भंडारे का भोजन खाने वाले 200 से अधिक ग्रामीणों की हालत बिगड़ी, गांव में अस्थायी अस्पताल, जिला मुख्यालय से पहुंची चिकित्सा टीम, 60 लोग गंभीर

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रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
शिवपुरी, मध्यप्रदेश | शिवपुरी जिले के करैरा विकासखंड के मामोनी कला गांव में आयोजित धार्मिक अनुष्ठान के दौरान भंडारे का भोजन करने से 200 से अधिक लोग बीमार पड़ गए। इनमें से 60 लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिन्हें करैरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती किया गया है।
शनिवार को आयोजित प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भंडारे का आयोजन हुआ था, जहां बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने प्रसादी ग्रहण की। लेकिन, कुछ ही घंटों बाद लोगों को उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायतें होने लगीं। हालात को देखते हुए गांव के विद्यालय और आंगनवाड़ी केंद्र को अस्थायी अस्पताल में बदलकर उपचार शुरू किया गया।

  • भंडारे का प्रसाद बना बीमारी की वजह, 200 से ज्यादा लोग अस्पताल में
  • फूड पॉइजनिंग से हाहाकार, स्कूल और आंगनबाड़ी बने अस्थायी अस्पताल
  • धार्मिक आयोजन में लापरवाही? बासी भोजन से 200 ग्रामीण बीमार
  • स्वास्थ्य विभाग सतर्क, डॉक्टरों की टीम गांव में तैनात
  • फूड सेफ्टी पर सवाल, प्रशासन करेगा भोजन के नमूने की जांच

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम तैनात

रविवार को कुछ ग्रामीणों ने बचा हुआ भोजन भी खा लिया, जिससे प्रभावितों की संख्या और बढ़ गई। मामोनी कला, लड़ाईपुरा और तरपन मजरा टपरों में रहने वाले कई ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ने के बाद सबसे पहले करैरा सीएचसी से चिकित्सा दल भेजा गया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शिवपुरी जिला मुख्यालय से भी डॉक्टरों की टीम मौके पर रवाना हुई। स्वास्थ्य विभाग ने कुल 6 डॉक्टरों की टीम तैनात की है, जिसमें मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. एस.के. पिप्पल, बीएमओ डॉ. रोहित भदकारिया सहित अन्य चिकित्सा कर्मी और नर्सिंग स्टाफ शामिल हैं।

भोजन विषाक्त होने की आशंका, प्रशासन कर रहा जांच

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. संजय ऋषीश्वर ने बताया कि प्राथमिक जांच में फूड पॉइजनिंग का मामला सामने आया है। भंडारे की प्रसादी और बासी भोजन के सेवन से ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।

फिलहाल, 60 लोगों को करैरा सीएचसी में भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है, जबकि अन्य मरीजों का इलाज गांव में ही चल रहा है। प्रभावितों में बच्चों और बुजुर्गों की संख्या अधिक बताई जा रही है। प्रशासन अब इस मामले की गहन जांच कर भोजन के सैंपल परीक्षण के लिए भेजने की तैयारी कर रहा है।

घटना के बाद प्रशासन सतर्क, प्रभावितों को हरसंभव सहायता

ग्रामीणों की बिगड़ती हालत को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन हाई अलर्ट पर है। पीड़ितों को उचित चिकित्सा सुविधा देने के लिए अतिरिक्त दवाइयां और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

इस घटना ने धार्मिक आयोजनों में भोजन की स्वच्छता और गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भविष्य में स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
लिहाजा अब प्रशासन भविष्य में ऐसे आयोजनों में खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की योजना बना रहा है।

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