मंडीदीप में रासायनिक आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल: 150 से अधिक अधिकारियों की सहभागिता, चाक-चौबंद रही तैयारी

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रिपोर्ट – राजू अतुलकर
रायसेन (मंडीदीप) | औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में गुरुवार सुबह 9:30 बजे अचानक सायरन बज उठा। देखते ही देखते फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, पुलिस और एसडीईआरएफ की गाड़ियाँ HEG कंपनी की ओर दौड़ पड़ीं। हालाँकि यह कोई असली आपदा नहीं थी, बल्कि एक मॉक ड्रिल थी—लेकिन तैयारी और तत्परता किसी वास्तविक घटना जैसी ही थी।

यह मॉक ड्रिल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी। इसका उद्देश्य औद्योगिक व ग्रामीण क्षेत्र में संभावित रासायनिक आपदा जैसी स्थिति से निपटने के लिए विभागों के बीच समन्वय और तत्परता का आकलन करना था।

HEG में बनाई गई आग की काल्पनिक स्थिति
ड्रिल के लिए HEG कंपनी को केंद्र बिंदु बनाया गया, जहां रासायनिक आग की एक नकली स्थिति निर्मित की गई। जैसे ही सायरन बजा, आपदा प्रबंधन टीमों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कार्यवाही शुरू की। फायर ब्रिगेड की टीमों ने आग पर काबू पाने का प्रदर्शन किया, जबकि एम्बुलेंस कर्मियों ने “घायलों” को प्राथमिक उपचार देकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

प्रशासनिक और विभागीय अधिकारी रहे मौजूद
एडिशनल कलेक्टर स्वेता पवार ने मॉक ड्रिल की निगरानी करते हुए बताया, “यह अभ्यास हमारी तैयारियों को परखने का एक जरिया है। इस तरह की ड्रिल से विभागीय समन्वय मजबूत होता है और वास्तविक आपदा की स्थिति में हमारी प्रतिक्रिया बेहतर होती है।”
इस अवसर पर RAF की अधिकारी स्वेता राणा ने नागरिकों से अपील की कि किसी आपदा की स्थिति में घटनास्थल पर भीड़ न लगाएं, बल्कि प्रशासन और बचावकर्मियों को सहयोग करें।

डिप्टी कलेक्टर मनीष शर्मा और एसडीएम चंद्रशेखर श्रीवास्तव ने उपस्थित लोगों को आश्वस्त किया कि यह केवल एक प्रशिक्षण अभ्यास है, घबराने की आवश्यकता नहीं है।
150 से अधिक लोगों ने लिया हिस्सा
इस मॉक ड्रिल में राजस्व, स्वास्थ्य, नगर पालिका, पुलिस, श्रम, पीसीबी, पशु चिकित्सा विभाग, आपदा

मित्र, HEG के अग्निवीर और स्कूली बच्चों सहित कुल 150 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।
ड्रिल के माध्यम से यह परखा गया कि किसी बड़े औद्योगिक हादसे की स्थिति में विभिन्न विभाग कितनी तेजी और समन्वय के साथ कार्य कर सकते हैं। अधिकारियों ने मौके पर मौजूद संसाधनों, संचार व्यवस्था और आपात प्रतिक्रिया की समीक्षा की।

लोगों को किया गया जागरूक
ड्रिल का एक अहम उद्देश्य आम नागरिकों को जागरूक करना भी था। स्कूली छात्रों ने भी इसमें भाग लेकर आपदा की स्थिति में अपनी भूमिका समझी।
यह मॉक ड्रिल यह साबित करने में सफल रही कि मंडीदीप का प्रशासन और उद्योग क्षेत्र संभावित आपदा से निपटने के लिए न केवल सजग है, बल्कि एकजुट होकर त्वरित कार्रवाई करने में भी सक्षम है।
अंततः, ऐसी मॉक ड्रिल्स से न केवल विभागीय तैयारियों की समीक्षा होती है, बल्कि आम लोगों में भी जागरूकता और आत्मविश्वास बढ़ता है, जो किसी भी आपदा से निपटने में सबसे महत्वपूर्ण कारक है।

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