पोहरी में दो बाल विवाह रोककर प्रशासन ने दिखाई सख्ती, सामाजिक जागरूकता का दिया संदेश — “बाल विवाह केवल परंपरा नहीं, यह बच्चों के भविष्य के साथ क्रूरता है”

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रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई पर रोक लगाने के लिए प्रशासन लगातार सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इसी क्रम में पोहरी तहसील के दो गांवों में प्रशासन की तत्परता से दो बाल विवाह रोके गए। यह कार्यवाही महिला एवं बाल विकास विभाग और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा की गई, जिसने समय रहते हस्तक्षेप कर इन मासूमों का भविष्य अंधकारमय होने से बचा लिया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पोहरी के ग्राम छर्च में एक व्यक्ति अपनी 17 वर्षीय पुत्री का विवाह करवा रहा था, वहीं ग्राम महदेवा में 17 वर्षीय बालक का विवाह कराया जा रहा था। सूचना मिलते ही प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए नायब तहसीलदार, थाना प्रभारी और परियोजना अधिकारी नीरज गुर्जर के साथ मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाइश दी और दोनों विवाह रुकवाए।

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है, जिसमें तीन साल तक की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास में बाधा बनता है और उनके अधिकारों का उल्लंघन करता है। इस कार्यवाही के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि परंपरा के नाम पर बचपन से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सख्त निगरानी के निर्देश, हर विवाह आयोजन पर रहेगी नजर
बाल विवाह रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। कलेक्टर एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी रवींद्र कुमार चौधरी ने जिलेभर के मैदानी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अक्षय तृतीया जैसे अवसरों पर विशेष सतर्कता बरती जाए। निगरानी दलों का गठन किया गया है जो प्रत्येक विवाह आयोजन की जानकारी रखेंगे और किसी भी संदेहजनक स्थिति में तुरंत हस्तक्षेप करेंगे।
इसमें स्कूल शिक्षक, कोटवार, पटवारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सभी को जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर यह सुनिश्चित करें कि कोई बाल विवाह न हो।
सेवा प्रदाताओं की भी जिम्मेदारी तय
विवाह में सेवाएं देने वाले हलवाई, बैंड, टेंट, कैटरिंग व अन्य सेवा प्रदाताओं से भी प्रशासन ने अपील की है कि वे सेवा देने से पूर्व वर–वधु की आयु का सत्यापन अवश्य करें। ऐसा न करने पर उनके विरुद्ध भी कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
सूचना देने वालों की होगी पहचान गोपनीय
यदि किसी को बाल विवाह की सूचना मिले, तो वह एसडीएम, परियोजना अधिकारी, थाना प्रभारी, चाइल्ड लाइन 1098, पुलिस हेल्पलाइन 100 या कंट्रोल रूम नंबर 07492-356963 पर संपर्क कर सकता है। सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
प्रशासन की इस त्वरित कार्यवाही से न केवल दो बाल विवाह रोके गए, बल्कि समाज में एक सशक्त संदेश भी गया कि अब बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं के लिए कोई जगह नहीं बची है।

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Raju Atulkar
Author: Raju Atulkar

"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल

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