“साहब का अंदाज निराला” : आज कलेक्ट्रेट के गलियारों से  देखें साहब का अंदाज कुछ जुदा-जुदा

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                                अरुण विश्वकर्मा, कलेक्टर-रायसेन (म.प्र.)
रायसेन कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा का अंदाज कुछ जुदा जुदा है जो अब आम जनता को काफी भाने लगा है ।
सरकारी सिस्टम में जहां अक्सर धीमी कार्यशैली और लापरवाही की शिकायतें सुनने को मिलती हैं, वहीं रायसेन कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा अपने तेज़तर्रार फैसलों और अनोखे अंदाज़ से लोगों के दिल जीत रहे हैं। उनका प्रशासनिक तरीका सिर्फ फाइलों तक सीमित नहीं, बल्कि ज़मीन पर दिखता है—चाहे वह जनसुनवाई में तुरंत समाधान देना हो, वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के साथ बैठकर भजन सुनना हो या फिर छात्रों के बीच जाकर उनके भविष्य की चिंता करना।

इस हफ्ते “कलेक्ट्रेट के गलियारों से” में हम आपको दिखाएंगे कि कैसे कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने जनता की समस्याओं को तुरंत हल किया, अफसरों की जवाबदेही तय की, और अपनी अलग कार्यशैली से आम जनता के बीच भरोसा बनाया।

सफाई कर्मी का तुरंत हुआ भुगतान :

5 फरवरी को जनसुनवाई में उप स्वास्थ्य केंद्र ईंट खेड़ी की सफाई कर्मचारी राधाबाई पहुंचती है कलेक्टर को बताती हैं की अप्रैल 2023 से सितंबर 2024 तक उसने काम किया है लेकिन उसे अब तक मानदेय नहीं मिला है
इसका जवाब देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉक्टर प्रीति वाला से पूछताछ की जाती है।

और कलेक्टर का एक्शन का रिएक्शन देखिए 5 फरवरी 2025 को ही विभाग द्वारा उसका पेमेंट कर दिया जाता है उसे महिला को पेमेंट प्राप्त हो गया है उसके एक पत्र की प्रति भी हमारे पास उपलब्ध हे अब सोचिए जब जब कोई कलेक्टर इतना तेजी से काम करेगा तो जनता को तो खुश होना ही है

जमीन पर बैठे कलेक्टर और सुनने लगे भजन :

एकाएक कलेक्टर वृद्ध आश्रम पहुंचते हैं और वहां जानते हैं वृद्धो के हाल इसके बाद जो हुआ उसको देखकर वृद्धो की आंखों में आंसू आ गए जिले का मुखिया उनके भजन सुनने के लिए जमीन पर बिछी दरी पर बैठ गया इसके बाद कलेक्टर ने उनके साथ भोजन भी किए

छात्रावास पहुंचे और छात्रों से की बात

कलेक्टर एकाएक रायसेन के एक छात्रावास में पहुंचते हैं छात्र उन्हें देखकर चौंक जाते हैं जिले का अधिकारी एकाएक रात में लेकिन कलेक्टर बड़े सहज भाव से उनके भविष्य के बारे में पूछते हैं वही उनके साथ भोजन की टेबल पर बैठ जाते हैं

साहब ने बनाया मीटिंग का बहाना तो कलेक्टर ने ली जमकर खबर

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल के डीजीएम साहब जनसुनवाई में नहीं आए और अपने सहायक राजस्व ऑफिसर जितेंद्र शर्मा  को भेज दिया कलेक्टर साहब ने पूछा आप कौन साहब कहां हैं आपके जवाब मिला साहब मीटिंग में है कलेक्टर ने बिजली कंपनी के डीजीएम पराग धावड़े को मोबाइल लगा कर पूछा आप  क्यों नहीं आए किसके लिए काम करते हैं जनता के लिए तो जनता से मिलना आपको पसंद नहीं है फिर तो साहब10 मिनट में हाजिर हो गए अब जनता कह रही है वाह कलेक्टर साहब वाह

साहब की हिदायत जिला अधिकारी ही आकर जवाब देंगे

कलेक्टर ने साफ-साफ कह दिया है की जनसुनवाई में जिला अधिकारी ही उपस्थित हो अपने सेकंड स्तर के अधिकारियों को ना भेजें
ऐसे फैसलों और घटनाओं के कारण जिले में कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा का नाम चर्चा में है। जनता कह रही है—”वाह कलेक्टर साहब, वाह! आपका तो अंदाज निराला है।


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