रिपोर्ट – राजू अतुलकर
मंडीदीप | औद्योगिक नगरी मंडीदीप एक बार फिर सुर्खियों में है। 6 जून की रात हुई एक हिंसक घटना के बाद शहर में फैले सांप्रदायिक तनाव को शांत करने की कोशिशें अब पुलिस एक्शन के जरिए सामने आ रही हैं। इस मामले में फरार चल रहे दो इनामी आरोपियों को पुलिस ने महाराष्ट्र के नागपुर से गिरफ्तार कर नगर में जुलूस निकाला। इन आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ की गई कानूनी कार्रवाई से शहर में हलचल तेज हो गई है। वहीं, हिंदू समाज की तरफ से विरोध और दबाव के चलते प्रशासन ने इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लिया है।
क्या है मामला?
6 जून की रात मंडीदीप के एक इलाके में उस वक्त तनाव फैल गया जब मवेशियों से भरे दो संदिग्ध ट्रकों को रोकने की कोशिश की गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस दौरान दो पक्षों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि लगभग 500 हथियारबंद युवक थाने का घेराव करने पहुंच गए। पुलिस की मौजूदगी में हुई इस घटना ने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया।
इसी दौरान एक युवक अजय मालवीय पर जानलेवा हमला हुआ, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के तुरंत बाद मंडीदीप और आसपास के क्षेत्रों में तनाव का माहौल बन गया।
गिरफ्तारी और इनामी आरोपियों का खुलासा
इस मामले में नामजद आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की। दो दिन पहले पुलिस अधीक्षक द्वारा सोहेल खान और असलम पठान पर ₹5000 का इनाम घोषित किया गया था। लगातार ट्रेसिंग और तकनीकी निगरानी के जरिए पुलिस को इनकी लोकेशन नागपुर में मिली, जहां से दोनों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार दोनों आरोपियों को मंडीदीप लाकर नगर में जुलूस निकाला गया ताकि आमजन में कानून का भय और अपराधियों में डर पैदा हो।
कानूनी कार्रवाई: कौन-कौन सी धाराएं लगीं?
पुलिस ने इन आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के साथ-साथ एससी/एसटी एक्ट और आर्म्स एक्ट में गंभीर धाराएं लगाई हैं:
धारा 296 – धार्मिक उपद्रव
धारा 118, 191(2), 192(3), 109(1) – षड्यंत्र, झूठे साक्ष्य, गुमराह करना
BNS की धारा 3(2)(4) – अनुसूचित जाति-जनजाति पर अत्याचार से संबंधित
25 आर्म्स एक्ट – अवैध हथियार रखने के लिए
इसके अतिरिक्त, अंकित कुशवाह नाम के युवक को भी BNS की धारा 249 (जान से मारने की कोशिश) के तहत गिरफ्तार किया गया है।
सकल हिंदू समाज की प्रतिक्रिया और जनआक्रोश रैली
इस घटना के बाद 1 जुलाई को सकल हिंदू समाज ने मंडीदीप में एक विशाल जनआक्रोश रैली निकाली थी। इसमें हजारों लोग शामिल हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन के माध्यम से तीन प्रमुख मांगें रखीं थीं –
1. हमले के सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
2. हिंदू पक्ष के लोगों पर किए गए झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं।
3. हमलावरों द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाए जाएं।
इसके अलावा रैली में पुलिस प्रशासन की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े किए गए। गृहमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की गई कि घटना में लापरवाह या पक्षपाती पुलिस अधिकारियों की उच्च स्तरीय जांच हो।
पुलिस का पक्ष और अगली कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि इस पूरी घटना की निष्पक्ष जांच की जा रही है। अब तक तीन मुख्य आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। साथ ही, अवैध अतिक्रमण चिन्हित कर नगर पालिका और जिला प्रशासन को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
सांप्रदायिक सौहार्द की चुनौती
इस घटना ने एक बार फिर यह प्रश्न खड़ा कर दिया है कि जब स्थानीय स्तर पर दो समुदायों के बीच तनाव फैलता है, तो प्रशासन कितना संवेदनशील और त्वरित रहता है। हथियारबंद भीड़ का थाने तक पहुंच जाना कहीं न कहीं सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है।
मंडीदीप की 6 जून की रात हुई घटना न सिर्फ एक आपराधिक वारदात है, बल्कि यह सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक मोर्चों पर कई सवाल भी खड़े करती है। पुलिस की कार्रवाई ने फिलहाल स्थिति को नियंत्रित कर लिया है, लेकिन अगर प्रशासन और समाज मिलकर इस तरह की घटनाओं के कारणों पर गंभीरता से काम नहीं करते, तो यह आग फिर भड़क सकती है।
अब देखना यह है कि प्रशासन दोषियों पर कितनी पारदर्शिता और कठोरता से कार्रवाई करता है और मंडीदीप में दोबारा शांति और सौहार्द कायम रहता या नहीं।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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