शिवपुरी शिक्षा विभाग में करोड़ों का घोटाला उजागर: खनियांधाना BEO कार्यालय बना भ्रष्टाचार का अड्डा

SHARE:

रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | प्रदेश में शिक्षा विभाग एक बार फिर सवालों के कटघरे में खड़ा है। इस बार शिवपुरी जिले के खनियांधाना विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) कार्यालय से एक करोड़ रुपये से अधिक का बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसने पूरे विभाग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2018 से 2025 तक विभागीय फंड से 1 करोड़ 4 लाख 42 हजार रुपये की राशि को अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों के खातों में स्थानांतरित कर हड़प लिया।
इस घोटाले की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इतने वर्षों तक हुई इस हेराफेरी को न तो किसी ऑडिट रिपोर्ट में उजागर किया गया, न ही ट्रेजरी विभाग की नजर इस पर गई। यह संदेह पैदा करता है कि कहीं न कहीं जिले व विकासखंड स्तर पर बैठे जिम्मेदार अधिकारी भी इस भ्रष्टाचार में अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त रहे हैं या उन्होंने आंख मूंद कर इस पूरे मामले को संरक्षण दिया।
ऑडिट और ट्रेजरी विभाग की भूमिका संदेह के घेरे में
हर साल शिक्षा विभाग के फंड का ऑडिट होता है। लेकिन खनियांधाना BEO कार्यालय में लगातार सात वर्षों तक हुए एक करोड़ से अधिक के गलत भुगतान को किस तरह नजरअंदाज किया गया, यह जांच का विषय है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इन भुगतानों में से अधिकांश रकम ऐसे खातों में भेजी गई, जिनका विभागीय गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं था।
सवाल यह उठता है कि जब ट्रेजरी विभाग हर भुगतान को स्वीकृत करता है, तो इतनी बड़ी राशि कैसे निकलती रही? यदि भोपाल स्तर से जांच शुरू न हुई होती, तो यह मामला शायद हमेशा के लिए दबा दिया जाता। इसीलिए अब ट्रेजरी विभाग की भूमिका भी जांच के दायरे में लाई जा रही है।
क्या जिला कार्यालय की ऑडिट सिर्फ औपचारिकता बन गई है?
शिवपुरी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा हर वर्ष सभी विकासखंडों का ऑडिट किया जाता है। इसके बावजूद इतने बड़े वित्तीय घोटाले का सामने न आना यह दर्शाता है कि या तो ऑडिट प्रक्रिया महज दिखावे की बनकर रह गई है, या फिर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी भी इस खेल का हिस्सा हैं।
इस प्रकरण में यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि ऑडिट अधिकारियों द्वारा मामले को दबाया गया, संभवतः कमीशनखोरी के चलते या राजनीतिक व प्रशासनिक दबाव में। अगर यही स्थिति रही, तो जिले भर के विकासखंडों में हुए भुगतानों की पारदर्शिता पर विश्वास बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा।
खनियांधाना घोटाला बना प्रदेशव्यापी बहस का विषय
खनियांधाना BEO कार्यालय से हुआ यह घोटाला अब सिर्फ एक स्थानीय मामला नहीं रहा, बल्कि पूरे प्रदेश में शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की मिसाल बन गया है। विभाग के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि अगर पूरे जिले के अन्य विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों की भी निष्पक्ष जांच की जाए, तो ऐसे कई और घोटाले उजागर हो सकते हैं जिनकी राशि करोड़ों में हो सकती है।
इस प्रकरण के सामने आने के बाद आम जनमानस की मांग है कि न केवल खनियांधाना बल्कि करैरा, कोलारस, पोहरी, पिछोर और बदरवास जैसे अन्य विकासखंडों में भी 2010 से अब तक हुए सभी भुगतानों की जांच होनी चाहिए। इससे यह साफ हो सकेगा कि क्या यह मामला अकेला था या भ्रष्टाचार की यह लहर पूरे जिले में फैली हुई है।
BO और BRC से संपर्क का प्रयास विफल
इस पूरे मामले को लेकर जब हमारे भोपाल कार्यालय द्वारा खनियांधाना विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रकाश सूर्यवंशी और BRC संजय भदोरिया से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो दोनों ही अधिकारियों ने फोन रिसीव नहीं किया। उनका इस विषय में चुप रहना कई सवालों को जन्म देता है। यदि वे निर्दोष हैं, तो मीडिया के सवालों से भागने की आवश्यकता क्यों? यह व्यवहार कहीं न कहीं इस पूरे मामले को और अधिक संदिग्ध बना देता है।
जांच समिति बनी, कार्रवाई की उम्मीद बाकी
जैसे ही यह मामला प्रकाश में आया, शिवपुरी कलेक्टर रविंद्र चौधरी ने तत्परता दिखाते हुए जांच समिति का गठन कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। साथ ही ट्रेजरी विभाग की भूमिका भी संदेह के घेरे में है, इसलिए उसकी भी स्वतंत्र जांच कराई जाएगी।
कलेक्टर चौधरी ने कहा:
“हमारे पास बीईओ कार्यालय खनियांधाना में एक करोड़ के घोटाले से संबंधित मामला आया है। मैंने जांच टीम गठित कर दी है। दोषी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज होगी। ट्रेजरी विभाग की भूमिका भी संदिग्ध है, उसकी भी जांच होगी।”
हालांकि यह भी एक गंभीर मुद्दा है कि जिन अधिकारियों की निगरानी में यह घोटाला वर्षों तक चला, उन्हीं की देखरेख में बनी जांच समिति कितनी निष्पक्ष होगी, इस पर संदेह बना हुआ है। जनमानस का कहना है कि इस समिति में बाहरी, स्वतंत्र एजेंसियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
आय से अधिक संपत्ति की जांच की भी मांग
इस मामले ने एक और गंभीर प्रश्न खड़ा किया है—क्या इन भ्रष्ट अधिकारियों ने विभागीय फंड से केवल फर्जी भुगतान ही नहीं किया बल्कि उस पैसे से निजी संपत्ति भी अर्जित की? आमजन और सामाजिक संगठनों की मांग है कि खनियांधाना BEO कार्यालय में पदस्थ रहे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की आय से अधिक संपत्ति की जांच भी की जाए।
यह मांग इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि खनियांधाना का कार्यालय पहले भी कई बार भ्रष्टाचार के मामलों में चर्चा में रहा है। यदि इन अधिकारियों की संपत्ति की जांच होती है, तो पुराने फर्जी भुगतान और लेन-देन भी सामने आ सकते हैं, जिससे पूरे भ्रष्टाचार तंत्र की परतें खुल सकेंगी। 
क्या होगी कड़ी कार्रवाई या फिर फाइलों में दफन हो जाएगा मामला?
शिवपुरी जिले में सामने आया यह मामला प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और साख पर बड़ा धब्बा है। अगर इस पर सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई, तो यह न केवल शिक्षा विभाग में कार्यरत ईमानदार अधिकारियों और कर्मचारियों के मनोबल को तोड़ेगा, बल्कि जनता का भरोसा भी शासन व्यवस्था से उठ जाएगा।
अब यह देखना होगा कि कलेक्टर शिवपुरी और शासन इस प्रकरण को कितनी गंभीरता से लेते हैं और क्या इस बार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होती है या फिर यह मामला भी महीनों तक जांच के नाम पर फाइलों में दबा रह जायेगा।

ये ख़बर आपने पढ़ी देश के तेजी से बढ़ते लोकप्रिय हिंदी आज तेजी से बदलते परिवेश में जहां हर क्षेत्र का डिजिटलीकरण हो रहा है, ऐसे में
दैनिक तेजस रिपोर्टर
www.tejasreporter.com सटीक समाचार और तथ्यात्मक रिपोर्ट्स लेकर आधुनिक तकनीक से लैस अपने डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रस्तुत है। अपने निडर, निष्पक्ष, सत्य और सटीक लेखनी के साथ…24X7
मैं पंकज जैन ✍️और मेरे सहयोगी अब आप तक देश विदेश की महत्वपूर्ण खबरों को पहुंचाने के लिए कटिबद्ध हैं।
ऐसी ही ताज़ा और अहम ख़बरों के लिए जुड़े रहें!
सभी अपडेट्स व नोटिफिकेशन प्राप्ति के लिए नीचे दिए गए बेल आइकन पर क्लिक कर अभी सब्सक्राइब करें।
Raju Atulkar
Author: Raju Atulkar

"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल

Join us on:

सबसे ज्यादा पड़ गई
Marketing Hack4u
error: Content is protected !!