रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | पिछोर अनुभाग के ग्राम नांद स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय में बुधवार को जिला पंचायत सदस्य मनीराम लोधी के निरीक्षण के दौरान एक अनोखी स्थिति सामने आई। निरीक्षण के समय उनके साथ मौजूद ड्रायवर रामकिशन लोधी ने भी कक्षा में जाकर बच्चों की कापियां चैक करना शुरू कर दिया। इस पर स्कूल के हेड मास्टर अनिल गुप्ता ने आपत्ति जताई और दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक हो गई। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
हेड मास्टर ने जताया विरोध
वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि हेड मास्टर ड्रायवर से बच्चों की कापियों पर हस्ताक्षर करने के लिए कह रहे हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आखिर वह कौन है और किस अधिकार से निरीक्षण कर रहा है। इस पर जिपं सदस्य मनीराम लोधी ने नाराजगी जताते हुए कहा – “उसका नाम रामकिशन लोधी है, वह बदरवास का रहने वाला है। ज्यादा होशियारी मत दिखाओ।”
हेड मास्टर ने दो टूक कहा कि जिपं सदस्य को निरीक्षण का अधिकार है, लेकिन उनके ड्रायवर को नहीं। इस पर मनीराम लोधी ने चुनौती देते हुए कहा कि आप लिखकर दीजिए कि उसे निरीक्षण का अधिकार नहीं है।
जिपं सदस्य का पक्ष
इस मामले पर सफाई देते हुए जिला पंचायत सदस्य मनीराम लोधी ने कहा – “हम वहां से गुजर रहे थे तो देखा कि स्कूल के बच्चे बाहर खेल रहे हैं। मैंने गाड़ी रुकवाई और निरीक्षण किया। हेड मास्टर से पूछा तो उन्होंने कहा कि डीईओ का आदेश है कि साढ़े तीन बजे बच्चों को खेलाना है, जबकि समय उससे पहले का था। इसी पर विवाद बढ़ गया। हेड मास्टर ने सामने ही कापियां फेंक दीं और कहा कि चैक कर लो, तो मेरे साथ आए युवक ने कापियां देख लीं। इसमें गलत क्या है?”
हेड मास्टर का आरोप
हेड मास्टर अनिल गुप्ता ने कहा – “एक अनाधिकृत व्यक्ति कक्षा 8 में घुसकर कापियां चैक कर रहा था। वहां बड़ी-बड़ी बच्चियां भी थीं। यह पूरी तरह गलत और अनुचित है। निरीक्षण का अधिकार केवल अधिकारियों को है। अगर इस तरह कोई भी स्कूल में घुसकर निरीक्षण करेगा तो शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होगी। मैंने पूरे मामले की जानकारी संबंधित अधिकारियों को दे दी है।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मामले पर जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) दफेदार सिंह सिकरवार ने कहा – “मुझे इस घटना की जानकारी वायरल वीडियो के माध्यम से हुई। यह सही है कि किसी अनाधिकृत व्यक्ति को विद्यालय निरीक्षण का अधिकार नहीं है। हम इस संबंध में जिला पंचायत सदस्य से चर्चा करेंगे।”
यह विवाद अब केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने इसे प्रशासन और शिक्षा विभाग तक पहुँचा दिया है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या जनप्रतिनिधियों के साथ आने वाले निजी लोग भी निरीक्षण में हस्तक्षेप कर सकते हैं, या फिर यह शिक्षा व्यवस्था में हस्तक्षेप की श्रेणी में आता है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस पूरे मामले पर आगे क्या कार्रवाई करता है।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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