रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
शिवपुरी। करेरा तहसील के मुजरा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 8 आदिवासी मजदूर और उनके 7 बच्चे बंधुआ मजदूरी के जाल में फंस गए। पीड़ितों ने खुलासा किया कि महाराष्ट्र स्थित एक कृषि फार्म में उन्हें बंधक बनाकर अमानवीय परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया गया। पीड़ितों ने स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
मजदूरों ने बताया कि अशोक पटेल नामक व्यक्ति ने उन्हें धोखे से रोजगार देने का लालच देकर फार्म पर बुलाया। लेकिन, फार्म पर पहुंचने के बाद, उन्हें धमकियां दी गईं कि जब तक वे ₹50,000 की राशि नहीं चुकाते, उन्हें जाने नहीं दिया जाएगा। पीड़ितों के अनुसार, वे हथियारों के बल पर डरे हुए हैं और शारीरिक शोषण का सामना कर रहे हैं।
रामचरण आदिवासी, जो इस दुर्दशा के मुख्य गवाह हैं, ने बताया कि उनके साथ बबलू, सुमन, रामेती, खेरू, उम्मेद, हरिबिलास, सुदामा और सपना सहित उनके सात छोटे बच्चे भी हैं। “हमारी मजदूरी का भुगतान रोक दिया गया है और हमें बंधुआ मजदूर बनाकर रखा गया है। हमें धमकियां दी जा रही हैं और फार्म से भागने का कोई रास्ता नहीं है,” रामचरण ने बताया।
सहरिया क्रांति ने की मदद की अपील
इस अमानवीय व्यवहार की जानकारी मिलते ही, सहरिया क्रांति संगठन के संयोजक संजय बेचैन ने मामले को गंभीरता से उठाया। संगठन के सदस्यों रामकृष्ण पाल, संतोष जाटव, अनुराग द्विवेदी और अजय आदिवासी ने शिवपुरी पुलिस को मामले की जानकारी दी और तुरंत कार्रवाई की मांग की।
सहरिया क्रांति के सदस्यों ने प्रशासन से अपील की, “यह मामला केवल एक कानूनी नहीं, बल्कि मानवता का है। इन पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए और उनके साथ किए जा रहे अत्याचारों को रोका जाना चाहिए।”
गांववालों का आक्रोश
ग्राम मुजरा के निवासियों ने भी इस मामले पर नाराजगी जताई और मांग की कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि इस घटना से न केवल मजदूरों का शोषण उजागर हुआ है, बल्कि यह हमारे समाज की संवेदनहीनता को भी दर्शाता है।
प्रशासन से उम्मीदें
फिलहाल, पीड़ित मजदूर और उनके परिवार प्रशासन से राहत की उम्मीद कर रहे हैं। स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। इस घटना ने मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का ध्यान खींचा है, जो इसे एक बड़ा मुद्दा मानते हुए न्याय की मांग कर रहे हैं।
भविष्य में सुधार की मांग
यह घटना एक बार फिर से बंधुआ मजदूरी और ग्रामीण मजदूरों के शोषण की समस्या को उजागर करती है। ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि सरकार को ऐसे मामलों में तुरंत कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।
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Author: Tejas Reporter
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