हनुमान भक्त राजदास त्यागी, अयोध्या यात्रा : कोहरे और शीतलहर के बीच प्रतिदिन लेटकर यात्रा

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रिपोर्ट-अतुल कुमार जैन
अयोध्या के लिए अनोखी यात्रा पर निकले राजदास त्यागीखनियांधाना के पास जय घाटी स्थित गढ़ सरकार हनुमान मंदिर से 50 वर्षीय साधु राजदास त्यागी ने अपनी अद्वितीय यात्रा प्रारंभ की है। वह दिसंबर महीने से लेटकर अयोध्या जाने का कठिन तप कर रहे हैं। शीतलहर और घने कोहरे के बावजूद, साधु राजदास प्रतिदिन 5 किलोमीटर की यात्रा लेटकर पूरी कर रहे हैं। साधु वेश में वह इस संकल्प को पूरा करने के लिए केवल फलाहार ग्रहण करते हैं और निराहार रहते हैं। प्रातः यात्रा आरंभ करते समय वह मौन व्रत धारण करते हैं, जिससे उनका मनोबल और आस्था प्रबल होती है।
स्थानीय निवासी पूनम यादव और कार्तिक रजक ने बताया कि यह यात्रा रामनवमी या गंगा दशहरा तक अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है। इस कठिन तपस्या में उनके शिष्य भी उनका साथ दे रहे हैं।

  • हनुमान भक्त राजदास त्यागी का अयोध्या तक लेटकर सफर
  • बिना भोजन, केवल फलाहार पर निर्भर साधु की प्रेरणादायक तपस्या
  • जेरा घाटी का गढ़ सरकार मंदिर बना आस्था और विकास का केंद्र
  • अखंड रामायण पाठ और गौशाला : ग्रामीण सहयोग से जीवंत हुआ हनुमान मंदिर
  • साधु राजदास का त्याग और समर्पण : एक मिसाल

जेरा घाटी का गढ़ सरकार मंदिर बना प्रेरणा स्थल

पिछोर विधानसभा क्षेत्र की जेरा घाटी, जो कभी अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाना मानी जाती थी, आज आस्था और आध्यात्म का केंद्र बन चुकी है। साधु राजदास त्यागी के नेतृत्व में गढ़ सरकार हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार ग्रामीणों के सहयोग से किया गया। मंदिर में गौशाला का संचालन हो रहा है, जहां दर्जनों गायों की देखभाल की जाती है। इसके साथ ही, नव दुर्गा मंदिर का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
मंदिर में प्रतिदिन अखंड रामायण पाठ का आयोजन होता है। इस पाठ का संचालन आसपास के गांवों के परिवारों द्वारा निर्धारित दिन और समय पर किया जाता है। रामचरितमानस पाठ की समाप्ति पर भंडारा आयोजित होता है, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं।

ग्रामीणों के सहयोग से जीवंत हुआ आयोजन

मंदिर में हर वर्ष संपूर्ण रामचरितमानस के पाठ के उपलक्ष्य में महायज्ञ, विशाल भंडारा और मेले का आयोजन होता है। यह आयोजन ग्रामीण एकता और आस्था का प्रतीक है, जहां हर परिवार तन-मन-धन से सहयोग करता है।
राजदास त्यागी के इस तप और समर्पण ने न केवल धार्मिक श्रद्धा को मजबूत किया है, बल्कि जेरा घाटी को एक सकारात्मक और प्रेरणादायक स्थान के रूप में पहचान दिलाई है।

साधना का संदेश :

राजदास त्यागी की यह यात्रा दिखाती है कि सच्ची आस्था और समर्पण के साथ असंभव कार्य भी संभव हो सकते हैं। उनके इस प्रयास ने न केवल हनुमान भक्ति को नया आयाम दिया है, बल्कि समाज में धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश भी फैलाया है।

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Author: Tejas Reporter

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