@अतुल कुमार जैन
मनुष्य ने अपने स्वास्थ्य के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ विकसित कर ली हैं, लेकिन मूक पशु-पक्षियों के उपचार के लिए अब भी पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले गौवंश, पक्षियों और अन्य जानवरों के लिए तत्काल चिकित्सा सहायता न मिलने के कारण वे असहनीय पीड़ा झेलने को मजबूर हैं। इसी करुणा और संवेदना को साकार करने हेतु मुनि श्री 108 अविचल सागर जी महाराज की प्रेरणा से दया भावना फाउंडेशन ने आचार्य विद्यासागर गौ उपचार अस्पताल एवं श्रीराम पक्षी अस्पताल की स्थापना का संकल्प लिया है।
🔹 अब कोई भी घायल गौवंश नहीं रहेगा असहाय, दया भावना फाउंडेशन की नई पहल!
🔹 सड़क दुर्घटनाओं में घायल पशुओं के लिए विशेष उपचार केंद्र!
🔹 पक्षी अस्पताल: अब घायल पक्षियों को मिलेगा संजीवनी उपचार!
🔹 हाईड्रॉलिक एम्बुलेंस से मूक प्राणियों को नई जिंदगी देने का संकल्प!
🔹 गौशालाओं से जुड़कर इन निर्दोष प्राणियों को पुनर्वास दें!
गौ एवं पक्षी उपचार केंद्र की आवश्यकता क्यों?
आजकल हाईवे, ट्रक, डंपर और अन्य भारी वाहनों के कारण रोजाना कई मूक प्राणियों की दुर्घटनाएँ होती हैं। परिणामस्वरूप:
✅ गौवंश और अन्य जानवरों की हड्डियाँ टूट जाती हैं।
✅ पैर कुचलने से स्थायी विकलांगता हो जाती है।
✅ गहरे जख्मों और संक्रमण से जान जाने का खतरा बढ़ जाता है।
दुर्भाग्यवश, इन असहाय प्राणियों के लिए प्राथमिक उपचार तक की सुविधा उपलब्ध नहीं होती। दया भावना फाउंडेशन इस कमी को दूर करने के लिए एक हाई-टेक पशु एवं पक्षी उपचार केंद्र विकसित कर रहा है, जहाँ 24/7 इमरजेंसी चिकित्सा सुविधा, हाईड्रॉलिक एम्बुलेंस सेवा और स्थायी पुनर्वास केंद्र उपलब्ध रहेगा।
कैसे काम करेगा गौ उपचार एवं पक्षी अस्पताल?
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यदि 100-125 किमी. के दायरे में कहीं भी कोई घायल पशु या पक्षी मिलता है, तो तुरंत सूचना मिलने पर फाउंडेशन की एम्बुलेंस टीम मौके पर पहुँच जाएगी।
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सामान्य चोटों का स्थानीय रूप से उपचार किया जाएगा, जबकि गंभीर मामलों में हाईड्रॉलिक एम्बुलेंस से अस्पताल लाकर पूर्ण चिकित्सा दी जाएगी।
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उपचार के बाद, इन पशुओं को निकट की गौशालाओं में पुनर्वास दिलाया जाएगा, ताकि वे सुरक्षित जीवन जी सकें।
उद्देश्य एवं लाभ :
✅ दुर्घटनाग्रस्त पशुओं को त्वरित चिकित्सा उपलब्ध कराना।
✅ स्थायी विकलांगता एवं असमय मृत्यु दर को कम करना।
✅ हाईवे एवं शहरी क्षेत्रों में पशु-पक्षियों की सुरक्षा बढ़ाना।
✅ गौशालाओं के माध्यम से गौवंश को दीर्घकालिक संरक्षण देना।
💡 निष्कर्ष :
मुनि श्री 108 अविचल सागर जी महाराज की करुणामयी प्रेरणा से शुरू की गई यह पहल न केवल गौवंश और पक्षियों के जीवन की रक्षा करेगी, बल्कि अहिंसा और दया की संस्कृति को भी मजबूत करेगी। यदि आप भी इस पावन सेवा में योगदान देना चाहते हैं, तो दया भावना फाउंडेशन से जुड़कर इन मूक प्राणियों के जीवन को सुरक्षित बनाने में मदद करें।
“अहिंसा परमो धर्मः” – यही हमारा संकल्प और कर्तव्य है!
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Author: Tejas Reporter
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