साइबर फ्रॉड : छोटे दुकानदारों पर आर्थिक संकट, कैश ट्रांजेक्शन की ओर बढ़ता व्यापार

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रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | यूपीआई भुगतान से छोटे दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले एक साल में सैकड़ों दुकानदारों के खाते फ्रीज हो गए, क्योंकि ग्राहकों ने साइबर फ्रॉड से जुड़े पैसों से भुगतान किया था। इस स्थिति में न केवल धोखाधड़ी की गई राशि होल्ड हो गई, बल्कि दुकानदारों के खुद के पैसे भी फंस गए। ऐसे में हताश होकर कई दुकानदारों ने डिजिटल पेमेंट लेना ही बंद कर दिया और अब केवल नगद लेन-देन पर भरोसा कर रहे हैं।

साइबर ठगी का जाल: पिछोर और खनियांधाना प्रभावित

पिछोर और खनियांधाना तहसील में साइबर अपराधियों की सक्रियता बढ़ी है। ठगों द्वारा धोखाधड़ी की रकम स्थानीय लोगों के खातों में भेजी जा रही है, जिसे वे खरीदारी में इस्तेमाल कर रहे हैं। कई मामलों में जब यह राशि साइबर क्राइम से जुड़ी पाई गई, तो दुकानदारों के खाते होल्ड कर दिए गए। अकेले मुहारीकलां कस्बे में ही 50 से ज्यादा दुकानदार इस जाल में फंस चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।

पीड़ित दुकानदारों की आपबीती

केस 1: खाते फ्रीज, डिजिटल पेमेंट बंद
मुहारीकलां के किराना दुकानदार आशीष जैन को 31 जनवरी 2025 को पोस्ट पेमेंट बैंक से जानकारी मिली कि उनके खाते पर होल्ड लगा दिया गया है। जांच करने पर पता चला कि साइबर फ्रॉड से जुड़े 16,500 रुपये उनके खाते में आए थे, जिससे उनका कुल 27,000 रुपये फंस गए। अब उन्होंने डिजिटल पेमेंट पूरी तरह बंद कर दिया और सिर्फ नगद लेन-देन कर रहे हैं।
केस 2 : एक साल में दो खातों पर होल्ड
जितेंद्र साहू, जो मुहारीकलां में किराना दुकान चलाते हैं, उनके साथ भी यही हुआ। पहले एयरटेल बैंक खाते पर और फिर पोस्ट पेमेंट बैंक खाते पर होल्ड लग गया, जिससे 22,000 रुपये फंस गए। साइबर अपराधियों द्वारा फोन-पे से किए गए लेन-देन के कारण उन्हें यह नुकसान उठाना पड़ा।
केस 3 : 70 हजार रुपये ठप
मुहारीगांव के किसान अरविंद लोधी ने खाद, बीज और कीटनाशक खरीदने के लिए 40 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए थे, लेकिन वह राशि साइबर फ्रॉड से जुड़ी निकली। इसके चलते उनके और उनके थोक डीलर के 70 हजार रुपये फंस गए।

अब बना रहे यूपीआई पेमेंट से दूरी

1. खनियांधाना :
एक होटल संचालक के खाते में 11,000 रुपये फोन-पे से आए, लेकिन यह राशि साइबर फ्रॉड से जुड़ी थी। बैंक ने खाता होल्ड कर दिया, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ। अब उन्होंने यूपीआई पेमेंट लेना बंद कर दिया है।
2. चमरौआ :
गांव के एक दुकानदार के खाते में 16,000 रुपये फोन-पे से आए, लेकिन साइबर फ्रॉड की वजह से उनका 50,000 रुपये होल्ड हो गया।
3. मुहारीकलां :
श्याम सोनी को ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइड कराने के नाम पर 20,000 रुपये की ठगी का शिकार होना पड़ा। ठग ने पहले 4,650 रुपये लिए और बाद में 20,000 रुपये ऐंठकर नंबर बंद कर दिया।
साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों के कारण छोटे दुकानदार यूपीआई पेमेंट से डरने लगे हैं। लगातार खातों के फ्रीज होने और पैसे फंसने की घटनाओं ने उन्हें सिर्फ नगद लेन-देन की ओर धकेल दिया है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालना होगा, ताकि डिजिटल भुगतान प्रणाली पर दोबारा विश्वास बहाल किया जा सके।
इनका कहना…
“इस तरह की शिकायत नहीं आई है। जिन लोगों के खाते होल्ड हुए हैं, वह आकर शिकायत करें। हम जांच कराएंगे।”

अमन सिंह राठौड़, एसपी-शिवपुरी

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