रक्षाबंधन से पहले पोस्ट ऑफिस का नया सॉफ्टवेयर निकला ‘मुसीबत का पैकेज’ — सर्वर डाउन, राखियां अटकी, बहनों की चिंता बढ़ी

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रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | रक्षाबंधन जैसे भावनाओं से भरे पर्व से ठीक पहले पोस्ट ऑफिस में शुरू हुआ नया सॉफ्टवेयर आईटी 2.0 लोगों के लिए सुविधा से ज्यादा परेशानी का कारण बन गया है। सॉफ्टवेयर के लांच होते ही सर्वर की रफ्तार इतनी धीमी हो गई कि डाकघर में लंबी-लंबी कतारें लगने लगीं। त्योहार के समय डाक सेवा में आई इस ‘तकनीकी सुस्ती’ ने न सिर्फ ग्राहकों की धैर्य की परीक्षा ले ली है, बल्कि कई बहनों की राखियां अब तक अपने भाइयों तक नहीं पहुंच पाई हैं।
घंटों लाइन में इंतजार, स्पीड पोस्ट में 15 मिनट
शहर के मुख्य डाकघर से लेकर उप डाकघरों तक यही हाल है। पहले जहां स्पीड पोस्ट का काम दो मिनट में निपट जाता था, अब वही प्रक्रिया 15 मिनट ले रही है। इंटरनेशनल पोस्ट में तो ग्राहकों को 20-25 मिनट तक फॉर्म भरने और प्रोसेस होने का इंतजार करना पड़ रहा है।
त्योहार के मौसम में डाकघरों में भीड़ स्वाभाविक है, लेकिन इस बार सर्वर डाउन रहने से हर काउंटर पर ‘टोकन हाथ में, उम्मीद मन में’ जैसे हालात बने हुए हैं।
ट्रैकिंग सिस्टम भी ठप, बढ़ी चिंता
नया आईटी 2.0 सॉफ्टवेयर दावा तो करता था कि ट्रैकिंग और पार्सल अपडेट पहले से बेहतर होंगे, लेकिन वास्तविकता इसके उलट है। कई उपभोक्ता बताते हैं कि ट्रैकिंग सिस्टम कई बार काम ही नहीं करता, जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो गया है कि उनकी डाक कहां तक पहुंची है।
कृष्णा शर्मा नामक महिला ग्राहक ने बताया —
“मैंने पांच दिन पहले भाई को राखी भेजी थी, लेकिन अब तक उसका पता नहीं चल पा रहा। काउंटर पर जाकर भी यही जवाब मिलता है कि सर्वर धीमा है, इंतजार कीजिए।”
क्या लांच का समय गलत था?
कई उपभोक्ताओं का सवाल है कि क्या पोस्ट ऑफिस यह सॉफ्टवेयर रक्षाबंधन जैसे बड़े पर्व के बाद नहीं शुरू कर सकता था? बहनों का कहना है कि रक्षाबंधन के ठीक पहले सिस्टम बदलना और बिना पर्याप्त ट्रायल के उसे लागू करना, सेवा को ठप करने जैसा है।
सीमा पांडे ने नाराजगी जताते हुए कहा —
“पोस्ट ऑफिस तो हमारी भावनाओं को जोड़ने का माध्यम है, लेकिन इस बार लगता है ये तकनीक हमारी डोर काट देगी।
कर्मचारी भी परेशान
सिर्फ ग्राहक ही नहीं, डाकघर के कर्मचारी भी इस सॉफ्टवेयर से परेशान हैं। उनका कहना है कि नया सिस्टम अभी पूरी तरह समझ में नहीं आया और नेटवर्क स्लो होने से रोज का काम दोगुना समय ले रहा है। उप डाकघरों में तो कई जगह अकाउंट संबंधी लेन-देन तक प्रभावित हो गया है।
पोस्ट ऑफिस का दावा और हकीकत
जब सॉफ्टवेयर लांच हुआ था, अफसरों ने दावा किया था कि इससे अकाउंट सर्विस, स्पीड पोस्ट और इंटरनेशनल पोस्ट पहले से तेज और आसान होगी। भविष्य में यह सिस्टम आधुनिक और ग्राहकों के अनुकूल हो सकता है, लेकिन फिलहाल यह त्योहार के मौके पर ‘तकनीक के नाम पर तनाव’ ही दे रहा है।
त्योहार पर असर का डर
रक्षाबंधन में हजारों बहनों को चिंता है कि कहीं तकनी के धीमापन और ट्रैकिंग ठप रहने के कारण उनकी राखियां समय पर भाइयों के हाथों तक न पहुंच पाएं।
यह स्थिति न केवल तकनीकी प्रबंधन पर सवाल उठाती है, बल्कि त्योहार के समय आमजन की अपेक्षाओं को भी ठेस पहुंचाती है।
आईटी 2.0 सॉफ्टवेयर की शुरुआत भविष्य में डाक सेवाओं को आधुनिक बनाने का कदम हो सकती है, लेकिन त्योहारी सीजन में बिना तैयारी और परीक्षण के इसका लांच, जनता और कर्मचारियों दोनों के लिए भारी साबित हो रहा है। फिलहाल बहनों की सबसे बड़ी दुआ यही है — “सर्वर ठीक हो जाए, राखियां समय पर पहुंच जाएं।”

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Raju Atulkar
Author: Raju Atulkar

"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल

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