रिपोर्ट-राकेश कुमार जैन
ओबेदुल्लागंज | रायसेन पुलिस ने गौ-वध और मांस तस्करी के संगीन मामले में लंबे समय से फरार चल रहे इनामी आरोपी को दबोच लिया है। इस सफलता के पीछे साइबर तकनीक और सतर्क पुलिस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुलिस ने इस गिरफ्तारी को अंजाम देकर अपराध पर शिकंजा कसने का एक और बड़ा कदम उठाया है।
उल्लेखनीय है, की पिछले वर्ष 14 दिसंबर 2024 को पुलिस को सूचना मिली कि एक इनोवा कार (MP04TA2337) के जरिए गौवंश का मांस अवैध रूप से परिवहन किया जा रहा है। टोल नाका बिशनखेड़ा पर जब पुलिस ने गाड़ी को रोका, तो चालक के साथ बैठा एक संदिग्ध व्यक्ति भागने में सफल हो गया। जब पुलिस ने वाहन की तलाशी ली, तो उसमें 11 बोरियों में गौवंश का मांस बरामद हुआ। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ धारा 325 बीएनएस, 4,5,9 म.प्र. गौवंश प्रतिषेध अधिनियम 2004 और 11(1)घ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस की रणनीति और सतर्कता
पुलिस अधीक्षक श्री पंकज कुमार पांडेय के निर्देश पर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री कमलेश कुमार खरपूसे एवं एसडीओपी रायसेन श्रीमती शीला सुराणा के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम गठित की गई। इस टीम का नेतृत्व थाना प्रभारी औबेदुल्लागंज निरीक्षक भरत प्रताप सिंह ने किया और आरोपियों की तलाश के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास शुरू किए गए।
पहले पकड़े गए आरोपी, फरार आरोपी पर इनाम घोषित
जांच के दौरान पुलिस ने मुख्य आरोपी दीपांशू पटेल और आरिफ को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि, अन्य आरोपी फरार थे। अपराध की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने फरार आरोपियों अख्तर कुरैशी और दो अन्य पर ₹5000 का इनाम घोषित किया था।
तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर मिली सफलता
तकनीकी विश्लेषण और साइबर सेल की मदद से पुलिस को फरार आरोपी की लोकेशन का सुराग मिला। 15 फरवरी 2025 को विशेष अभियान के तहत पुलिस टीम ने भोपाल में छापा मारकर अख्तर कुरैशी (पिता लियाकत कुरैशी) निवासी भोपाल और रफीक उर्फ शारीक कुरैशी (पिता हफीज कुरैशी) निवासी गली नं. 02, चमारपुरा, जिन्सी, थाना जहांगीराबाद, भोपाल को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद दोनों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस पूरे अभियान में एसडीओपी रायसेन श्रीमती शीला सुराणा, थाना प्रभारी निरीक्षक भरत प्रताप सिंह, उप निरीक्षक संतोष कुमार मोंगिया, प्रधान आरक्षक आदेश चौरे, प्रधान आरक्षक पुष्पेंद्र सिंह, प्रधान आरक्षक अभिषेक चौधरी, प्रधान आरक्षक अभिषेक मीना (थाना नूरगंज), आरक्षक जितेंद्र कुमार, सउनि सुरेंद्र सिंह (सायबर सेल रायसेन) और सायबर टीम की विशेष भूमिका रही।
रायसेन पुलिस की इस कार्यवाही ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता। यह गिरफ्तारी न केवल गौवंश तस्करी पर एक मजबूत प्रहार है, बल्कि पुलिस की सटीक रणनीति और समर्पित प्रयासों की भी मिसाल है। पुलिस टीम की मुस्तैदी और साइबर तकनीक के बेहतर उपयोग ने इस सफलता को संभव बनाया, जिससे अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
ये ख़बर आपने पढ़ी देश के तेजी से बढ़ते लोकप्रिय हिंदी न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म 🖱️www.tejasreporter.com पर
📱आज तेजी से बदलते परिवेश में जहां हर क्षेत्र का डिजिटलीकरण हो रहा है, ऐसे में
📰 “दैनिक तेजस रिपोर्टर”
🌐 www.tejasreporter.com सटीक समाचार और तथ्यात्मक रिपोर्ट्स लेकर आधुनिक तकनीक से लैस अपने डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रस्तुत है। अपने निडर, निष्पक्ष, सत्य और सटीक लेखनी के साथ…
मैं पंकज जैन ✍🏻 और मेरे सहयोगी अब ⏱️24X7 आप तक देश विदेश की महत्वपूर्ण खबरों को पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हैं।
ऐसी ही ताज़ा और अहम ख़बरों के लिए जुड़े रहें!
सभी अपडेट्स व नोटिफिकेशन प्राप्ति के लिए नीचे दिए गए बेल आइकन पर क्लिक कर अभी सब्सक्राइब करें।

Author: Tejas Reporter
Post Views: 102