रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | जिले की सुरवाया आदिवासी बस्ती के निवासी इन दिनों गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। बस्ती की महिलाएं और बच्चियां, अपनी सुरक्षा को दांव पर लगाते हुए, 2 किलोमीटर दूर स्थित राशन दुकान से खाद्यान्न लाने के लिए मजबूर हैं। इस दुकान तक पहुंचने के लिए उन्हें तेज गति से दौड़ते भारी वाहनों वाली फोरलेन सड़क पार करनी पड़ती है। सड़क पार करना, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के लिए, किसी जीवन-मरण के संघर्ष जैसा हो गया है।
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जान जोखिम में डालकर राशन लाने को मजबूर महिलाएं।
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सुरवाया बस्ती में राशन दुकान की मांग तेज।
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गर्भवती महिलाएं और बच्चियां फोरलेन पर हादसों का शिकार।
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प्रशासन की अनदेखी से ग्रामीणों में रोष।
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आदिवासी बस्ती में जनकल्याण योजनाओं का इंतजार।
गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित
सहरिया क्रांति ब्लॉक के सामाजिक कार्यकर्ता स्वदेश आदिवासी ने बताया कि इस समस्या का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों पर हो रहा है। वे इस जोखिम भरे सफर को तय करने में असमर्थ हैं। “बारिश के मौसम में यह चुनौती और बढ़ जाती है। कई बार महिलाओं को खाली हाथ लौटना पड़ता है,” उन्होंने कहा।
सरपंच और ग्रामीणों की चिंताएं
स्थानीय सरपंच दिलीप आदिवासी ने बताया कि महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर पूरे गांव में चिंता व्याप्त है। “हर बार जब हमारी बेटियां राशन लाने जाती हैं, तो हमारे दिलों में डर बना रहता है। फोरलेन पर दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। कई बार तेज रफ्तार वाहनों के चलते हादसे होते-होते बचे हैं।”
गांव की महिलाओं का कहना है कि प्रशासन को उनकी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। “यह केवल राशन लाने की बात नहीं है, बल्कि हमारी सुरक्षा और गरिमा का सवाल है। यदि हमारे गांव में राशन की दुकान स्थापित हो जाए, तो हमें इस संकट से राहत मिल सकती है,” एक स्थानीय महिला ने कहा।
प्रशासन से की गई अपील
सहरिया क्रांति संगठन के सदस्यों ने शिवपुरी जिला प्रशासन से इस समस्या का समाधान निकालने की अपील की है। उनका कहना है कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ तभी सुलभ होगा, जब सेवाएं आम जनता तक आसानी से पहुंच सकें। उन्होंने मांग की है कि बस्ती में राशन दुकान खोलने से न केवल महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि यह कदम सरकार की संवेदनशीलता को भी दर्शाएगा।
क्या करेगा प्रशासन?
ग्रामीणों का कहना है कि फोरलेन पर बढ़ते हादसों और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को देखते हुए, प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। “हमारे जीवन की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि राशन दुकान को गांव के भीतर स्थानांतरित किया जाए।” अब देखना यह है कि प्रशासन इस मांग पर कब तक ध्यान देता है और सुरवाया बस्ती के लोगों को राहत कब मिलती है।
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Author: Tejas Reporter
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