अ. संवाददाता-राजेश जैन दद्दू
अजमेर | राजस्थान के नारेली क्षेत्र में आचार्य विद्यासागर के अद्वितीय जीवन और उपदेशों पर आधारित पैनोरमा का निर्माण होने जा रहा है। यह निर्माण नारेली बाईपास स्थित ज्ञानोदय तीर्थ के सामने किया जाएगा। इस ऐतिहासिक परियोजना का शुभारंभ 19 जनवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के करकमलों से होगा।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत भी मौजूद रहेंगे। जैन समाज के विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने इस आयोजन की तैयारी को लेकर बैठक में भाग लिया।

आचार्य विद्यासागर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने की पहल
नारेली में बनेगा आचार्य विद्यासागर का भव्य पैनोरमा
जैन संतों के संघों का संगम: ऐतिहासिक शिलान्यास समारोह
आध्यात्मिक धरोहर के रूप में विकसित होगा अजमेर
राजस्थान का गौरव : जैन आचार्य पर आधारित पहला पैनोरमा
आचार्य के जीवन का होगा भव्य चित्रण
पैनोरमा में आचार्य विद्यासागर के जीवन और शिक्षाओं को दृश्य-श्रव्य माध्यमों के जरिए प्रस्तुत किया जाएगा। अजमेर, जो उनकी दीक्षा स्थली भी है, इस पैनोरमा के कारण एक नए तीर्थ स्थल के रूप में विकसित होगा। पैनोरमा का उद्देश्य आचार्य विद्यासागर के व्यक्तित्व, उनकी शिक्षाओं और उनकी स्मृतियों को चिरस्थायी बनाना है।
धर्म प्रचारक राजेश जैन दद्दू और कुणाल जैन ने बताया कि यह पैनोरमा प्राधिकरण के सहयोग से निर्मित होगा। इस परियोजना की योजना प्राधिकरण अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत के विशेष प्रयासों से तैयार की गई है। निर्माण कार्य भी प्राधिकरण की देखरेख में होगा।
तीन संघों का विशेष सान्निध्य
इस भव्य आयोजन में जैन संतों के तीन संघों का भी विशेष सान्निध्य प्राप्त होगा। उपाध्याय वृषभानंद अपने संघ के साथ जिनशासन तीर्थ क्षेत्र में पहले से मौजूद हैं। मुनि प्रणम्य सागर और मुनि नीरज सागर अपने-अपने संघों के साथ क्रमशः किशनगढ़ और सरवाड़ से अजमेर की ओर विहार कर रहे हैं। ये संघ 16 जनवरी तक अजमेर पहुंचेंगे।
बैठक में हुआ जिम्मेदारियों का निर्धारण
शिलान्यास समारोह की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में जैन समाज के वरिष्ठ जनों ने विभिन्न दायित्वों का निर्धारण किया। इस बैठक में ब्रह्मचारी शशांक, अजय दनगासिया, पुखराज पहाड़िया, प्रमोद सोनी, सुनील ढिलवारी, राजकुमार गोधा, प्रदीप पाटनी, प्रवीण गदिया, विजय जैन और लोकेश जैन सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
पैनोरमा की अनूठी विशेषताएं
यह पैनोरमा न केवल आचार्य विद्यासागर जी महामुनिराज के जीवन को समझने का माध्यम बनेगा, बल्कि उनकी शिक्षाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी एक अनूठा प्रयास होगा। यह स्थान भविष्य में जैन धर्मावलंबियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
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Author: Tejas Reporter
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