विश्वविख्यात आगमविद् जैन रत्न पंडित रतनलाल शास्त्री ने सल्लेखना धारण की

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रिपोर्ट-राजेश जैन ‘दद्दू’
इंदौर | जैन धर्म के प्रखर विद्वान एवं आगमशास्त्र के महान ज्ञाता पंडित रतनलाल शास्त्री ने सल्लेखना धारण कर आध्यात्मिक पथ पर अपनी अंतिम यात्रा प्रारंभ कर दी है। यह पवित्र साधना पट्टाचार्य आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के प्रभावक शिष्य मुनि आदित्य सागर, मुनि अप्रमित सागर, मुनि आराध्य सागर, मुनि सहज सागर एवं छुल्लक श्रेयस सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में संपन्न हो रही है।
धर्म प्रचारक राजेश जैन ‘दद्दू’ ने बताया कि पंडित जी पूर्ण चेतना में हैं और ध्यान साधना में लीन हैं। समस्त दिगंबर जैन समाज से विनम्र आग्रह किया गया है कि वे महामंत्र ‘णमोकार’ का निरंतर जाप करें एवं मंगल भावना करें, जिससे पंडित जी की सल्लेखना निर्विघ्न पूर्ण हो सके।
यदि आप इस पुण्य अवसर का लाभ लेकर पंडित जी के दर्शन करना चाहते हैं, तो प्रत्येक दिन दोपहर 12:00 बजे से 1:00 बजे तक दिगंबर जैन समवशरण मंदिर, कंचन बाग, इंदौर में पधार सकते हैं। यह क्षण आत्मशुद्धि, आध्यात्मिक ऊर्जा एवं पुण्यार्जन के लिए अत्यंत दुर्लभ है।

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