रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | “अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी सपना हकीकत बन सकता है।” इस बात को सही मायनों में चरितार्थ कर दिखाया है शिवपुरी जिले के खनियाधाना विकासखंड की रजनी राजा बुंदेला ने। कभी आर्थिक तंगी से जूझने वाली रजनी आज न केवल आत्मनिर्भर हैं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की प्रेरणास्रोत भी बन चुकी हैं।
स्व-सहायता समूह से शुरुआत, आज सफलता की मिसाल
रजनी राजा बुंदेला ने 12वीं तक शिक्षा प्राप्त की है। आर्थिक रूप से परिवार को सहयोग देने की इच्छा के चलते उन्होंने 2011 में आजीविका मिशन से जुड़कर स्वयं सहायता समूह की सदस्यता ली। शुरुआत में वह केवल एक सदस्य थीं, लेकिन आगे चलकर वह समूह की सचिव, ग्राम संगठन की सक्रिय सदस्य और दुर्गा सीएलएल में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगीं।
रजनी बताती हैं, “जब मैं आजीविका मिशन से जुड़ी थी, तब आर्थिक स्थिति काफी खराब थी। लेकिन मेरे भी सपने थे। मैंने तय कर लिया था कि कुछ कर दिखाना है।”
राजपूतानी आजीविका साड़ी सेल से बदली किस्मत
रजनी ने ग्राम संगठन से डेढ़ लाख रुपये का लोन लेकर ‘राजपूतानी आजीविका साड़ी सेल’ के नाम से खनियाधाना में दुकान खोली। पहले ही चरण में उन्हें ढाई लाख रुपये का लाभ हुआ, जिससे उनका आत्मविश्वास और भी बढ़ा। उन्होंने फिर से दुकान में माल भरवाया और आय में और इज़ाफा हुआ।
जल्द ही रजनी ने खेती के लिए ट्रैक्टर फाइनेंस करवाया और उसकी किस्तें भी समय पर चुकाईं। आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने प्लॉट खरीदा और एक गाड़ी भी लेकर उसे किराये पर चलाया, जिससे नियमित आय का एक और स्रोत जुड़ गया।
प्रशिक्षण से पहचान, महिला सशक्तिकरण में निभा रहीं अहम भूमिका
रजनी केवल एक सफल व्यवसायी ही नहीं, बल्कि एक प्रशिक्षित कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने एफएमडब्ल्यू की सीआरपी के रूप में कार्य कर कमाई की और प्रशिक्षण केंद्र खोलकर ‘समता सखी’ के रूप में भी काम किया। इससे न केवल उनकी आय बढ़ी, बल्कि अन्य महिलाओं को प्रेरित करने का भी अवसर मिला।
5 लाख रुपये तक की सालाना आय, संघर्ष से मिली उड़ान
रजनी राजा बुंदेला की वर्तमान सालाना आमदनी लगभग 5 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है। उन्होंने यह मुकाम मेहनत, लगन और आजीविका मिशन से मिले अवसरों के माध्यम से हासिल किया है। वह आज एक सफल उद्यमी, सशक्त महिला और समाज की प्रेरणादायक हस्ती बन चुकी हैं।
नारी शक्ति की मिसाल
रजनी की कहानी ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण की एक सशक्त मिसाल है। उनके प्रयास यह दर्शाते हैं कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर बनती हैं तो न केवल उनका जीवन बदलता है, बल्कि पूरा समाज नई दिशा की ओर अग्रसर होता है।
रजनी राजा बुंदेला जैसी महिलाओं की कहानियाँ समाज को यह संदेश देती हैं कि सशक्त नारी ही सशक्त समाज की आधारशिला होती है। आजीविका मिशन और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं न केवल अपने परिवार को सहारा दे रही हैं, बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा भी बन रही हैं।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल
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