मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया में लगी भीषण आग : अनन्या पैकर्स पूरी तरह जलकर खाक

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रिपोर्ट – राजू अतुलकर
मंडीदीप | भोपाल के पास मंडीदीप के औद्योगिक क्षेत्र में शनिवार शाम एक बड़ा हादसा हुआ। अनन्या पैकर्स कंपनी में शाम करीब 7 बजे आग लग गई। आग की लपटें इतनी तेज़ थीं कि दूर से दिखाई दे रही थीं। देखते ही देखते पूरी फैक्ट्री खाक हो गई।
20 दमकलों ने 4 घंटे में पाया काबू

दमकल विभाग और आसपास की कंपनियों की करीब 20 गाड़ियाँ लगातार चार घंटे तक जुटी रहीं, तब जाकर आग पर काबू पाया जा सका। भोपाल से भी पांच दमकलें मौके पर बुलाई गईं।
प्रशासनिक अमला मौके पर

घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम चंद्रशेखर श्रीवास्तव, एसडीओपी शीला सुराणा, मंडीदीप नगर पालिका परिषद सीएमओ प्रशांत जैन, रायसेन कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा और एसपी पंकज पांडे मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने आग को फैलने से रोकने और आसपास की फैक्ट्रियों को बचाने में अहम भूमिका निभाई।
गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं
अनन्या पैकर्स के मालिक पूर्व उद्योग संगठन अध्यक्ष राजीव अग्रवाल हैं। यहां री-बोंडेड फोम से गद्दे तैयार किए जाते थे। हादसे के समय फैक्ट्री बंद हो चुकी थी और मजदूर छुट्टी कर चुके थे। इसी कारण जनहानि नहीं हुई।
करोड़ों का नुकसान
फैक्ट्री की उत्पादन इकाई, ऑफिस, तैयार माल और कच्चा माल सबकुछ जलकर राख हो गया। अनुमान है कि कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
अब उठने लगे बड़े सवाल
मंडीदीप जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में यह पहली बड़ी आग नहीं है। पिछले वर्षों में भी कई कंपनियों में इसी तरह की घटनाएँ हो चुकी हैं। इसके बावजूद अधिकांश कंपनियों ने अपने प्रतिष्ठानों में फायर सेफ्टी इंतज़ाम पुख्ता नहीं किए हैं।
  • क्या यह सब केवल लापरवाही है या फिर इसके पीछे कोई और कहानी छुपी है?
  • क्या घाटे में चल रही कंपनियाँ बैंक लोन के दबाव से बचने के लिए फायर सेफ्टी को नजरअंदाज कर “आग की घटनाओं” को एक शॉर्टकट रास्ते की तरह इस्तेमाल कर रही हैं?
  • क्या यह सब मिलकर एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है?
ये सवाल अब औद्योगिक क्षेत्र और प्रशासन दोनों के सामने हैं।
जांच और जवाबदेही की ज़रूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन को और सख्त होना पड़ेगा।
समय-समय पर औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण होना चाहिए।
फायर सेफ्टी इंतज़ामों में कमी पाए जाने पर कंपनियों के खिलाफ दंडात्मक और कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
साथ ही, बैंक और प्रशासन दोनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनियाँ किसी तरह का शॉर्टकट रास्ता अपनाकर सुरक्षा और सार्वजनिक हित के साथ खिलवाड़ न करें।
मंडीदीप की यह आग केवल एक हादसा नहीं, बल्कि औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था और वित्तीय पारदर्शिता पर उठे गंभीर सवालों की गवाही है।

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Raju Atulkar
Author: Raju Atulkar

"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल

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