ख़बर का असर : झोलाछाप डॉक्टरों पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, तेजस रिपोर्टर की खबरों ने मचाया हड़कंप

SHARE:

✍️ रिपोर्ट : अतुल कुमार जैन
शिवपुरी, मध्यप्रदेश | जिले में अवैध क्लीनिकों पर गिरती गाज का सिलसिला तेज हो चुका है। ये कार्रवाई किसी अचानक लिए गए निर्णय का परिणाम नहीं, बल्कि तेजस रिपोर्टर द्वारा लगातार उजागर की गईं खबरों का असर है, जिसने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को झकझोर कर रख दिया।

  • तेजस रिपोर्टर की मुहिम रंग लाई, फर्जी डॉक्टरों के तंबू उखाड़े गए
  • तेजस रिपोर्टर की रिपोर्ट पर हरकत में आया प्रशासन
  • झोलाछाप कुरैशी क्लीनिक छोड़ हुआ फरार, स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई में भारी मात्रा में जब्त हुई एलोपैथिक दवाएं
  • फिजिकल रोड से रन्नौद तक झोलाछाप डॉक्टरों में मचा हड़कंप
  • डिग्री नहीं, फिर भी इलाज! तेजस रिपोर्टर की रिपोर्ट ने किया खुलासा
  • अब नहीं बख्शे जाएंगे झोलाछाप, स्वास्थ्य विभाग का सख्त रुख
तेजस रिपोर्टर की खोजी पत्रकारिता के चलते जिले में चल रहे फर्जी चिकित्सा केंद्रों की परतें एक-एक कर खुलती चली गईं। फिजिकल रोड स्थित झोलाछाप कुरैशी की अवैध क्लीनिक पर जैसे ही टीम पहुंची, डॉक्टर साहब दस्तावेज लाने का बहाना बनाकर फरार हो गए। मौके पर टीम को क्लीनिक से भारी मात्रा में Allopathic Medicines, Steroid और Antibiotic Injection की खाली शीशियां मिलीं। मौके पर कोई भी मेडिकल डिग्री या लाइसेंस दस्तावेज नहीं मिले, जिससे स्पष्ट हो गया कि क्लीनिक पूरी तरह से अवैध था। Clinic Sealed, दवाएं जब्त, और FIR दर्ज करने के निर्देश जारी।
वहीं, पोहरी रोड के झोलाछाप डॉक्टर राम लखन शर्मा की क्लीनिक भी सील कर दी गई। जांच में सामने आया कि उनके पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं थी, बल्कि वे केवल 12वीं पास थे।
स्वास्थ्य विभाग की टीम जब डॉ. वीरेंद्र वर्मा की क्लिनिक पर पहुँची, तो उन्होंने BHMS और D. Pharma की वैध डिग्रियां प्रस्तुत कीं, जिससे स्पष्ट हो गया कि कार्रवाई केवल फर्जी चिकित्सकों पर ही केंद्रित है।
बैराड़ और रन्नौद जैसे इलाकों में भी झोलाछाप डॉक्टरों ने प्रशासन की सक्रियता देखकर अपने क्लीनिक बंद कर दिए हैं।
इस कार्रवाई का श्रेय कहीं न कहीं तेजस रिपोर्टर की अथक पत्रकारिता को भी जाता है, जिसने जनता की आवाज़ बनकर प्रशासन को सख्त कदम उठाने पर मजबूर किया।
जिला कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय ऋषिश्वर के नेतृत्व में डॉ. सुनील कुमार खंडोलिया, डॉ. सौरभ तरवरिया, फार्मासिस्ट राघवेंद्र धाकड़ और बालेंदु रघुवंशी की टीम ने मिलकर ये कार्रवाई अंजाम दी।
इतना ही नहीं, एक साल पहले भी कुरैशी की क्लीनिक सील की गई थी, लेकिन कार्रवाई के अभाव में वह फिर सक्रिय हो गया था। इस बार, सीएमएचओ ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं, जिससे साफ संकेत है कि अब फर्जी डॉक्टरों के लिए जिले में कोई जगह नहीं है।
इनका कहना है…
“जिले में फर्जी चिकित्सकों और अवैध क्लीनिकोंं के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। दस्तावेज न होने और निरीक्षण के दौरान फरार होने की वजह से संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।  स्वास्थ्य विभाग की यह कार्रवाई जिले में अवैध चिकित्सा संस्थानों पर सख्त रुख का संकेत है।”
डॉ. संजय ऋषिश्वर,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

ये ख़बर आपने पढ़ी देश के तेजी से बढ़ते लोकप्रिय हिंदी न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म 🖱️www.tejasreporter.com पर
📱आज तेजी से बदलते परिवेश में जहां हर क्षेत्र का डिजिटलीकरण हो रहा है, ऐसे में
📰 “दैनिक तेजस रिपोर्टर
🌐 www.tejasreporter.com सटीक समाचार और तथ्यात्मक रिपोर्ट्स लेकर आधुनिक तकनीक से लैस अपने डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रस्तुत है। अपने निडर, निष्पक्ष, सत्य और सटीक लेखनी के साथ…
मैं पंकज जैन ✍🏻 और मेरे सहयोगी अब ⏱️24X7 आप तक देश विदेश की महत्वपूर्ण खबरों को पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हैं।
ऐसी ही ताज़ा और अहम ख़बरों के लिए जुड़े रहें!
सभी अपडेट्स व नोटिफिकेशन प्राप्ति के लिए नीचे दिए गए बेल आइकन पर क्लिक कर अभी सब्सक्राइब करें।
Tejas Reporter
Author: Tejas Reporter

Join us on:

सबसे ज्यादा पड़ गई
Marketing Hack4u
error: Content is protected !!