शिवपुरी के बन्हेरा खुर्द में खौफनाक वारदात: लूट, मारपीट और दरिंदगी से कांप उठी रामपुरा आदिवासी बस्ती

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रिपोर्ट – अतुल कुमार जैन
शिवपुरी (बैराड़) | जिले के बैराड़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बन्हेरा खुर्द गांव की रामपुरा आदिवासी बस्ती में सोमवार रात को हुई एक खौफनाक वारदात ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है। जब पूरा गांव सो रहा था, तब करीब 12 बजे पांच हथियारबंद नकाबपोश बदमाश बस्ती में घुसे और घर-घर लूटपाट, मारपीट और दरिंदगी का नंगा नाच किया।
पहले निशाने पर दिनेश आदिवासी
बदमाशों ने सबसे पहले दिनेश आदिवासी के घर धावा बोला। दरवाजा खुलते ही उसे धक्का देकर गिरा दिया गया और सिर पर बंदूक तान दी गई। मोबाइल छीना गया और घर की महिलाओं को पीटा गया। दिनेश को धमका कर वे सीता आदिवासी के घर ले गए।
महिलाओं पर टूटा कहर

सीता आदिवासी के घर पहुंचते ही बदमाशों ने घर के पुरुषों को एक कमरे में बंद कर दिया और महिलाओं — बैजन्ती बाई व अनीता — को बाहर खींचकर बेरहमी से पीटा। गहने और नकद 10 हजार रुपये लूट लिए गए। इसके बाद दौलतराम आदिवासी के घर में भी वही अत्याचार दोहराया गया।
महिला से दरिंदगी, बस्ती में मची चीख-पुकार
घटना यहीं नहीं रुकी। एक अन्य घर में बदमाशों ने एक महिला के साथ दरिंदगी की, जिसकी पुष्टि ग्रामीणों ने की है। जाते-जाते बदमाशों ने दो हवाई फायर किए, जिससे पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई।
“बच्चों को भी नहीं बख्शा” — पीड़िता की आपबीती
सीता आदिवासी ने बताया, “उन्होंने बच्चों को भी पीटा, गहने, मोबाइल, पैसे सब लूट लिए। अब रात को आंख बंद करने में डर लगता है।” उनकी आंखों में आंसू और आवाज में डर साफ झलक रहा था।
सहरिया क्रांति आंदोलन ने जताया रोष

घटना की जानकारी मिलते ही सहरिया क्रांति आंदोलन के कार्यकर्ता संजय बेचैन अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ डकैती नहीं, यह आदिवासी समाज पर हमला है। प्रशासन ने अगर तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन होगा।”
पुलिस अब तक खाली हाथ
थाना प्रभारी शिवसिंह यादव मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की, लेकिन अब तक न एफआईआर दर्ज हुई है, न कोई गिरफ्तारी। एसडीओपी बैराड़ सुजीत भदौरिया ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी है और वे जांच में जुटे हैं।
बदमाशों की धमकी, गांव में खौफ
बदमाश जाते-जाते धमकी दे गए कि यदि किसी ने पुलिस को जानकारी दी, तो अगली बार जान ले लेंगे। इस धमकी ने गांववालों को और डरा दिया है। बस्ती में अब रात होते ही सन्नाटा छा जाता है।
ग्रामीणों ने की सुरक्षा व्यवस्था की मांग
गांववालों ने प्रशासन से मांग की है कि रामपुरा बस्ती में स्थायी पुलिस चौकी स्थापित की जाए या नियमित गश्त हो, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
बन्हेरा खुर्द की यह घटना सिर्फ एक गांव की नहीं, पूरे आदिवासी समाज की अस्मिता का मामला है। जब रक्षक ही मौन हों, तो आवाजें बुलंद करनी होंगी। पीड़ितों को न्याय दिलाना, बदमाशों को सजा दिलाना और बस्ती में सुरक्षा बहाल करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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Raju Atulkar
Author: Raju Atulkar

"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल

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