रिपोर्ट – कमलेश मीणा
भोपाल | राजधानी पुलिस ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ, आपत्तिजनक और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले कंटेंट के प्रसारण पर पूरी तरह से सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायणचारी मिश्र ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए राजधानी की शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और आगामी दो माह तक प्रभावी रहेगा।
आप इस विषय पर क्या सोचते हैं? क्या सोशल मीडिया की जिम्मेदारी केवल उपयोगकर्ताओं की है या प्लेटफॉर्म्स की भी? नीचे कमेंट करें या हमें लिखें।
क्या है आदेश में?
जारी आदेश के अनुसार, भोपाल नगर की सीमा में:
कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर (एक्स), इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, हाईक, एसएमएस, यूट्यूब आदि का दुरुपयोग कर किसी भी प्रकार की धार्मिक, जातिगत, सामाजिक भावनाओं को भड़काने वाला संदेश, फोटो, वीडियो, ऑडियो आदि प्रसारित नहीं कर सकेगा।
उन्माद फैलाने वाले पोस्ट, जिससे सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता हो, को लाइक, शेयर, कमेंट या फॉरवर्ड करना भी अपराध माना जाएगा।
ऐसे किसी पोस्ट को बढ़ावा देने वाले व्यक्ति को भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
ग्रुप एडमिन होंगे जिम्मेदार
पुलिस आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी व्हाट्सएप या टेलीग्राम ग्रुप में आपत्तिजनक कंटेंट शेयर होता है, तो उसकी जवाबदेही ग्रुप एडमिन की भी होगी। ग्रुप एडमिन को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके ग्रुप में कोई भी सदस्य समाज में वैमनस्य फैलाने वाला संदेश न डाले।
अफवाह फैलाना और उकसाना अब भारी पड़ेगा
आदेश में यह भी कहा गया है कि:
कोई भी व्यक्ति तथ्यों को तोड़-मरोड़कर अफवाह नहीं फैलाएगा।
किसी भी समुदाय या व्यक्ति विशेष को गैरकानूनी गतिविधियों के लिए उकसाने की कोशिश, हिंसा के लिए प्रेरित करना या किसी स्थान पर भीड़ इकट्ठा करने के लिए भड़काऊ संदेश भेजना कठोर अपराध माना जाएगा।
साइबर कैफे पर भी रखी जाएगी कड़ी नजर
भोपाल शहर में स्थित सभी साइबर कैफे संचालकों को भी कड़े निर्देश दिए गए हैं:
कैफे का उपयोग करने वाले हर व्यक्ति की फोटोयुक्त पहचान आवश्यक होगी। जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पैन कार्ड आदि।
सभी आगंतुकों का नाम, पता, फोन नंबर और पहचान प्रमाण एक रजिस्टर में लिखना अनिवार्य होगा।
साइबर कैफे में सीसीटीवी या कैमरा व्यवस्था आवश्यक होगी जिससे आगंतुक की पहचान रिकॉर्ड की जा सके।
कानून तोड़ा तो होगी सख्त सजा
इस आदेश का उल्लंघन करने पर व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, जो गिरफ्तारी और दंड दोनों का प्रावधान करती है।
क्यों जरूरी है ये कदम?
हाल के वर्षों में सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं, धार्मिक उकसावे और अफवाहों के माध्यम से शहर की कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिशें देखी गई हैं। प्रशासन इस पर अब “Zero Tolerance Policy” अपना रहा है।
भोपाल पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया का सदुपयोग करें, दुरुपयोग नहीं। किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट को देखने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें और स्वयं भी संयम बरतें।
नागरिकों के लिए चेतावनी
भोपाल वासियों को चेतावनी दी गई है कि वे किसी भी ऐसे संदेश को लापरवाही से शेयर न करें, जो साम्प्रदायिक तनाव या सामाजिक विघटन को जन्म दे सकता हो। कानून का उल्लंघन करने वाले को यह सोचकर नहीं बचाया जाएगा कि उसने सिर्फ “फॉरवर्ड” किया था।
संपर्क और शिकायत:
यदि आपको किसी प्रकार का आपत्तिजनक या भड़काऊ कंटेंट सोशल मीडिया पर दिखाई दे, तो तुरंत साइबर सेल या स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क करें। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि यह शांति बनाए रखने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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