रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | देशभर में कृषि क्षेत्र में नवाचार और उन्नति को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से चल रहे “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के अंतर्गत शिवपुरी जिले में भी यह पहल तेजी से जमीन पर उतर रही है। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) नई दिल्ली के निर्देशन में आयोजित इस राष्ट्रीय अभियान को अटारी जबलपुर के समन्वय से जिले में तीन वैज्ञानिक टीमों और कृषि विभागों की मैदानी इकाइयों की सहायता से क्रियान्वित किया जा रहा है।
उन्नत तकनीकों से होगा खरीफ फसलों का बेहतर उत्पादन
शनिवार को जिले के विकासखण्ड पोहरी, बदरवास और खनियाधाना के कुल नौ ग्राम पंचायतों — भटनावर, भौराना, गोवर्धन, लगदा, इंदार, झण्डी, पहाडाखुर्द, मुहासा और अछरौनी में किसानों के साथ परस्पर संवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन संवादों में वैज्ञानिकों ने किसानों को खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों — मूंगफली, सोयाबीन, धान, मक्का, उड़द, तिली, बाजरा और टमाटर — की उन्नत किस्में, वैज्ञानिक पद्धतियों से बोवनी, कीट और रोग प्रबंधन तथा मृदा स्वास्थ्य सुधार के बारे में जानकारी दी।
विषेशज्ञों ने बताया कि उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाकर न केवल उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है बल्कि खेती की लागत में भी उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है।
प्राकृतिक खेती का भी किया जा रहा प्रदर्शन
सिर्फ परंपरागत कृषि पर नहीं, अभियान में प्राकृतिक खेती को भी प्राथमिकता दी जा रही है। किसानों को घनजीवामृत, जीवामृत, नीमास्त्र जैसे जैविक उत्पादों के निर्माण और उपयोग के तरीकों का मैथड डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन विधियों से न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी लंबे समय तक बनी रहेगी।
विभागीय योजनाओं की दी गई जानकारी
कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, कृषि अभियांत्रिकी, फसल बीमा जैसी सहयोगी विभागों की टीमें भी इस अभियान में सम्मिलित हैं। इन टीमों ने किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे — प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, ट्रैक्टर एवं कृषि यंत्रों पर अनुदान — के बारे में विस्तार से बताया।
‘लैंड टू लैब’ की ओर बढ़ता कदम
इस अभियान का एक अनोखा पहलू यह भी है कि किसानों से फीडबैक लिया जा रहा है, जिसे अनुसंधान संस्थानों को भेजा जाएगा। इस प्रकार खेती के क्षेत्र की जमीनी चुनौतियों को समझते हुए वैज्ञानिक शोध की दिशा तय की जाएगी।
प्रेरणा दे रही हैं प्रगतिशील किसानों की कहानियां
कार्यक्रम के दौरान उन्नत और प्रगतिशील किसानों की सफलता की गाथाएं भी साझा की गईं। इन उदाहरणों के माध्यम से ‘देखो, सीखो और अपनाओ’ की भावना को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे अन्य किसान भी नवाचार के लिए प्रेरित हों।
12 जून तक चलेगा अभियान
यह अभियान 29 मई से 12 जून तक देश के 200 जिलों में 2000 से अधिक कृषि वैज्ञानिकों की टीमों द्वारा चलाया जा रहा है। शिवपुरी में तीन टीमें लगातार गांव-गांव पहुंच रही हैं और किसानों से जुड़ रही हैं।
रविवार को इन गांवों में पहुंचेगी टीम
8 जून, रविवार को पोहरी के ग्राम पंचायत झिरी, बीलवारामाता, दुल्हारा, बदरवास के खतौरा, सुनाज, अकाझिरी तथा पिछोर के पडोरा, खडोए और गणेशखेड़ा में किसानों के बीच संवाद कार्यक्रम आयोजित होंगे। अधिकारियों ने जिले के किसानों से इन आयोजनों में अधिक से अधिक संख्या में जुड़ने की अपील की है।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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