अतुल कुमार जैन
शिवपुरी | कहते हैं कि जन समस्या निवारण शिविर में लोग अपनी परेशानियों का हल मांगने आते हैं—किसी को सड़कों की समस्या तो किसी को बिजली-पानी की तकलीफ। लेकिन बीते रोज कोलारस में आयोजित शिविर में एक युवक ने ऐसी अजीबोगरीब मांग रख दी कि पूरे इलाके में चर्चा का बाजार गर्म हो गया!

हुआ यूं कि जब क्षेत्रीय सांसद और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी दरबार सजाए बैठे थे, तभी एक मजदूर युवक हाथ में आवेदन लिए मंच की ओर बढ़ा। आवेदन में मांग थी कि “महाराज, शराब की कीमत कम करवा दो, नहीं तो परिवार पालना मुश्किल हो गया है!”
इस आवेदन को हम सशब्द प्रकाशित कर रहे हैं।
आवेदन कुछ यूं था :
जनसमस्या निवारण शिविर तहसील कोलारस दिनांक 10.02.2025
टोकन / क्रमांक 1745
श्रीमंत महाराजा ज्योतिरादित्य जी सिंधिया
केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री भारत सरकार नई दिल्ली।
विषय – कोलारस शहर में शराब की कीमत कम करने बावत।
श्रीमंत महाराजा साहब,
सादर निवेदन है कि हम प्रार्थीगण कोलारस शहर के निवासी है हम प्रार्थीगण मजदूर व्यक्ति है तथा मजदूरी के बाद रात्री के समय थक जाते है इस कारण थकान दूर करने हेतु शराब का सहारा लेना पढता है और मजदूरी की आधी राशि शराब में ही खर्च हो जाती है इस कारण हम प्रार्थीगण अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करने में समस्या आती है।
शराब की कीमत अधिक होने के कारण हम प्रार्थीगण भविष्य निधि भी जमा नहीं कर पाते है और यदि हम प्रार्थीगण शराब नहीं पीते है तो सुबह थकान के कारण मजदूरी करने नहीं जा पाते है और रात्री में नींद भी नहीं आती है।
अतः श्रीमंत महाराजा साहव से चरण स्पर्श कर हाथ जोडकर निवेदन है कि कोलारस शहर में शराब की कीमतों में कमी किये जाने बाबत संबंधित विभाग को निर्देशित करने
समस्त निवासी कोलारस
मोबाइल नंबर 989XXXX280
अब भला ऐसी मांग पर वहां मौजूद अधिकारी और जनता हक्के-बक्के रह गए!
शराब महंगी, मजदूरी सस्ती!
जब इस मजदूर से फोन पर संपर्क किया गया, तो उसने अपना नाम नन्हे यादव बताया। नन्हे बेलदारी का काम करता है और पूरी गंभीरता से मानता है कि शराब की महंगाई मजदूरों के लिए सबसे बड़ी समस्या है। उसने कहा, “शराब की कीमत इतनी बढ़ गई है कि हर मजदूर परेशान है, लेकिन कोई खुलकर बोल नहीं रहा। मैंने सभी कोलारस वासियों की ओर से आवेदन दिया है, ताकि ये मसला सरकार तक पहुंचे!”
जनता हंस रही, सोच रही!
यह आवेदन अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन चुका है। कुछ लोग इस पर मजाक उड़ा रहे हैं, तो कुछ सोच में पड़ गए हैं कि क्या सच में महंगी शराब एक सामाजिक समस्या बन चुकी है? खैर, अब देखना ये होगा कि ‘महाराज’ इस फरियाद पर कोई कदम उठाते हैं या नहीं!
तो आपकी राय क्या है? क्या सरकार को सच में शराब की कीमतें कम करनी चाहिए, या फिर मजदूरों को अपनी दिनभर की थकान मिटाने के लिए कोई और स्वस्थ विकल्प अपनाना चाहिए? यह बहस अब जनचर्चा का विषय बन चुकी है। हालांकि, ‘तेजस रिपोर्टर‘ का स्पष्ट मानना है कि शराब केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज के पतन की एक बड़ी वजह बन चुकी है। यह न सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर तबके को और बदहाल कर रही है, बल्कि परिवारों को भी बर्बादी की ओर धकेल रही है।
क्या समाधान होना चाहिए? क्या सरकार को शराब सस्ती करने की बजाय मजदूरों की ज़िंदगी सुधारने के लिए अन्य सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए? या फिर कोई और तरीका हो सकता है जिससे मेहनतकश लोग बिना नशे का सहारा लिए भी अपनी थकान मिटा सकें? आपकी राय हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है! हमें कमेंट में जरूर बताएं कि इस विषय पर आप क्या सोचते हैं!
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Author: Tejas Reporter
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