जिला पंचायत की बैठक में गूंजा शिक्षा विभाग का भ्रष्टाचार मामला, जिला शिक्षा समिति अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

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रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | जिला पंचायत की साधारण सभा की बैठक गुरुवार को जमकर हंगामेदार रही। बैठक के दौरान शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के आरोपों से व्यथित होकर जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं जिला शिक्षा समिति अध्यक्ष अमित पड़रिया ने समिति अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मंच से ही कहा कि “अब इस आसंदी पर नहीं बैठेंगे।”
बैठक में उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने उमंग किट खरीदी में धांधली का मामला उजागर करते हुए बताया कि शिक्षकों पर दबाव बनाया जा रहा है कि किट केवल आकांक्षा संस्था से ही खरीदी जाए। किट में नाममात्र का सामान और एक फोल्डर 1869 रुपए में दिया जा रहा है। यह पूरा खेल कमीशनखोरी का है, जिसकी वजह से शिक्षक मजबूरी में किट खरीदने को बाध्य हैं।
नांद निरीक्षण और एफआईआर का मामला
10 सितंबर को जिला पंचायत सदस्य मनीराम लोधी द्वारा नांद मावि का निरीक्षण किया गया था। इसके बाद प्रधानाध्यापक अनिल गुप्ता ने मनीराम लोधी सहित तीन लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई। इस मुद्दे पर भी बैठक में खूब विवाद हुआ। जिला पंचायत सदस्यों ने आरोप लगाया कि मामले के तूल पकड़ने के बावजूद न तो डीईओ ने और न ही डीपीसी ने हस्तक्षेप किया। सदस्यों ने यह भी सवाल उठाया कि प्राचार्य ने डीईओ और डीपीसी से बिना चर्चा किए सीधे एफआईआर कैसे दर्ज करवा दी।
बैठक में उठे अन्य आरोप
साइकिल, पुस्तक वितरण और आईसीटी लैब के शुभारंभ जैसे कार्यक्रमों की सूचना जिला पंचायत प्रतिनिधियों को नहीं दी जाती।
जिले में कई शिक्षक वर्षों से अनुपस्थित हैं, लेकिन डीईओ ने अपने दलालों के माध्यम से उन्हें नियमविरुद्ध उपस्थिति दर्ज करा दी।
आरएमएसए कक्ष के नाम पर प्राचार्यों को कार्यालय बुलाकर अवैध वसूली की जा रही है।
पीएम श्री विद्यालयों के प्राचार्यों पर दबाव डालकर चिन्हित फर्म को सभी ऑर्डर दिलाए गए, जिसमें लाखों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ।
डीईओ ने आरोपों को किया खारिज
आरोपों का जवाब देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें पदभार संभाले ज्यादा समय नहीं हुआ है। उमंग किट की राशि पूर्व डीईओ द्वारा ही प्राचार्यों के खातों में डाली गई थी। उन्होंने चुनौती दी कि यदि कोई एक भी सबूत कमीशनखोरी का पेश कर दे तो वे नौकरी छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि अब सभी स्कूलों से जानकारी मांगी जा रही है कि किस प्राचार्य ने कहां से किट खरीदी है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
जिपं अध्यक्ष ने समझाया
इस्तीफे की घोषणा के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव ने अमित पड़रिया को समझाया और अंततः वे मंच पर ही बैठे रहे। हालांकि पड़रिया ने साफ कहा कि जब तक शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं होती, वे समिति के अध्यक्ष पद पर कार्य नहीं करेंगे।

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Raju Atulkar
Author: Raju Atulkar

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