रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
पिछोर, मध्यप्रदेश | सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे और वित्तीय घोटाले का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ग्राम पंचायत माचमौर में कोटवार की सरकारी भूमि को धोखाधड़ी से निजी संपत्ति दिखाकर बैंक से 6 लाख रुपये का लोन लिया गया। यह मामला तब उजागर हुआ जब शिकायतकर्ता अरविंद्र जाटव ने कलेक्टर शिवपुरी, बैंक प्रबंधक भौंती और अनुविभागीय अधिकारी पिछोर को लिखित शिकायत दी।
कैसे हुई धोखाधड़ी?
ग्राम पंचायत में कोटवार की नियुक्ति के साथ सरकार उसे भरण-पोषण के लिए ‘सेवा खाता’ की भूमि प्रदान करती है। कोटवार रामप्रसाद खंगार के निधन के बाद उनके पुत्र जलूस खंगार को कोटवार नियुक्त किया गया। लेकिन, उनके भाई रामजीलाल खंगार ने इस सरकारी भूमि (सर्वे नंबर 420, 421, 450, 523, कुल रकबा 20 बीघा 03 विस्वा) पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर इसे अपनी निजी संपत्ति बता दिया।
इसके बाद, वर्ष 2024-25 में रामजीलाल ने सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, भौंती शाखा में इस भूमि को बंधक रखकर किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के तहत 6 लाख रुपये का लोन प्राप्त कर लिया।
बैंक और राजस्व विभाग की बड़ी लापरवाही
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब 2015-16 से लेकर वर्तमान तक राजस्व अभिलेखों में यह भूमि पूर्व कोटवार रामप्रसाद खंगार (मृतक) के नाम दर्ज थी, तो बैंक ने किन दस्तावेजों के आधार पर लोन स्वीकृत किया?
जांच में यह सामने आया कि पटवारी उमेश कुशवाह ने प्रकरण संख्या 0420/अ-6/2018 (आदेश दिनांक 14.02.2018) का हवाला देकर इस सरकारी भूमि को रामजीलाल पुत्र रामप्रसाद परिहार के नाम चढ़ा दिया। लोन मिलने के बाद, इस गड़बड़ी को छिपाने के लिए फिर से भूमि को मूल दस्तावेजों में कोटवार रामप्रसाद के नाम वापस दर्ज कर दिया गया।
शिकायत के बाद जांच की मांग तेज
इस पूरे घोटाले की शिकायत अरविंद्र जाटव द्वारा की गई है, जिसमें राजस्व विभाग की लापरवाही और बैंक की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने कलेक्टर से इस फर्जीवाड़े की गहन जांच की मांग की है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की अपील की है।
अब क्या होगा?
यह मामला सरकारी जमीन के अवैध उपयोग और वित्तीय संस्थानों की लापरवाही का बड़ा उदाहरण है। यदि समय रहते इस पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो इस तरह की धोखाधड़ी के और भी मामले सामने आ सकते हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत जांच कर संबंधित अधिकारियों और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करे।
इनका कहना…
“बैंक में केसीसी प्रकरण बकील के माध्यम से भूमि दस्तावेज सर्चिंग कराई जाती है दस्तावेजों के आधार बैंक ने उक्त रामजीलाल परिहार की केसीसी बनाकर उसे 06 लाख रूपये प्रदान किये।
बृजेश जी, शाखा-प्रबंधक
सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, शाखा-भौंती“रामप्रसाद खंगार की मृत्यु के बाद ग्राम पंचायत माचमौर में लगभग वर्ष 2013 से कोटवार के पद पर जलूस परिहार पदस्थ है।
महेन्द्र चौहान, पंचायत सचिव, ग्राम पंचायत माचमौर“प्रकरण मेरे संज्ञान में नहीं है यदि आता है तो मैं उक्त मामले की जांच करा कर कार्यवाही करूंगा।”
शिवदयाल धाकड़,अनुविभागीय अधिकारी
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Author: Tejas Reporter
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