45 साल पुराना पुल टूटा, पांच वाहन नदी में गिरे; 9 की मौत, 8 को बचाया – प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप

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रिपोर्ट – राजू अतुलकर
वडौदरा (गुजरात) | बुधवार सुबह वडोदरा के निकट महिसागर नदी पर बना एक 45 साल पुराना पुल अचानक टूट गया, जिससे भारी हादसा हो गया। हादसे के समय पुल से गुजर रही पांच गाड़ियां – दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा – नदी में जा गिरीं। एक टैंकर पुल के टूटे हिस्से पर फंस गया। हादसे में अब तक 9 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, वहीं 8 लोगों को स्थानीय लोगों ने बहादुरी से बचाया है।
स्थानीय लोगों का रेस्क्यू ऑपरेशन, प्रशासन नदारद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हादसे के बाद आसपास के ग्रामीण और स्थानीय लोग सबसे पहले मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव अभियान शुरू किया। एक चश्मदीद युवक ने बताया, “हम सुबह से ही लोगों को निकालने में लगे हैं, अब तक 9 शव निकाले हैं, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है। प्रशासन का कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं था।”
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि इस पुल की हालत लंबे समय से खराब थी, इसकी मरम्मत के लिए कई बार प्रशासन को सूचित किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों का कहना है कि यह हादसा प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता का परिणाम है।
बाल-बाल बचे लोग, चश्मदीदों की आपबीती
महेशभाई परमार (23): “हम काम पर जा रहे थे, तभी बाइक पंक्चर हो गई। इसे दैवयोग ही कहें कि पंक्चर के कारण हम कुछ मिनट रुके और जब आगे बढ़े तो पुल गिर चुका था। हमारी बाइक पुल के उस हिस्से से महज कुछ मीटर पीछे थी।”
संजयभाई चावड़ा (25): “मैंने अचानक ब्रेक लगाया, क्योंकि पुल बीच में से टूटा हुआ था। ब्रेक नहीं लगता तो हम भी गाड़ियों के साथ नीचे गिर जाते।”
अतुल पढियार (स्थानीय): “हादसे की जानकारी मिलते ही हम वहां पहुंचे और लोगों की मदद शुरू की। एक महिला डूब रही थी, हमने उन्हें खींचकर बाहर निकाला। कई घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया।”
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख, राहत राशि की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता देने की घोषणा की है।
ब्रिज टूटने से दक्षिण गुजरात-सौराष्ट्र संपर्क टूटा

यह पुल मध्य गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ता था। इसके टूट जाने से भरूच, सूरत, नवसारी, तापी और वलसाड जैसे शहरों से सौराष्ट्र पहुंचना मुश्किल हो गया है। अब लंबा रास्ता अपनाना पड़ेगा, जिससे आम जनता और परिवहन पर बड़ा असर पड़ेगा।
स्थानीय प्रशासन के खिलाफ आक्रोश
हादसे के बाद जनता में भारी रोष है। लोग प्रशासन की निष्क्रियता को हादसे का कारण मान रहे हैं। पुल की जर्जर हालत के बावजूद मरम्मत नहीं की गई, जिससे अब 9 परिवारों को अपनों की मौत का दर्द झेलना पड़ रहा है।
यह हादसा सिर्फ एक पुल के गिरने का नहीं, बल्कि सरकारी तंत्र की लापरवाही और अनदेखी का भयावह परिणाम है। यह समय है जब पुरानी संरचनाओं की गंभीर समीक्षा की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसे टाले जा सकें।

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Raju Atulkar
Author: Raju Atulkar

"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल

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