रिपोर्ट : अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | खनियांधाना तहसील के बामौर कलां थाना अंतर्गत पिछोर अनुविभाग के ग्राम दिदावनी में उर नहर लोअर परियोजना और नागाहोरी डेम से प्रभावित ग्रामीणों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। मुआवज़ा और पुनर्वास न मिलने से नाराज़ ग्रामीणों ने पहले गाँव की नहर पर जल समाधि का प्रयास किया और अब चेतावनी दी है कि यदि उनकी माँगें नहीं मानी गईं तो वे भोपाल के बड़े तालाब में सामूहिक जल समाधि लेंगे।
पहले भी कर चुके जल समाधि का प्रयास
युवा ग्रामीण धर्मेंद्र यादव ने बताया –
“इससे पहले भी हम लोग नहर किनारे चार घंटे तक जल समाधि ले चुके हैं। उस वक्त तहसीलदार महोदय मौके पर पहुँचे और मुआवज़ा दिलाने का आश्वासन दिया था। हमने भरोसा किया, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।”
धर्मेंद्र का कहना है कि ग्रामीणों ने कलेक्टर की जनसुनवाई में भी आवेदन दिया, लेकिन कलेक्टर स्तर पर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
एसडीएम की मौजूदगी में मिला निराशाजनक जवाब
ग्रामीणों के अनुसार, आज जब एसडीएम जी मौके पर पहुँचीं, तब भी ग्रामीणों को निराशा ही हाथ लगी। ग्रामीणों का आरोप है कि –
“एसडीएम मैडम ने साफ कहा कि नहर अब आपके गाँव से होकर ही गुजरेगी, इसमें आप कुछ नहीं कर सकते। जिनको मुआवज़ा मिलना था, उन्हें मिल गया। शासन के काम में दखलअंदाज़ी मत करो।”
यह बयान ग्रामीणों के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने जैसा साबित हुआ।
भोपाल कूच की घोषणा
अब ग्रामीणों ने ऐलान किया है कि यदि उनकी माँगें पूरी नहीं हुईं तो वे सैकड़ों की संख्या में भोपाल पहुँचकर बड़े तालाब में सामूहिक जल समाधि लेंगे।
धर्मेंद्र यादव ने कहा –
“हमारे पास अब मरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनेगी तो भोपाल में अपनी जान देकर सबको दिखाएँगे कि गरीब किसान को न्याय दिलाने वाला कोई नहीं है।”
ग्रामीणों की माँगें
1. प्रभावित मकानों, खेतों और संपत्ति का तुरंत मुआवज़ा वितरण।
2. अंडरग्राउंड नहर निर्माण, ताकि गाँव जलमग्न न हो।
3. प्रभावित परिवारों का सुरक्षित पुनर्वास।
गंभीर प्रशासनिक लापरवाही
यह पूरा मामला प्रदेश में चल रही परियोजनाओं और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल खड़ा करता है। पहले तहसीलदार का आश्वासन, फिर कलेक्टर की अनदेखी और अंततः एसडीएम की तरफ से निराशाजनक जवाब – यह सब दर्शाता है कि गरीब किसानों को बार-बार केवल बहलाया और टरकाया जा रहा है।
दिदावनी गाँव का यह संघर्ष अब गाँव से निकलकर राजधानी भोपाल की ओर बढ़ रहा है। यह केवल एक परियोजना का विवाद नहीं, बल्कि इस सवाल का प्रतीक है कि –
क्या विकास योजनाओं में गरीब किसानों और ग्रामीणों की कोई जगह है, या वे सिर्फ कुर्बानी देने के लिए ही बने हैं?
इनका कहना है-
-मुझे जहां तक पता है कि दिदावली में कुछ भी नहीं हुआ है। आप बता रहे हैं तो मैं पता कर लेती हूं कि दिदावली में कुछ भी नहीं हुआ है।
(ममता शाक्य,एसडीएम पिछोर)
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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