है। प्रशासन की अब तक की कार्यवाही सराहनीय रही है, लेकिन यह तभी पूरी मानी जाएगी जब दोषियों को कड़ी सजा, और पीड़ित सरकारी तंत्र को सुधारात्मक कदमों के साथ पुनः सशक्त किया जाए।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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