रायसेन, मध्य प्रदेश | सरकारी दफ्तरों की गलियों में अक्सर सुस्त पड़ती फाइलें और टालमटोल की रवायत देखने को मिलती है, लेकिन इस बार रायसेन कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में कुछ अलग ही माहौल देखने को मिला। मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती अंजू पवन भदोरिया और एडीएम श्रीमती स्वाति पवार ने मोर्चा संभाला और अधिकारियों की लापरवाहियों पर सख्त तेवर अपनाए।
जनसुनवाई में गूंजे सवाल, अधिकारियों की पेशी
प्रधानमंत्री सड़क योजना में देरी पर सीईओ भदोरिया का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने एक अधिकारी से सीधे सवाल किया – “आप जनसुनवाई में क्यों नहीं हैं? आपकी लापरवाही के कारण जिला 55वें नंबर पर पहुंच गया है।” फोन पर ही सख्त लहजे में जवाब मांगते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि संबंधित अधिकारी खुद आकर जवाब दें। दूसरी ओर, एडीएम स्वाति पवार ने भी अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे अपने काम में सुधार लाएं, वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
कॉलोनाइजर का धोखा, कॉलोनी वासी परेशान
जनसुनवाई में रॉयल सिटी कॉलोनी के निवासियों का भी गुस्सा फूटा। उनका आरोप था कि कॉलोनाइजर ने बड़ी-बड़ी बातें कीं, लेकिन जब सुविधाएं देने की बारी आई तो गायब हो गया। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा तक को इस समस्या से अवगत कराया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
2 करोड़ का बिजली बिल, शहर में स्ट्रीट लाइट गुल
रायसेन नगर पालिका आर्थिक तंगी से जूझ रही है, और अब जनता भी अंधेरे में रहने को मजबूर है। 2 करोड़ रुपये का बकाया बिजली बिल नहीं चुकाने के कारण मध्य प्रदेश विद्युत मंडल ने स्ट्रीट लाइट काट दी हैं। नगर पालिका की मुख्य अधिकारी सुरेखा जाटव ने बताया कि भुगतान न होने से बिजली विभाग ने यह कदम उठाया है, जिससे पूरे शहर में अंधेरा छा गया है और नागरिकों को परेशानी हो रही है।
शराब की दुकानों पर बवाल, आंदोलन की चेतावनी
जनसुनवाई में शराब की दुकानों को बंद कराने की मांग भी उठी। हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष अनिल चौरसिया ने भोपाल रोड की शराब दुकान को बंद करने की अपील की, जहां शराबियों का जमावड़ा आम जनता के लिए सिरदर्द बन गया है।
ग्राम गढ़ी, तहसील गैराजगंज के निवासियों ने भी शिकायत की कि उनकी कॉलोनी में शराब की दुकान खोली जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों को दिक्कत होगी।
ग्राम सरसोदा के ग्रामीणों ने भी नई शराब दुकान का विरोध किया। इस पर एडीएम स्वाति पवार ने आबकारी विभाग को निर्देश दिया कि वे इन मामलों की जांच करें।
हेलमेट पहनकर पहुंचा विकलांग आवेदक
जनसुनवाई में एक रोचक मामला तब देखने को मिला जब 100% विकलांग एक व्यक्ति हेलमेट पहनकर पहुंचा और आवास योजना में लाभ न मिलने की शिकायत करने लगा। जब अधिकारियों ने आवेदन की बात की, तो उसने गुस्से में कहा, “कितनी बार आवेदन दूं? कोई सुनवाई ही नहीं हो रही!”
श्रीमती भदोरिया ने उसे पानी पिलाया और भरोसा दिया कि उसकी अर्जी को प्राथमिकता दी जाएगी।
कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा का अंदाज बना चर्चा का विषय
रायसेन कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा का प्रशासनिक अंदाज लोगों को भा रहा है। जहां सरकारी सिस्टम अक्सर सुस्ती और लापरवाही के लिए जाना जाता है, वहीं रायसेन कलेक्ट्रेट में अब एक नई कार्यशैली देखने को मिल रही है। जनता से सीधा संवाद, त्वरित निर्णय और अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के इस अंदाज की हर तरफ चर्चा हो रही है।
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Author: Tejas Reporter
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