✍️ रिपोर्ट : अतुल कुमार जैन
शिवपुरी (मध्य प्रदेश) | ज़िले के बैराड़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली बन्हेरा खुर्द की रामपुरा सहरिया आदिवासी बस्ती में बीती रात जो कुछ हुआ, उसने न केवल इंसानियत को शर्मसार किया बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की पोल भी खोल दी।
बस्ती में आधी रात को हथियारों से लैस पाँच नकाबपोश बदमाश घुसे और आदिवासियों के घरों को निशाना बनाकर लूटपाट, मारपीट और एक महिला के साथ कथित दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस वीभत्स हमले के बाद भी आरोपी न केवल खुलेआम घूम रहे हैं बल्कि पीड़ितों को फोन पर जान से मारने की धमकियाँ दे रहे हैं।
-
रामपुरा बस्ती में पसरा मातम, महिलाओं की आंखों में डर और ज़ुबां पर सन्नाटा
-
आरोपियों के हौंसले बुलंद, खुलेआम फोन पर जान से मारने की धमकियाँ
-
पुलिसिया व्यवस्था पर सवाल, घटनास्थल का निरीक्षण तक नहीं
-
सहरिया क्रांति संगठन का अल्टीमेटम – गिरफ़्तारी नहीं हुई तो होगा आंदोलन
-
जनप्रतिनिधियों की चुप्पी शर्मनाक, आदिवासी बस्ती में नहीं पहुँचा कोई नेता
“जंगल गए तो जिंदा नहीं लौटोगे, और तुम्हारा संजय बेचैन व टीआई भी अब सिर्फ तीन दिन के मेहमान हैं” — यही धमकी मंगलवार सुबह पीड़ितों को कॉल पर दी गई, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है।
बस्ती में पसरा सन्नाटा, भय और लाचारी का माहौल
रामपुरा बस्ती के हर घर में मातम का माहौल है। बैजन्ती बाई, अनीता और अन्य महिलाओं ने रोते हुए बताया कि अब वे जंगल में महुआ बीनने या खेत में काम पर जाने से डरती हैं। बदमाशों ने खुलेआम धमकी दी है कि जंगल गए तो लाशें भी नहीं मिलेंगी।
घटना की बर्बरता की पुनरावृत्ति :
-
रात 12 बजे पाँच बदमाशों ने सबसे पहले दिनेश आदिवासी के घर धावा बोला।
-
बंदूक की नोक पर मोबाइल छीना, महिलाओं से मारपीट की गई और 10,000 रुपए नगद व जेवर लूटे गए।
-
फिर सीता आदिवासी के घर हमला हुआ, जहाँ महिलाओं को घर से घसीटकर पीटा गया।
-
दौलतराम आदिवासी के घर में भी लूट और मारपीट की गई।
-
सबसे भयावह – एक अकेली महिला को खाट पर पटक कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
प्रशासन की चुप्पी, पुलिस की खानापूर्ति
अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस केवल “अज्ञात बदमाश” कहकर पल्ला झाड़ रही है। बस्ती में गश्त लगाने का वादा सिर्फ कागज़ों में सिमट कर रह गया है। न कोई विधायक पहुँचा, न कोई अफसर – बस्ती जैसे अपने हाल पर छोड़ दी गई हो।
सहरिया क्रांति आंदोलन का अल्टीमेटम
संगठन ने साफ चेतावनी दी है – अगर जल्द गिरफ़्तारी नहीं हुई, तो आदिवासी समाज पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव करेगा और दोषी अधिकारियों के निलंबन की माँग करेगा। संगठन का आरोप है कि इस वारदात के पीछे कुछ स्थानीय दबंगों का संरक्षण भी है, तभी आरोपी इतने निडर होकर कॉल पर धमकियाँ दे पा रहे हैं।
अब सवाल यही है: कब मिलेगा आदिवासियों को न्याय?
शासन-प्रशासन की चुप्पी और नेताओं की गैरमौजूदगी ने साफ कर दिया है कि आदिवासी समाज की सुरक्षा अब खुद उनके संगठनों और जनआंदोलनों के भरोसे है। सवाल सिर्फ एक नहीं – कई हैं:
>> कब होंगे आरोपी गिरफ़्तार?
>> कब बस्ती में सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम होंगे?
>> कब आदिवासियों की चीखें सियासी गलियारों तक पहुँचेंगी?
ये ख़बर आपने पढ़ी देश के तेजी से बढ़ते लोकप्रिय हिंदी न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म 🖱️www.tejasreporter.com पर
📱आज तेजी से बदलते परिवेश में जहां हर क्षेत्र का डिजिटलीकरण हो रहा है, ऐसे में
📰 “दैनिक तेजस रिपोर्टर”
🌐 www.tejasreporter.com सटीक समाचार और तथ्यात्मक रिपोर्ट्स लेकर आधुनिक तकनीक से लैस अपने डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रस्तुत है। अपने निडर, निष्पक्ष, सत्य और सटीक लेखनी के साथ…
मैं पंकज जैन ✍🏻 और मेरे सहयोगी अब ⏱️24X7 आप तक देश विदेश की महत्वपूर्ण खबरों को पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हैं।
ऐसी ही ताज़ा और अहम ख़बरों के लिए जुड़े रहें! सभी अपडेट्स व नोटिफिकेशन प्राप्ति के लिए नीचे दिए गए बेल आइकन पर क्लिक कर अभी सब्सक्राइब करें।

Author: Tejas Reporter
Post Views: 1,142