रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
खनियाधाना | क्षेत्र में करोड़ों रुपये मूल्य की शासकीय भूमि पर भूमाफियाओं की कुदृष्टि पड़ चुकी है। प्रशासन की अनदेखी और मिलीभगत के चलते कई अहम स्थानों पर अतिक्रमण की गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। पिछोर रोड, तहसील के पीछे, नई बस्ती, मायापुर रोड, मंडी के पीछे जैसी प्रमुख जगहों पर शासकीय भूमि पड़ी हुई है, जो भविष्य में बस स्टैंड, सरकारी कार्यालयों, सब्जी मंडी और अन्य सार्वजनिक निर्माण कार्यों के लिए उपयोग में लाई जानी थी।
भूमाफियाओं की साजिश और प्रशासन की चुप्पी
इन सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करने की योजनाएँ पहले ही बनाई जा चुकी हैं। कुछ जगहों पर चिन्हांकन कर चूने के निशान लगा दिए गए हैं, तो कहीं झोपड़ियाँ भी डाल दी गई हैं। यदि समय रहते प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाए, तो जल्द ही इन स्थानों पर पक्के निर्माण होने लगेंगे, जिससे सरकारी योजनाएँ ठप हो जाएँगी।
खनियाधाना का बढ़ता विस्तार और सरकारी भूमि की जरूरत
खनियाधाना तेजी से विकसित हो रहा है और जनसंख्या में वृद्धि के साथ नगर का विस्तार भी हो रहा है। गूडर रोड, रेडी रोड, पिछोर रोड, मायापुर रोड, सीतापाठा रोड जैसी जगहों पर नए आवासीय और व्यावसायिक निर्माण हो रहे हैं। भविष्य में सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक सुविधाओं के लिए जमीन की आवश्यकता होगी, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि तब तक भूमाफियाओं का कब्जा हो चुका होगा और शासन को खुद के लिए कोई भी भूमि नहीं बचेगी।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की अनदेखी से यह स्पष्ट हो रहा है कि या तो वे इस स्थिति से अनजान बने हुए हैं या फिर मिलीभगत के कारण आँखें मूँद ली हैं। इस मिलीभगत का नतीजा यह होगा कि भविष्य में सरकारी जमीनें समाप्त हो जाएँगी और सार्वजनिक योजनाओं के लिए कोई स्थान नहीं बचेगा।
समाधान और आवश्यक कार्रवाई
भूमि सर्वेक्षण एवं अतिक्रमण हटाओ अभियान : प्रशासन को तत्काल प्रभाव से अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और सरकारी जमीन को सुरक्षित करने के लिए नियमित निरीक्षण करना चाहिए।
डिजिटल रिकॉर्ड और निगरानी : सरकारी जमीनों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार कर उसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाए ताकि कोई भी नागरिक अतिक्रमण की जानकारी प्रशासन को दे सके।
कानूनी कार्यवाही : जो भी व्यक्ति या समूह अवैध कब्जा कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
यदि प्रशासन और जनप्रतिनिधि समय रहते नहीं जागे, तो खनियाधाना में सरकारी जमीन का नामोनिशान तक नहीं बचेगा। इस विषय पर जनता को भी जागरूक होकर प्रशासन पर दबाव बनाना होगा ताकि भविष्य में सरकारी योजनाओं के लिए भूमि उपलब्ध रहे।
इनका कहना है…
“हमें जहां अतिक्रमण की जानकारी अथवा शिकायत मिलती है। हम वहां कार्रवाई करते हैं। यदि कहीं अतिक्रमण हो रहा है तो हमें जानकारी उपलव्ध करवाएं, हम कार्रवाई कर अतिक्रमण हटवाएंगे।”
निशिकांत जैन , तहसीलदार खनियांधाना
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Author: Tejas Reporter
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