90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़ा द्वारा महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किया गया, लेकिन यह फैसला संत समाज के कुछ प्रमुख चेहरों को रास नहीं आया। बाबा रामदेव और बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। बढ़ते विवाद के बीच ममता से यह उपाधि वापस ले ली गई।
इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए ममता ने अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया। खासकर बागेश्वर धाम पर तीखी टिप्पणी करते हुए उन्होंने उनकी उम्र का हवाला देते हुए कहा कि जितने वर्ष धीरेंद्र शास्त्री की उम्र है, उतने सालों से वे साधना कर रही हैं।
डिजिटल डेस्क
नई दिल्ली | 90 के दशक की प्रसिद्ध अभिनेत्री ममता कुलकर्णी हाल ही में महाकुंभ 2025 के दौरान किन्नर अखाड़े द्वारा महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित की गईं, जिसके बाद संत समाज में तीव्र विरोध उत्पन्न हुआ। बाबा रामदेव और बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना की। विवाद बढ़ने पर, मात्र सात दिनों में ममता से यह उपाधि वापस ले ली गई।
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‘आपकी अदालत’ कार्यक्रम में रजत शर्मा के साथ बातचीत में ममता ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया। बाबा रामदेव के बयान, “कोई एक दिन में संत नहीं बन सकता,” के प्रत्युत्तर में ममता ने कहा कि रामदेव को महाकाल और महाकाली से डरना चाहिए।
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धीरेंद्र शास्त्री को दिया करारा जवाब
धीरेंद्र शास्त्री की आलोचना पर ममता ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “धीरेंद्र शास्त्री की जितनी उम्र है, उतने वर्षों से मैं तपस्या कर रही हूं। उन्हें अपने गुरु से पूछना चाहिए कि मैं कौन हूं और फिर शांत रहना चाहिए।”
दरअसल धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि ‘किसी भी तरह के बाहरी प्रभाव में आकर किसी को भी महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है. ये पदवी उसी को दी जानी चाहिए जिसके अदंर संत या साध्वी का भाव हो’ आपकी अदालत कार्यक्रम में ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) ने उन्हें प्रतिक्रिया देते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया’।
क्या 10 करोड़ देकर महामंडलेश्वर बनी?
ममता पर 10 करोड़ रुपये देकर महामंडलेश्वर की उपाधि प्राप्त करने का आरोप भी लगाया गया था, जिसका उन्होंने खंडन करते हुए कहा कि उनके पास 1 करोड़ तक नहीं हैं। उन्होंने केवल 2 लाख रुपये गुरु दक्षिणा के रूप में कर्ज लेकर दिए थे, क्योंकि उनके सभी बैंक खाते सीज हैं।
लक्ष्मी नारायण के दबाव में बनी महामंडलेश्वर
अपने आध्यात्मिक सफर के बारे में ममता ने बताया कि पिछले 23 वर्षों से उन्होंने कोई भी वयस्क फिल्म नहीं देखी है। वह महामंडलेश्वर नहीं बनना चाहती थीं, लेकिन आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के दबाव में आकर उन्होंने यह पद स्वीकार किया।
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Author: Tejas Reporter
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