रिपोर्ट – कमलेश मीणा
भोपाल | मध्यप्रदेश सरकार ने पत्रकारों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए एक सराहनीय पहल की है। जनसम्पर्क विभाग द्वारा शुरू की गई “पत्रकार स्वास्थ्य एवं दुर्घटना समूह बीमा योजना” के अंतर्गत अब प्रदेश के पत्रकारों, फोटोग्राफरों और कैमरामैन को स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा का व्यापक कवरेज प्रदान किया जाएगा।
स्वास्थ्य और दुर्घटना बीमा का कवरेज
इस योजना के तहत दो विकल्प उपलब्ध हैं:
1. स्वास्थ्य बीमा ₹4 लाख और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा ₹10 लाख
2. स्वास्थ्य बीमा ₹2 लाख और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा ₹5 लाख
पत्रकार इन दोनों विकल्पों में से अपनी सुविधा अनुसार किसी एक का चयन कर सकते हैं। बीमा की अवधि एक वर्ष की होगी और इसे हर साल नवीनीकृत किया जा सकेगा।
पात्रता और आयु सीमा
इस योजना का लाभ 21 से 70 वर्ष तक के संचार प्रतिनिधि उठा सकते हैं।
जो पत्रकार पहले से बीमित हैं, वे 80 वर्ष की उम्र तक योजना में बने रह सकते हैं।
60 वर्ष तक के पत्रकारों की बीमा प्रीमियम का 75% और 61 से 70 वर्ष के पत्रकारों की प्रीमियम का 85% भुगतान जनसम्पर्क संचालनालय द्वारा किया जाएगा।
परिवार को भी मिलेगा लाभ
पत्रकार के साथ उनके पति/पत्नी, बच्चे (अधिकतम तीन, उम्र 25 वर्ष तक, अविवाहित) तथा माता-पिता भी इस बीमा योजना में शामिल हो सकते हैं। इसके लिए निर्धारित प्रीमियम का भुगतान करना होगा।
पूर्व से विद्यमान बीमारियाँ भी शामिल
यह योजना खास इसलिए भी है क्योंकि इसमें पहले से मौजूद बीमारियों को भी कवर किया जाएगा, जो आमतौर पर बीमा पॉलिसियों में नहीं होता। यह पत्रकारों के स्वास्थ्य सुरक्षा को और भी सुदृढ़ बनाता है।
किन पत्रकारों को मिलेगा लाभ?
जनसम्पर्क संचालनालय के अधिमान्य पत्रकार
वे पत्रकार जो संचार संस्थान का फॉर्म-16 एवं पीपीएफ कटौती की स्लिप प्रस्तुत करते हैं
नई दिल्ली में कार्यरत ऐसे पत्रकार जो मध्यप्रदेश के मूल निवासी हैं
गैर-अधिमान्य पत्रकारों के लिए भी राहत
गैर अधिमान्य पत्रकारों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। इस श्रेणी में:
50% प्रीमियम पत्रकार द्वारा तथा
50% प्रीमियम जनसम्पर्क विभाग द्वारा वहन किया जाएगा।
इस श्रेणी के अंतर्गत:
दैनिक समाचार-पत्रों के चार प्रतिनिधि
सामयिक पाक्षिक/मासिक पत्र-पत्रिकाओं के दो प्रतिनिधि
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (सेटेलाइट चैनल) एवं न्यूज वेबसाइट (जो DAVP या DPR में पंजीकृत हों) के दो-दो प्रतिनिधि पात्र होंगे।
साथ ही, आरएनआई (RNI) में पंजीकृत नियमित पत्र-पत्रिकाओं के प्रतिनिधि भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
“सुरक्षा उनकी, जो हमें रखें जागरूक”—
इस मूल भावना के साथ जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर यह बड़ा कदम उठाया है। यह योजना न सिर्फ पत्रकारों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि उनके परिवार को भी स्वास्थ्य संकट के समय राहत प्रदान करेगी।
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Author: Raju Atulkar
तेजस रिपोर्टर डिजिटल के लिए काम करता हूं। पत्रकारिता में साल 2015 से सफर की शुरुआत की। अब समसामयिक विषयों पर खबरें लिखने में रुचि रखता हूं।
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