अक्षय तृतीया पर बाल विवाह जागरूकता रथ को कलेक्टर ने दिखाई हरी झंडी, गांव-गांव जाकर बाल विवाह के विरुद्ध करेगा जनजागरूकता, धार्मिक स्थलों पर भी की जाएगी अपील

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रिपोर्ट – राजू अतुलकर
रायसेन | अक्षय तृतीया जैसे शुभ पर्व पर इस बार एक विशेष संदेश लेकर बाल विवाह जागरूकता रथ की शुरुआत हुई। शुक्रवार को जिला कलेक्टर कार्यालय से इस रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा, पुलिस अधीक्षक पंकज पांडे, एएसपी कमलेश खरपुसे, जिला पंचायत सदस्य राजन बघेल और कृषक सहयोग संस्थान के निदेशक डॉ. एच. बी. सेन ने संयुक्त रूप से रथ को रवाना कर अभियान की शुरुआत की।
यह प्रचार रथ “बाल विवाह मुक्त भारत अभियान” के तहत एक्सेस टू जस्टिस प्रोग्राम और सहयोगी संस्था कृषक सहयोग संस्थान के संयुक्त प्रयास से तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य जिले के गांव-गांव में जाकर लोगों को बाल विवाह की कानूनी जानकारी देना और इस सामाजिक कुरीति के खिलाफ जनचेतना फैलाना है।

 

इस अवसर पर कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने कहा कि, “बाल विवाह न सिर्फ सामाजिक बुराई है, बल्कि यह कानूनन अपराध भी है। ऐसे में आमजन को इसके दुष्परिणामों और कानूनी प्रावधानों की जानकारी देना बेहद जरूरी है।” उन्होंने अपील की कि ग्रामीण समाज को भी अब बाल विवाह के खिलाफ खड़ा होना होगा और आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य देना होगा।
एसपी पंकज पांडे ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन बड़ी संख्या में विवाह होते हैं। “परंपराएं और जानकारी की कमी लोगों को बाल विवाह की ओर धकेल देती है। यह प्रचार रथ लोगों को जागरूक करने में कारगर सिद्ध होगा,” उन्होंने कहा।

एएसपी कमलेश खरपुसे ने बाल विवाह से जुड़ी सख्त सज़ाओं की जानकारी देते हुए बताया कि इस अपराध में दोषी पाए जाने पर दो साल की सजा या एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कहीं बाल विवाह की संभावना नजर आए, तो तत्काल पुलिस को 112 या चाइल्डलाइन 1098 पर सूचना दें।

डॉ. एच. बी. सेन ने बताया कि रथ मंदिरों, मस्जिदों और संभावित विवाह स्थलों पर जाकर स्थानीय धर्मगुरुओं से बाल विवाह के विरोध में अपील करवाएगा। “हम चाहते हैं कि इस अक्षय तृतीया पर एक भी बाल विवाह न हो। इसके लिए धार्मिक नेताओं की भागीदारी बहुत जरूरी है,” उन्होंने कहा।
जिला समन्वयक अनिल भवरे ने जानकारी दी कि यह प्रचार रथ रायसेन जिले की सभी तहसीलों और प्रमुख गांवों में जाकर प्रचार करेगा। रथ के माध्यम से बाल विवाह की कानूनी जानकारी वाले पंपलेट और फोल्डर वितरित किए जाएंगे। इसके साथ चल रही सांस्कृतिक मंडली नुक्कड़ नाटक, गीत-संगीत और चौपालों के जरिये गांव-गांव जाकर संदेश देगी।
अमित चक्रवर्ती, जगदीश शर्मा, गोविंद नाविक, निखिल सेन और राजकुमार जैसे संस्था के कार्यकर्ता भी रथ के साथ प्रचार में शामिल हैं। ये कार्यकर्ता लोगों को बाल विवाह न करने की शपथ भी दिलवा रहे हैं, जिससे सामाजिक स्तर पर बदलाव संभव हो सके।
यह पहल न केवल एक सामाजिक संदेश है, बल्कि जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। प्रचार रथ की यह यात्रा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद जगाती है।

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Raju Atulkar
Author: Raju Atulkar

तेजस रिपोर्टर डिजिटल के लिए काम करता हूं। पत्रकारिता में साल 2015 से सफर की शुरुआत की। अब समसामयिक विषयों पर खबरें लिखने में रुचि रखता हूं।

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