रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | शिवपुरी जिले के मायापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम शिवराज में शुक्रवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने न सिर्फ पूरे गांव को सन्न कर दिया बल्कि इंसानियत को भी शर्मसार कर दिया। एक शराबी पति ने अपनी पत्नी की बेरहमी से कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी। सबसे दर्दनाक पहलू यह रहा कि यह वीभत्स वारदात पति-पत्नी के 11 वर्षीय बेटे के सामने अंजाम दी गई, जो सदमे में बेजुबान खड़ा सब देखता रह गया।
मृतका की पहचान केशर बाई आदिवासी (43) के रूप में हुई
हत्या की शिकार महिला की पहचान 43 वर्षीय केशर बाई आदिवासी के रूप में हुई है, जबकि आरोपी हत्यारा उसका पति हरीराम आदिवासी है। ग्रामीणों ने बताया कि हरीराम एक आदतन शराबी है जो रोज शराब के नशे में धुत होकर घर आता और पत्नी के साथ झगड़ा करता था। घरेलू हिंसा का यह सिलसिला वर्षों से जारी था, लेकिन इस बार वह बेकाबू हैवान बन गया।
विरोध करने पर उतार दिया मौत के घाट
घटना रात लगभग 11 बजे की है, जब हरीराम शराब के नशे में धुत होकर घर आया। रोज की तरह इस बार भी उसने पत्नी के साथ गाली-गलौज शुरू की। लेकिन जब केशर बाई ने विरोध किया, तो हरीराम अपना आपा खो बैठा। झगड़े के दौरान उसने पास रखी कुल्हाड़ी उठाई और पत्नी पर ताबड़तोड़ कई वार कर डाले। केशर बाई की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
बेटे के सामने हुआ खौफनाक मंजर
इस खौफनाक घटना का सबसे भयावह पहलू यह था कि दंपति का 11 वर्षीय बेटा अपने ही पिता को अपनी मां की हत्या करते हुए देखता रहा। मासूम की आंखों के सामने उसकी दुनिया उजड़ गई, लेकिन वह डर और सदमे से कुछ भी नहीं कर सका। हत्या के बाद हरीराम शव के पास ही बैठ गया और थोड़ी देर बाद लाश के बगल में ही लेटकर सो गया, जैसे कुछ हुआ ही न हो।
सुबह बेटे ने बताई हकीकत, गांव में मचा हड़कंप
शनिवार सुबह जब आरोपी हरीराम घर से फरार हो गया, तब बच्चे ने साहस जुटाया और पास के घर जाकर पूरी घटना बताई। पड़ोसी जब घर पहुंचे तो खून से लथपथ शव देखकर हक्के-बक्के रह गए। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने कुछ ही घंटों में आरोपी को दबोचा
मायापुर थाना प्रभारी नीतू सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचीं। घटनास्थल का निरीक्षण कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। थोड़ी ही देर में पुलिस ने आरोपी हरीराम को भी गिरफ्तार कर लिया। उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
घरेलू हिंसा ने ली जान, समाज की चुप्पी भी सवालों के घेरे में
यह घटना न सिर्फ एक महिला की हत्या है, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक तानेबाने पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है। ग्रामीणों के अनुसार हरीराम की हिंसक प्रवृत्ति सभी को पता थी। आए दिन के झगड़े, मारपीट और शराब के नशे में बर्बरता को हर कोई देखता था, लेकिन कोई हस्तक्षेप नहीं करता था। सवाल उठता है कि यदि समय रहते सामाजिक दखल या कानूनी कार्रवाई होती, तो क्या केशर बाई की जान बच सकती थी?
अब कौन समेटेगा इस मासूम की टूटी दुनिया?
जिस बच्चे ने अपनी आंखों के सामने अपनी मां को मरते देखा और अपने पिता को हैवान बनते देखा—उसके लिए यह हादसा जीवन भर का मानसिक जख्म बन जाएगा। अब उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह कहां जाएगा? कौन उसका सहारा बनेगा? पुलिस और प्रशासन को इस दिशा में भी कदम उठाना होगा कि इस बच्चे की मानसिक, सामाजिक और शैक्षिक सुरक्षा सुनिश्चित हो।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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