प्रयागराज | 29 जनवरी 2025: महाकुंभ के अवसर पर संगम तट पर मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ ने पूरे महाकुंभ मेले को झकझोर कर रख दिया। हादसा रात एक बजे के आस-पास हुआ, जब अचानक बड़ी संख्या में श्रद्धालु एक साथ स्नान के लिए संगम की ओर बढ़ने लगे। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम के बाद भगदड़ मच गई, जिससे कई लोगों के घायल होने और कुछ लोगों की मौत की सूचना सामने आई है।
हालांकि, प्रशासन ने इस घातक हादसे की संख्या की पुष्टि नहीं की है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कम से कम एक दर्जन लोगों की मौत की खबर है।
घटना के बाद हालात कुछ समय के लिए पूरी तरह नियंत्रण से बाहर हो गए थे। लेकिन तत्परता से आई एंबुलेंस सेवाओं और सुरक्षा बलों के प्रयासों से घायलों को तुरंत अस्पतालों में भर्ती कराया गया। अधिकारियों का कहना है कि अब स्थिति सामान्य है और लोग वापस स्नान करने के लिए संगम क्षेत्र में जा रहे हैं।
घटना के बाद प्रशासन ने तत्काल सुरक्षा उपायों को कड़ा किया। संगम तट पर बैरिकेडिंग हटा दी गई और अधिक संख्या में पुलिस तथा अर्धसैनिक बल तैनात किए गए। इसके बावजूद भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु मौके पर मौजूद हैं। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी प्रकार की कोई और अप्रिय घटना न घटे, जिसके बाद अब स्नान के लिए बेरीगेट्स खोले गए हैं।
महाकुंभ के इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बातचीत की। पीएम मोदी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए राज्य सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
हादसे के बाद अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान को स्थगित कर दिया है। दरअसल, अखाड़ा परिषद ने एकतरफा निर्णय लिया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब किसी भी धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन नहीं किया जाएगा। महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी ने घटना के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह समय था जब मेले की जिम्मेदारी सेना को सौंप दी जाती, ताकि किसी प्रकार का अनियंत्रित हालात पैदा न हो।
हालांकि, अब स्थिति सामान्य हो चुकी है और संगम पर श्रद्धालु अपने-अपने स्नान के लिए पहुंचे हैं। एनएसजी की तैनाती के बाद स्थिति को काबू में कर लिया गया है, और अब श्रद्धालुओं के लिए स्नान की अनुमति दी जा रही है। सुरक्षा बलों के कड़े पहरे के बावजूद लोग संगम के तट पर पहुंच रहे हैं।
माहौल फिर से सामान्य हो जाने के बावजूद महाकुंभ के इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। अब प्रशासन इस बात का ध्यान रखेगा कि आने वाले दिनों में ऐसी कोई भी अप्रिय घटना न घटे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे अहम प्राथमिकता होगी।
यह हादसा महाकुंभ की सबसे बड़ी घटना बन कर सामने आया है, और इसके बाद प्रशासन और आयोजकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वे भविष्य में इस तरह की किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।
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Author: Raju Atulkar
"पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, जिम्मेदारी भी है…" साल 2015 से कलम की स्याही से सच को उजागर करने की यात्रा जारी है। समसामयिक मुद्दों की बारीकियों को शब्दों में ढालते हुए समाज का आईना बनने की कोशिश। — राजू अतुलकर, तेजस रिपोर्टर डिजिटल