डॉक्टर्स डे विशेष आयोजन: जब सेवा बनी संकल्प और करुणा बनी प्रेरणा

SHARE:

रिपोर्ट – राजू अतुलकर
भोपाल/मंडीदीप | हर वर्ष 1 जुलाई को मनाया जाने वाला डॉक्टर्स डे चिकित्सा जगत के उन नायकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है, जो न केवल शारीरिक पीड़ा को दूर करते हैं, बल्कि निराश जीवन में आशा और विश्वास का दीप जलाते हैं।
इस वर्ष यह दिवस भोपाल स्थित प्रभु प्रेम नेत्रालय और मंडीदीप के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक प्रेरणादायक, भावनात्मक और उत्साहवर्धक आयोजन के रूप में सामने आया। जहां एक ओर अस्पताल में मरीजों ने डॉक्टरों को फूलमालाएं अर्पित कर सेवा का उत्सव मनाया, वहीं दूसरी ओर डॉ. प्रियंका मारन ने छात्राओं को जीवन, सेवा और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया। दोनों आयोजन यह सिद्ध करते हैं कि एक डॉक्टर का काम केवल इलाज करना नहीं, बल्कि समाज में नई चेतना और रोशनी फैलाना भी है।
सेवा, संवेदना और सम्मान का उत्सव — प्रभु प्रेम नेत्रालय में डॉक्टर्स डे

भोपाल के प्रभु प्रेम नेत्रालय में 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे का आयोजन न केवल एक समारोह था, बल्कि वह अपने आप में एक सेवा का महोत्सव बन गया। अस्पताल के निदेशक मंडल, डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, मरीजों और उनके परिजनों की उपस्थिति ने इस दिन को विशेष बना दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत — आत्मीयता से भरा माहौल
सभी चिकित्सकों और स्टाफ ने मिलकर केक काटा और मिठाइयाँ बाँटी। यह क्षण बहुत भावनात्मक था, क्योंकि आमतौर पर 24×7 सेवा में जुटे रहने वाले डॉक्टरों को शायद ही कभी इस तरह से सम्मान और आत्मीयता मिलती है।
मरीजों का भावपूर्ण आभार

 

अस्पताल में उपस्थित मरीजों ने डॉक्टरों को फूलमालाएं पहनाईं और अपने अनुभव साझा किए। एक बुजुर्ग मरीज की आँखें नम थीं, जब उन्होंने कहा —
“मेरे लिए रौशनी लौटाना एक सपना था, जो इस अस्पताल ने पूरा कर दिया — डॉ. प्रियंका और उनकी टीम को जीवन भर आशीर्वाद दूँगा।”
यह वाक्य पूरे कार्यक्रम की आत्मा बन गया
डॉ. प्रियंका मारन का मानवीय संदेश
डॉ. प्रियंका ने कहा
 “डॉक्टर्स डे मेरे लिए उस सेवा भावना का स्मरण है, जिसने मुझे यह जीवन मार्ग दिया। जब एक मरीज मुस्कराता है, वही हमारे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार होता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि प्रभु प्रेम नेत्रालय अब तक 25,000 से अधिक नेत्र सर्जरी, जिनमें से 5,000 से ज्यादा नि:शुल्क, कर चुका है। यह आँकड़ा समाज के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है।
एक विचार, एक संदेश
कार्यक्रम के अंत में सामूहिक स्वर में एक प्रेरणादायक संदेश गूंजा —
 “हम डॉक्टर हैं, पर उससे पहले हम इंसान हैं, जो उम्मीद और रोशनी का संदेश लेकर आए हैं।”
शिक्षा और सेवा की ओर प्रेरित करता संवाद — मंडीदीप विद्यालय में डॉ. प्रियंका मारन का कार्यक्रम

इसी दिन शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मंडीदीप में प्रभु प्रेम नेत्रालय द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम ने छात्राओं को न केवल डॉक्टर्स डे के महत्व से अवगत कराया, बल्कि उन्हें प्रेरणा और आत्मविश्वास का संबल भी दिया।
दीप प्रज्वलन और शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमती आरती शर्मा द्वारा प्रस्तावना प्रस्तुत कर की गई, फिर छात्राओं ने डॉक्टर्स डे की जानकारी साझा की और केक काटकर डॉक्टरों को शुभकामनाएँ दीं। माहौल उत्सवपूर्ण था, लेकिन उसमें गंभीरता और प्रेरणा का रंग भी मिला हुआ था।
डॉ. प्रियंका मारन का प्रेरणादायक भाषण
अपने उद्बोधन में डॉ. प्रियंका ने बताया कि उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना 24-25 वर्ष की उम्र में देखा था। उन्होंने छात्राओं से खुलकर बातचीत करते हुए कहा:
 “मुझे मेरे पेशे से नहीं, मेरी सेवा से प्रेम है। मेरा उद्देश्य केवल इलाज करना नहीं, बल्कि उस अंधकार को मिटाना है जिसमें उम्मीद भी नहीं बची थी।”
उन्होंने नेत्र सुरक्षा के व्यावहारिक उपाय बताए और बताया कि कैसे एक सामान्य पृष्ठभूमि से आई लड़की भी मेहनत, धैर्य और विश्वास से डॉक्टर बन सकती है।
संवाद सत्र — सवालों के सरल और संजीदा जवाब

छात्राओं ने उत्सुकता से डॉक्टर बनने की राह, मेडिकल पढ़ाई की तैयारी, महिला डॉक्टरों की चुनौतियाँ, और निजी जीवन से जुड़े सवाल पूछे। डॉ. प्रियंका ने बिना झिझक, आत्मीयता से हर सवाल का उत्तर दिया — जिससे बच्चियों को लगा कि “सपना अब दूर नहीं है।”
नेत्र सेवा की वर्षभर की घोषणा
इस अवसर पर डॉ. प्रियंका मारन ने यह ऐलान किया कि प्रभु प्रेम नेत्रालय द्वारा इस विद्यालय की सभी छात्राओं की सालभर नि:शुल्क नेत्र जांच, आवश्यकतानुसार दवाइयाँ और उपचार भी निःशुल्क प्रदान किया जाएगा। यह घोषणा कार्यक्रम की आत्मा बन गई — यह केवल एक आश्वासन नहीं था, बल्कि एक दीर्घकालिक सेवा संकल्प था।
राजेश मीणा का संबोधन
प्रभु प्रेम नेत्रालय के प्रबंधक राजेश मीणा ने भी छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा:
 “जब आप सेवा को अपना ध्येय बना लें, तब शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं रहती — वह जीवन बदलने की शक्ति बन जाती है।”
गीत और मिठास से समापन

श्री कृष्णा पंडित द्वारा प्रस्तुत एक प्रेरणादायक गीत ने डॉक्टरों की महत्ता को भावपूर्ण रूप से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में सभी छात्राओं को मिठाइयाँ वितरित की गईं। समापन ऐसा था जैसे सेवा और प्रेरणा की मिठास एक साथ बाँटी गई हो।
सिर्फ एक दिन नहीं, एक संकल्प की शुरुआत
इन दोनों आयोजनों ने यह स्पष्ट कर दिया कि डॉक्टर्स डे केवल डॉक्टरों को सम्मान देने का दिन नहीं है, बल्कि यह सेवा, करुणा और समाज निर्माण के लिए नई सोच पैदा करने का दिन है।
भोपाल के प्रभु प्रेम नेत्रालय में जहाँ मरीजों की आँखों से कृतज्ञता बहती रही, वहीं मंडीदीप के विद्यालय में छात्राओं की आँखों में सपनों की चमक दिखी।

ये ख़बर आपने पढ़ी देश के तेजी से बढ़ते लोकप्रिय हिंदी आज तेजी से बदलते परिवेश में जहां हर क्षेत्र का डिजिटलीकरण हो रहा है, ऐसे में
दैनिक तेजस रिपोर्टर
www.tejasreporter.com सटीक समाचार और तथ्यात्मक रिपोर्ट्स लेकर आधुनिक तकनीक से लैस अपने डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रस्तुत है। अपने निडर, निष्पक्ष, सत्य और सटीक लेखनी के साथ…24X7
मैं पंकज जैन ✍️और मेरे सहयोगी अब आप तक देश विदेश की महत्वपूर्ण खबरों को पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हैं।
ऐसी ही ताज़ा और अहम ख़बरों के लिए जुड़े रहें!
सभी अपडेट्स व नोटिफिकेशन प्राप्ति के लिए नीचे दिए गए बेल आइकन पर क्लिक कर अभी सब्सक्राइब करें।
Raju Atulkar
Author: Raju Atulkar

तेजस रिपोर्टर डिजिटल के लिए काम करता हूं। पत्रकारिता में साल 2015 से सफर की शुरुआत की। अब समसामयिक विषयों पर खबरें लिखने में रुचि रखता हूं।

Join us on:

Leave a Comment

सबसे ज्यादा पड़ गई
Marketing Hack4u
error: Content is protected !!