कड़ाके की ठंड में न्याय की गुहार: किसान 12 दिन से धरने पर, प्रशासन मौन

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रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
शिवपुरी। पिछोर कस्बे के एसडीएम कार्यालय के सामने 23 दिसंबर को किसान दिवस से जारी धरने ने प्रशासनिक लापरवाही की तस्वीर उजागर कर दी है। सैकड़ों किसान कंपकंपाती ठंड में भी अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं। किसानों की समस्या को सुलझाने की दिशा में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का रवैया बेहद उदासीन नजर आ रहा है।
धरना दे रहे किसानों का कहना है कि प्रशासन उनकी शिकायतों को अनदेखा कर रहा है। नतीजतन, वे 24 घंटे धरने पर बैठने को मजबूर हैं। उनकी मुख्य मांगें नामांतरण, बंटवारा, बिजली बिल सुधार, नहर मुआवजा, और गोशाला संचालन जैसे मुद्दों से जुड़ी हैं। आंदोलनकारी किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर 7 जनवरी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे प्रशासन की अर्थी निकालकर विरोध करेंगे। इसके बाद भी समाधान न मिलने पर 11 जनवरी को किसान घाट पर मुंडन कर तेरहवीं और कन्या भोज का आयोजन करेंगे।

  • किसानों का अनिश्चितकालीन धरना: प्रशासन की नींद गायब
  • पिछोर के किसान बोले, अब आर-पार की लड़ाई
  • कड़ाके की सर्दी में संघर्षरत किसान, प्रशासन मौन क्यों?
  • धरने पर बैठे किसानों का दर्द: 12 दिन, सैकड़ों समस्याएं, समाधान शून्य
  • गणतंत्र दिवस पर किसानों का अनोखा विरोध: प्रशासन को चेतावनी

किसानों की व्यथा और प्रशासनिक अनदेखी :

धरने पर बैठे किसान अपनी समस्याओं को लेकर बेहद आक्रोशित हैं। गांव सिनावल खुर्द के किसान मेहरबान सिंह का कहना है कि उन्होंने दो बीघा जमीन खरीदी, लेकिन केवल आधी जमीन का नामांतरण हुआ। वहीं, गौचोनी के प्रीतम सिंह ने बताया कि बिजली कंपनी ने उनके ऊपर झूठा आरोप लगाकर भारी-भरकम बिल थमा दिया है। पुरैनी के हरिराम 2014 से नामांतरण के लिए चक्कर काट रहे हैं। किसानों की ये समस्याएं प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण हैं, जिनका समाधान आज तक नहीं हुआ।

जनप्रतिनिधियों की बेरुखी से गहराई समस्या :

धरना स्थल पर आए जिला पंचायत सदस्य मनीराम लोधी ने बताया कि किसानों की समस्याओं को लेकर कोई जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं है। जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और स्थानीय विधायक प्रीतम लोधी भी धरना स्थल पर नहीं पहुंचे। किसानों का कहना है कि उनकी समस्याओं को लंबे समय से अनसुना किया जा रहा है।
इनका कहना है…
“किसानों को अपनी समस्याएं लेकर पहले मेरे पास आना था। मैं उनकी समस्याओं का निराकरण कराता। अभी भी समस्या ग्रस्त या अनशन पर बैठे किसान मेरे पास आकर अपनी समस्याएं बताएं तो मैं संबंधित अधिकारी से बात करूंगा और निराकरण करने का भरसक प्रयास करूंगा।
प्रीतम सिंह लोधी, विधायक पिछोर।
“अभी भौंती थाने का सीमांकन कर रहा हूं। धरने पर बैठे किसानों से दो बार मिल आया हूं उनकी समस्याएं पूछ आया हूं और का निराकरण करने का आश्वासन दिया है। पर वे सुन ही नहीं रहे।”
शिवशंकर गुर्जर,तहसीलदार पिछोर

किसानों की चेतावनी :

किसानों ने साफ कहा है कि प्रशासन ने अगर उनकी समस्याओं को हल्के में लिया, तो वे गणतंत्र दिवस पर आवारा गोवंश को सरकारी कार्यालयों में बांधकर अनूठे तरीके से विरोध करेंगे।

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