रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
खनियाधाना | भोले-भाले आदिवासियों को चकमा देकर उनके बैंक खातों से फर्जी फिंगरप्रिंट के जरिए पैसे निकालने वाले एक शातिर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके पास से 161 लोगों के फिंगरप्रिंट क्लोन, ₹30,000 नगद, एक मोबाइल, ग्लू गन, थंब स्कैनर और अन्य सामग्रियां बरामद की हैं।
खनियाधाना थाना क्षेत्र के ग्राम गता झलकोई की निवासी बल्लो बाई (40) ने 11 फरवरी 2025 को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके और उनके पति के बैंक खाते से धोखाधड़ी कर ₹30,000 निकाल लिए गए। बल्लो बाई ने बताया कि चार-पांच महीने पहले वे मजदूरी के लिए सिमलार गए थे, जहां रूपेपुर निवासी भूपेंद्र लोधी ने आधार केवाईसी के बहाने उनके अंगूठे और उंगलियों पर एक पदार्थ चिपकाकर हटाया और मशीन पर स्कैन करवाया। कुछ दिनों बाद जब वे पैसे निकालने बैंक गए, तो पता चला कि उनके खाते से 5, 7 और 9 अक्टूबर 2024 को ₹10,000-₹10,000 कर कुल ₹30,000 निकाल लिए गए थे।
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गिरोह का काम करने का तरीका
पुलिस जांच में सामने आया कि भूपेंद्र लोधी की खुद की कियोस्क बैंक थी और वह अपने साथियों धर्मवीर यादव, करीना लोधी और महावीर यादव के साथ मिलकर 2022 से यह ठगी कर रहा था। ये लोग ग्लू गन की मदद से नकली फिंगरप्रिंट बनाते थे और आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) के जरिए आदिवासियों के खातों से पैसे निकालते थे। अब तक गिरोह करीब 200-250 लोगों से ठगी कर लगभग ₹20 लाख की धोखाधड़ी कर चुका है।
बरामदगी और कानूनी कार्रवाई
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गिरफ्तार आरोपी भूपेंद्र लोधी के पास से निम्नलिखित सामान बरामद किया गया:
161 नकली फिंगरप्रिंट क्लोन (प्रत्येक पन्नी में व्यक्ति का नाम, आधार नंबर और बैंक डिटेल्स
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₹30,000 नकद
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वीवो कंपनी का मोबाइल
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ग्लू गन और 5 ग्लू स्टिक्स
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थंब स्कैनर और ओटीजी डिवाइस
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है और रिमांड लेकर उससे गहन पूछताछ की जा रही है।
ठगी के पैसों से खरीदी गई संपत्ति
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी भूपेंद्र लोधी और धर्मवीर यादव ने ठगी के पैसों से राजापुर चौराहा पर ₹5 लाख में एक प्लॉट खरीदा और वहां 8 दुकानें भी बनवा लीं। पुलिस अब इस संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया में जुटी है।
जांच में शामिल अधिकारी
इस पूरी कार्रवाई में पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी पिछोर और थाना प्रभारी सुरेश शर्मा की अहम भूमिका रही। इसके अलावा प्रवीण त्रिवेदी, प्रकाश सिंह कौरव, हजारीलाल, हीरासिंह, अनूप, बलराम, हेमसिंह और रवि वाथम जैसे पुलिसकर्मियों ने भी उल्लेखनीय योगदान दिया।
पुलिस की अपील
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी आधार केवाईसी केवल अधिकृत केंद्रों पर ही करवाएं और अनजान लोगों को अपने अंगूठे या उंगलियों का स्कैन न करने दें।
यह मामला आधुनिक डिजिटल ठगी का एक बड़ा उदाहरण है, जहां अपराधी तकनीकी का दुरुपयोग कर भोले-भाले नागरिकों को चूना लगा रहे हैं। पुलिस की तत्परता से यह गिरोह पकड़ा गया, लेकिन आम लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है ताकि वे इस तरह के फ्रॉड से बच सकें।
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Author: Tejas Reporter
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