विशेष रिपोर्ट – कमलेश मीणा
भोपाल (सीहोर) | भारत के हृदयस्थल मध्यप्रदेश को उसकी ऐतिहासिक धरोहरों, विविध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। अब इस राज्य ने पर्यटन को नई दिशा देते हुए एक ऐसा प्रयोग किया है, जो न केवल पर्यटकों को स्थानीय अनुभव प्रदान करता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देता है। हम बात कर रहे हैं होम स्टे पर्यटन की, और इस मॉडल का उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरा है सीहोर जिले का खारी गांव, जो आज देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
क्या है होम स्टे पर्यटन?
होम स्टे पर्यटन एक ऐसा नवाचार है, जिसमें पर्यटक होटल के बजाय स्थानीय निवासियों के घरों में ठहरते हैं। यह उन्हें एक घरेलू वातावरण देता है और साथ ही स्थानीय रीति-रिवाज, खानपान, संस्कृति, लोककला और जीवनशैली से सीधे जुड़ने का अवसर भी प्रदान करता है। मध्यप्रदेश सरकार ने इस सोच को साकार करते हुए होम स्टे योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य युवाओं और स्थानीय परिवारों को पर्यटन से जोड़ना है।
खारी गांव: ग्रामीण पर्यटन का चमकता उदाहरण
सीहोर जिले का खारी गांव आज ग्रामीण होम स्टे पर्यटन की मिसाल बन चुका है। इस छोटे से गांव के निवासियों ने अपने घरों को पर्यटकों के लिए खोला है, जहां वे ग्रामीण जीवन की असली झलक पाते हैं।
खेत-खलिहान, बैलगाड़ी की सवारी, कुएं का पानी, मिट्टी की सौंधी खुशबू और लोकगीतों की धुनें – ये सभी खारी के अनुभव को अद्वितीय बनाते हैं।
पर्यटकों ने बताया कि खारी की सादगी, आत्मीयता और प्राकृतिक सौंदर्य उन्हें बड़े शहरों की भागदौड़ से एक मधुर विराम की तरह महसूस हुआ। विशेष रूप से महिलाओं द्वारा परोसे गए पारंपरिक व्यंजन – दाल-बाटी, पूड़ी-सब्जी, चूल्हे की चाय और देसी मिठाईयों ने उनके दिल को छू लिया।
युवाओं की भूमिका: गाइड और संस्कृति के संवाहक
गांव के युवा अब गाइड की भूमिका में हैं। वे पर्यटकों को न केवल खेतों, परंपराओं और रीति-रिवाजों से परिचित कराते हैं, बल्कि लोकगीतों, लोककथाओं और कृषि के तौर-तरीकों की भी जानकारी देते हैं। यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान का ऐसा माध्यम बन गया है, जो आने वाले समय में ग्रामीण पर्यटन की दिशा ही बदल सकता है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
हाल ही में, खारी होम स्टे का दौरा भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों, पंचायती राज मंत्रालय के प्रतिनिधियों और अंतरराष्ट्रीय मेहमानों ने भी किया। उन्होंने न केवल गाँव के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया, बल्कि यहां के आतिथ्य और संस्कृति की भी मुक्तकंठ से सराहना की।
इस मॉडल को सरकार ने भी मान्यता दी है। 18 जून 2025 को भोपाल में आयोजित एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खारी गांव के होम स्टे प्रबंधन को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया, जो इस प्रयास की सफलता का प्रतीक है।
आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की नई राह
होम स्टे पर्यटन ने गांव के आर्थिक परिदृश्य को भी बदला है। जहां पहले सीमित साधनों से जीवन चल रहा था, अब स्थानीय परिवारों को नियमित आय का स्रोत मिल गया है।
महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं।
युवाओं को स्वरोजगार मिला है।
संस्कृति और परंपराओं को संरक्षण भी मिला है।
इसके साथ ही, यह मॉडल पर्यावरण के अनुकूल भी है और बड़े होटलों की तुलना में स्थायीत्वपूर्ण पर्यटन को बढ़ावा देता है।
भविष्य की राह
खारी गांव की सफलता से यह स्पष्ट है कि यदि उचित दिशा और समर्थन मिले, तो कोई भी गांव अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी जगह बना सकता है। खारी न केवल पर्यटन का केंद्र बन रहा है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक रूप से भी प्रदेश की ग्रामीण रीढ़ को सशक्त कर रहा है।
सीहोर जिले का खारी गांव अब सिर्फ एक गांव नहीं, बल्कि ग्रामीण पर्यटन का आदर्श मॉडल बन चुका है। यह कहानी न केवल मध्यप्रदेश के विकास की मिसाल है, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है कि गांव भी ग्लोबल बन सकते हैं, यदि उन्हें सही अवसर और मंच मिले।
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Author: Raju Atulkar
तेजस रिपोर्टर डिजिटल के लिए काम करता हूं। पत्रकारिता में साल 2015 से सफर की शुरुआत की। अब समसामयिक विषयों पर खबरें लिखने में रुचि रखता हूं।
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