रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | अछरौनी रामपुरा निवासी डॉक्टर कुलवंत सिंह लोधी पुत्र कैलाश लोधी की संदिग्ध हालातों में मौत ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि यह एक सुनियोजित हत्या है, जिसे सड़क हादसे का रूप देने की कोशिश की जा रही है। मृतक के छोटे भाई अभिलाष लोधी ने हमारे संवाददाता को बताया कि उनका बड़ा भाई 12 जुलाई को किसी न्यायिक प्रक्रिया के सिलसिले में कोर्ट में पेशी के लिए निकला था, लेकिन इसके बाद वह घर नहीं लौटा।
फेसबुक से लगी जानकारी, डायल-100 ने छोड़ा था घायल अवस्था में
परिजनों के अनुसार, कई दिनों तक तलाश करने के बाद फेसबुक के माध्यम से उन्हें यह जानकारी मिली कि कुलवंत सिंह को डायल-100 वाहन ने गंभीर रूप से घायल अवस्था में सड़क किनारे छोड़ा था। इसके बाद परिजन तत्काल शिवपुरी सिविल अस्पताल पहुंचे, जहां से गंभीर हालत को देखते हुए उसे ग्वालियर रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
रिपोर्ट लिखाने पहुंचे, लेकिन पुलिस पर गंभीर आरोप
डॉक्टर कुलवंत की संदिग्ध मौत को लेकर जब परिजन रिपोर्ट दर्ज कराने पिछोर थाने पहुंचे तो, उनका आरोप है कि पुलिस ने रिपोर्ट लिखने की बजाय उनके साथ बर्बरता की। परिजनों ने बताया कि थाने में लाठियों से मारपीट की गई, गाड़ियां तोड़ दी गईं और उनके दो सदस्य अब तक लापता हैं।
शव के साथ NH-46 पर चक्का जाम
पुलिस कार्रवाई और लापरवाही से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने डॉक्टर कुलवंत का शव राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 46 (चंदेरी-पिछोर मार्ग) पर रखकर चक्का जाम कर दिया है। बड़ी संख्या में लोग मौके पर एकत्रित हैं। खनियाधाना थाना प्रभारी गब्बर सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे हैं और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
थाना प्रभारी का बयान: “एक्सीडेंट से हुई मौत”
इस विषय पर जब खनियाधाना थाना प्रभारी गब्बर सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि –
“मृतक की कुछ दिन पूर्व किसी से मामूली घटना जरूर हुई थी, लेकिन प्रथम दृष्टया यह मामला सड़क हादसे का लगता है। उनका कहना है कि मृतक के परिजन कुछ लोगों के खिलाफ झूठा हत्या का प्रकरण दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं।”
सवालों के घेरे में पुलिस की भूमिका
थाने में रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं की गई?
परिजनों के साथ मारपीट का जिम्मेदार कौन?
डायल-100 वाहन ने घायल को किस आधार पर सड़क पर छोड़ा?
क्या घटना स्थल की कोई जांच-पड़ताल की गई?
इस पूरी घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है और प्रदर्शन उग्र रूप ले सकता है। अभी तक प्रशासनिक स्तर पर कोई संतोषजनक कार्रवाई या बयान सामने नहीं आया है।
यह मामला अब प्रशासन और पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है, जिसे गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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