रिपोर्ट: स्थानीय संवाददाता
हरदा | बहुजन समाज की एकजुटता और हक-अधिकारों की लड़ाई को मजबूती देने के उद्देश्य से मूल निवासी बहुजन समाज जोड़ो यात्रा का भव्य आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक यात्रा का नेतृत्व विनोद डोंगरे (केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य, बामसेफ, नई दिल्ली), आयुष्मती मीना आमखरे (राष्ट्रीय अध्यक्ष, BMP महिला प्रकोष्ठ, नई दिल्ली), के. पी. भूमरकर (प्रांताध्यक्ष, बामसेफ मध्य प्रांत) एवं एस. के. आमखरे (राष्ट्रीय मूल निवासी पेंशनर संघ, भोपाल) कर रहे हैं।
यात्रा के दौरान हंडिया और जलोदा में बहुजन समाज के लोगों ने इसका जबरदस्त स्वागत किया।
अहिरवार संघ समाज द्वारा माल्यार्पण और अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया, जहाँ समाज के वरिष्ठ नागरिकों, युवाओं और महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
यात्रा का उद्देश्य: बहुजन समाज को संगठित करना और अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना
मूल निवासी बहुजन समाज जोड़ो यात्रा का मुख्य उद्देश्य बहुजन समाज को उनके संवैधानिक अधिकारों, सामाजिक न्याय, शिक्षा, रोजगार और आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति जागरूक करना है। बामसेफ और BMP जैसी संस्थाओं के वरिष्ठ पदाधिकारी इस यात्रा को गति देने के लिए विभिन्न जिलों और तहसीलों में जनसभाएँ आयोजित कर रहे हैं, ताकि बहुजन समाज को उनकी समस्याओं और उनके समाधान के प्रति जागरूक किया जा सके।
यात्रा के दौरान नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि आज भी बहुजन समाज को उनके सभी संवैधानिक अधिकार नहीं मिले हैं, इसलिए उन्हें अपनी राजनीतिक और सामाजिक एकता को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
हंडिया और जलोदा में यात्रा का भव्य स्वागत
यात्रा के हंडिया और जलोदा में प्रवेश करते ही इसका भव्य स्वागत किया गया। अहिरवार संघ समाज के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने यात्रा के नेतृत्वकर्ताओं को माला पहनाकर सम्मानित किया।
जलोदा के ग्रामीणों ने जन आंदोलन निधि संघ को सहयोग राशि समर्पित की। इस अवसर पर स्थानीय बुजुर्गों, युवाओं और महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि बहुजन समाज इस यात्रा को लेकर कितना उत्साहित और जागरूक है।
संघ के प्रमुख सदस्यों ने यात्रा के उद्देश्यों की सराहना करते हुए इसे बहुजन समाज के हक की लड़ाई का एक ऐतिहासिक कदम बताया।
विनोद डोंगरे का ओजस्वी संबोधन: “यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि एक क्रांति है!”
बामसेफ के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य विनोद डोंगरे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा:
“यह यात्रा केवल एक अभियान नहीं, बल्कि एक क्रांति है। हमें अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति सजग रहना होगा और किसी भी प्रकार के शोषण के खिलाफ आवाज उठानी होगी।”
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आज भी बहुजन समाज को उनके अधिकार पूरी तरह नहीं मिले हैं। इसलिए हमें संघर्ष और एकता की राह पर आगे बढ़ना होगा।
के. पी. भूमरकर और एस. के. आमखरे का संदेश: “संघर्ष से ही बहुजन समाज को न्याय मिलेगा!”
बामसेफ मध्य प्रांत के प्रांताध्यक्ष के. पी. भूमरकर ने अपने संबोधन में कहा कि बहुजन समाज को उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर संघर्षरत रहना होगा।
उन्होंने कहा:
“यह यात्रा समाज में परिवर्तन लाने का एक बड़ा माध्यम बनेगी। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि बहुजन समाज को उनके अधिकार पूर्ण रूप से मिलें।”
वहीं, राष्ट्रीय मूल निवासी पेंशनर संघ, भोपाल के एस. के. आमखरे ने बहुजन समाज के वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनर्स के अधिकारों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सरकारी नीतियों पर नजर रखना और जरूरत पड़ने पर संघर्ष करना जरूरी है।
“अगर हम संगठित होंगे तो ही सरकार हमारी मांगों को सुनेगी। बहुजन समाज को अपने अधिकारों के लिए राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर सक्रिय होना होगा।”
आयुष्मती मीना आमखरे ने महिलाओं को किया जागरूक: “शिक्षा और आत्मनिर्भरता से ही आएगा बदलाव!”
BMP महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष आयुष्मती मीना आमखरे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा:
“अगर महिलाओं को शिक्षा और अवसर मिलेंगे, तो पूरा समाज प्रगति करेगा। हमें बहुजन समाज की महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर ध्यान देना होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएँ इस यात्रा का सक्रिय हिस्सा बनें और समाज में बदलाव लाने के लिए संगठित हों।
यात्रा की ऐतिहासिक प्रासंगिकता: क्या यह एक नया सामाजिक आंदोलन है?
बहुजन समाज जोड़ो यात्रा भारत में चलने वाले सामाजिक आंदोलनों की लंबी परंपरा का हिस्सा है। यह यात्रा डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले जैसे महान समाज सुधारकों के विचारों को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
यात्रा के आयोजकों का मानना है कि अगर बहुजन समाज जागरूक और संगठित हो गया, तो उनके अधिकारों की रक्षा और सामाजिक न्याय की स्थापना संभव होगी।
समाज की एकजुटता और भविष्य की रणनीति
यात्रा के दौरान कई स्थानीय नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने इस यात्रा को बहुजन समाज की नई क्रांति का प्रतीक बताया और समाज के हर वर्ग से इसमें जुड़ने की अपील की।
सभा के अंत में सभी प्रतिभागियों ने बहुजन समाज की एकता को मजबूत करने और यात्रा को सफल बनाने की शपथ ली।
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PANKAJ JAIN
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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