गांव में खून-खराबा : जमीन विवाद में सरपंच परिवार पर जानलेवा हमला, एक की मौत, तीन घायल, 18 पर मामला दर्ज

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रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
शिवपुरी, मध्यप्रदेश | शहर के सोहोर थाना क्षेत्र से एक दर्दनाक घटना ने सभी को झकझोर दिया है। सरपंच परिवार पर हुए जानलेवा हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। फिलहाल सभी घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। इस मामले में पुलिस ने 18 लोगों पर हत्या का प्रकरण दर्ज किया है और आरोपियों पर ₹10,000 का इनाम भी घोषित किया गया है।

  • शिवपुरी में सरपंच परिवार पर हमला, जान गंवाई रिश्तेदार ने
  • गांव के खेत में खूनी खेल: जमीन विवाद ने ली एक जान
  • सीहोर में सरपंच परिवार पर हमला, 18 पर हत्या का केस
  • शिवपुरी में जमीन के लिए खूनी संघर्ष, 14 साल पुराना विवाद
  • सरपंच के रिश्तेदार की हत्या, पुलिस ने आरोपियों पर इनाम रखा

जमीन विवाद ने लिया खूनी रूप

घटना ग्राम कांकर की है, जहां सरपंच राजा भैया गुर्जर और उनके परिवार पर लाठी-डंडों से हमला किया गया। बताया जा रहा है कि हमलावरों और सरपंच परिवार के बीच लंबे समय से खेत की मेढ़ और रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था। यह विवाद वर्ष 2011 और 2018 में भी खूनी संघर्ष में तब्दील हुआ था।
शुक्रवार शाम को जब राजा भैया, उनके भाई वीरेंद्र गुर्जर, अभिषेक गुर्जर, भतीजा हरिओम, और मौसा राधाकृष्ण गुर्जर खेत पर मौजूद थे, तब माखन राजावत और उनके परिवार के शिवम्, हीरेन्द्र, राजवीर, निहाल सहित अन्य हमलावरों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों ने लाठियों से पिटाई की और परिवार के चार सदस्यों को गंभीर रूप से घायल कर दिया।

रिश्तेदार बने हमले का शिकार

हमले में 50 वर्षीय राधाकृष्ण गुर्जर और उनके 23 वर्षीय बेटे सतेंद्र को निशाना बनाया गया। वे दोनों गांव में रिश्तेदारों से मिलने आए थे। बीच-बचाव करने पर हमलावरों ने उन्हें बेरहमी से पीटा। राधाकृष्ण की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सतेंद्र को गंभीर चोटें आईं, जिसमें सिर पर 22 टांके और पैर में गंभीर फ्रैक्चर शामिल हैं।

पुलिस की कार्रवाई और विवाद की पृष्ठभूमि

पुलिस ने घटना के बाद 18 आरोपियों पर हत्या का मामला दर्ज किया है। इनमें शिवम, माखन, शिवराज, हीरेन्द्र, और हरेन्द्र राजावत समेत अन्य शामिल हैं। यह विवाद सिर्फ शुक्रवार की घटना तक सीमित नहीं है, बल्कि पिछले 14 वर्षों से दोनों परिवारों के बीच जमीन पर कब्जे को लेकर संघर्ष जारी है। 2011 में भी दोनों परिवारों के बीच गोलीबारी हुई थी।
2018 में सरपंच राजा भैया पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था। 2022 के पंचायत चुनाव के बाद से तनाव और बढ़ गया, जब राजा भैया ने चुनाव जीत लिया। आरोपियों को यह हार अपनी प्रतिष्ठा के खिलाफ लगी, और तब से वे बदले की आग में सुलग रहे थे।
पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं। पोस्टमॉर्टम के बाद राधाकृष्ण के शव को परिवार को सौंप दिया गया। वहीं, सरपंच राजा भैया ने अपनी जान पर खतरे की आशंका जाहिर की है।

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